नई दिल्ली : अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने कोरोना टीके को लेकर बड़ी बात कही है. उन्होंने कहा कि भारत अमेरिका के COVID-19 टीकों की आवंटन योजना का प्रमुख हिस्सा होगा. टीएस संधू ने कहा अमेरिका ने रक्षा उत्पादन अधिनियम को हटाने की भी घोषणा की, जिसका अर्थ है कि अब और प्राथमिकता आपूर्ति की आवश्यकता नहीं होगी. यह विशेष रूप से एस्ट्राजेनेका और नोवाक्स के लिए वैक्सीन निर्माण के लिए आपूर्ति श्रृंखला को और सुचारू करेगा.
बता दें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने देश में कोविड-19 टीके की अतिरिक्त 75 प्रतिशत खुराकें संयुक्त राष्ट्र के सहयोग वाली 'कोवैक्स' पहल को आवंटित करने की योजना की घोषणा की थी. इसके तहत अतिरिक्त 2.5 करोड़ खुराकों में पहली किस्त के तौर पर करीब 1.9 करोड़ खुराकें दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया के साथ अफ्रीका के लिए आवंटित की जाएंगी. अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दुनिया के तीन अन्य नेताओं से इस संबंध में बातचीत की और उन्हें बताया कि अमेरिका संबंधित देशों को कोविड-19 रोधी टीके की 2.5 करोड़ खुराकें साझा करेगा.
राष्ट्रपति बाइडेन ने एक बयान में विस्तार से बताया कि अमेरिका 2.5 करोड़ टीकों का आवंटन किस प्रकार करेगा. बाइडेन ने कहा कम से कम 75 प्रतिशत खुराकें- करीब 1.9 करोड़ खुराकें कोवैक्स पहल के जरिए साझा की जाएंगी. इसमें लातिन अमेरिका और कैरेबियाई क्षेत्र को साठ लाख, दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया को 70 लाख और करीब पचास लाख खुराकें अफ्रीका को दी जाएंगी. बाइडेन ने कहा बाकी साठ लाख खुराकें सीधे उन देशों को दी जाएंगी जहां पर संक्रमण के मामले बढ़े हैं, जो संकट में हैं। इसमें अमेरिका अपने भागीदार और कनाडा, मैक्सिको समेत पड़ोसियों, भारत और कोरिया गणराज्य को टीके देगा.
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पिछले कुछ समय से बाइडेन प्रशासन पर भारत जैसे देशों में अतिरिक्त खुराकें भेजने के लिए लगातार दबाव बढ़ रहा था जहां टीके की किल्लत पैदा हो गयी है. बाइडेन ने कहा हम कनाडा और मैक्सिको के साथ 40 लाख से ज्यादा खुराकें पहले ही साझा कर चुके हैं और पिछले महीने मैंने घोषणा की थी कि जून अंत तक अमेरिका दुनिया के साथ आठ करोड़ खुराकें साझा करेगा. उन्होंने कहा कि महामारी को खत्म करने और वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा की बेहतरी के लिए मजबूत अमेरिकी नेतृत्व बहुत जरूरी है.