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विदेश, रक्षा मंत्रियों के बीच 'टू प्‍लस टू' मंत्रिस्‍तरीय संवाद शुरू करने पर सहमत हुए भारत, रूस

प्रधानमंत्री मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन से कोविड-19 से उत्पन्न स्थितियों के बारे में चर्चा की. इस दौरान दोनो नेताओं ने 'टू प्‍लस टू' मंत्रिस्‍तरीय संवाद शुरू करने पर सहमति जताई.

India Russia Relations
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Published : Apr 29, 2021, 7:10 AM IST

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात की और कोविड-19 से उत्पन्न स्थितियों के बारे में चर्चा की. रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए दोनों नेता विदेश और रक्षा मंत्रियों के बीच 'टू प्‍लस टू' मंत्रिस्‍तरीय संवाद शुरू करने पर भी सहमत हुए. इस दौरान दोनों नेताओं ने अंतरिक्ष अन्वेषण और अक्षय ऊर्जा सहित अन्य क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा की.

दोनों नेताओं के बीच हुई टेलीफोनिक वार्ता के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि रूसी राष्ट्रपति ने भारत सरकार और भारत के लोगों के प्रति एकजुटता प्रदर्शित की और कहा कि इस महामारी के खिलाफ जंग में रूस भारत को हरसंभव सहयोग देगा. बयान में कहा गया, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन के प्रति आभार जताया और कहा कि रूस की ओर से भारत को मिला त्वरित सहयोग दोनों देशों के बीच स्थायी सहयोग का संकेत है.'

मोदी ने सिलसिलेवार ट्वीट कर बताया कि बातचीत में भारत और रूस के रक्षा तथा विदेश मंत्रियों के बीच 'टू प्लस टू' मंत्रीस्तरीय वार्ता स्थापति करने पर सहमति जताई गयी. उन्होंने कहा, 'मेरे मित्र राष्ट्रपति पुतिन से आज मेरी अच्छी बातचीत हुई. हमने कोविड-19 से उत्पन्न स्थिति पर चर्चा की और इसके खिलाफ लड़ाई में रूस की ओर से दी जा रही मदद और सहयोग के लिए मैंने राष्ट्रपति पुतिन का धन्यवाद किया.'

उन्होंने कहा, 'अंतरिक्ष अन्वेषण, नवीकरणीय ऊर्जा और हाइड्रोजन इकोनॉमी सहित अन्य क्षेत्रों में हमने अपने विभिन्न द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा की. स्पूतनिक-वी टीके पर हमारे बीच सहयोग से इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में मानवता को मदद मिलेगी.'

भारत ने पिछले दिनों स्पूतनिक- वी के इस्तेामल को मंजूरी दी थी.बयान में कहा गया दोनों नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि रूसी टीके का निर्माण भारत में और भारत, रूस और अन्य देशों के उपयोग के लिए बनाया जाएगा.

पढ़ें-वैक्सीन कूटनीति में आगे रहेगा अमेरिका, रूस बन सकता है महत्वपूर्ण : विशेषज्ञ

भारत के गगनयान कार्यक्रम को मिले रूस के समर्थन और भारत के मानवयुक्त अंतरिक्ष अभियान के लिए चार अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के प्रशिक्षण के रूसी चरण के पूरा होने के प्रति आभार जताया. दोनों नेताओं ने वर्ष 2019 में व्लादिवोस्तोक में पिछले शिखर सम्मेलन के दौरान लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों को याद किया और प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह रूसी राष्ट्रपति के द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन के मद्देनजर भारत की प्रस्तावित यात्रा को लेकर उत्सुक हैं.

उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन दोनों नेताओं के निजी और विश्वसनीय संवाद को आगे बढ़ाने का एक अवसर होगा. बयान में कहा गया कि पुतिन ने 2021 में भारत की अध्यक्षता में होने वाले ब्रिक्स सम्मेलन की सफलता के लिए मोदी को रूस की ओर से पूरा समर्थन का आश्वासन दिया. दोनों नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय और द्विपक्षीय मुद्दों पर संपर्क में बने रहने पर भी सहमति जताई.

रूस ने एक बयान में कहा कि उसके यहां से भारत को जाने वाली चिकित्सा आपूर्ति की पहली खेप में 22 टन उपकरण हैं, जिनमें 20 ऑक्सीजन उत्पादन इकाई, 75 वेंटिलेटर, 150 मेडिकल मॉनिटर और 200,000 पैक दवाइयां शामिल हैं.

पढ़ें-अमेरिका व रूस से चिकित्सा आपूर्ति की पहली खेप शुक्रवार तक पहुंचने की संभावना

बयान में कहा गया है, 'व्लादिमीर पुतिन ने कोरोना वायरस के प्रसार का मुकाबला करने के इस कठिन समय में नरेंद्र मोदी का समर्थन किया और उन्हें भारत में आपात मानवीय सहायता भेजने के निर्णय की सूचना दी.'

उसमें कहा गया है कि दोनों नेताओं ने स्पूतनिक-वी के भारत में पंजीकरण का स्वागत किया और रेखांकित किया कि टीका काफी प्रभावकारी और सुरक्षित है. बयान में कहा गया है, 'उन्होंने इस तथ्य पर भी संतोष व्यक्त किया कि रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष ने भारतीय कंपनियों के साथ स्पूतनिक वी की 85 करोड़ खुराकों का उत्पादन करने के लिए एक समझौता किया है. उत्पादन मई से शुरू होगा.'

ज्ञात हो कि भारत में तेजी से बढ़ते कोविड-19 संक्रमण की तेज गति के मद्देनजर प्रधानमंत्री मोदी विश्व के कई नेताओं से लगातार फोन पर चर्चा कर रहे हैं. पिछले दिनों उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से भी बात की थी.

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात की और कोविड-19 से उत्पन्न स्थितियों के बारे में चर्चा की. रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए दोनों नेता विदेश और रक्षा मंत्रियों के बीच 'टू प्‍लस टू' मंत्रिस्‍तरीय संवाद शुरू करने पर भी सहमत हुए. इस दौरान दोनों नेताओं ने अंतरिक्ष अन्वेषण और अक्षय ऊर्जा सहित अन्य क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा की.

दोनों नेताओं के बीच हुई टेलीफोनिक वार्ता के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि रूसी राष्ट्रपति ने भारत सरकार और भारत के लोगों के प्रति एकजुटता प्रदर्शित की और कहा कि इस महामारी के खिलाफ जंग में रूस भारत को हरसंभव सहयोग देगा. बयान में कहा गया, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन के प्रति आभार जताया और कहा कि रूस की ओर से भारत को मिला त्वरित सहयोग दोनों देशों के बीच स्थायी सहयोग का संकेत है.'

मोदी ने सिलसिलेवार ट्वीट कर बताया कि बातचीत में भारत और रूस के रक्षा तथा विदेश मंत्रियों के बीच 'टू प्लस टू' मंत्रीस्तरीय वार्ता स्थापति करने पर सहमति जताई गयी. उन्होंने कहा, 'मेरे मित्र राष्ट्रपति पुतिन से आज मेरी अच्छी बातचीत हुई. हमने कोविड-19 से उत्पन्न स्थिति पर चर्चा की और इसके खिलाफ लड़ाई में रूस की ओर से दी जा रही मदद और सहयोग के लिए मैंने राष्ट्रपति पुतिन का धन्यवाद किया.'

उन्होंने कहा, 'अंतरिक्ष अन्वेषण, नवीकरणीय ऊर्जा और हाइड्रोजन इकोनॉमी सहित अन्य क्षेत्रों में हमने अपने विभिन्न द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा की. स्पूतनिक-वी टीके पर हमारे बीच सहयोग से इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में मानवता को मदद मिलेगी.'

भारत ने पिछले दिनों स्पूतनिक- वी के इस्तेामल को मंजूरी दी थी.बयान में कहा गया दोनों नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि रूसी टीके का निर्माण भारत में और भारत, रूस और अन्य देशों के उपयोग के लिए बनाया जाएगा.

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भारत के गगनयान कार्यक्रम को मिले रूस के समर्थन और भारत के मानवयुक्त अंतरिक्ष अभियान के लिए चार अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के प्रशिक्षण के रूसी चरण के पूरा होने के प्रति आभार जताया. दोनों नेताओं ने वर्ष 2019 में व्लादिवोस्तोक में पिछले शिखर सम्मेलन के दौरान लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों को याद किया और प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह रूसी राष्ट्रपति के द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन के मद्देनजर भारत की प्रस्तावित यात्रा को लेकर उत्सुक हैं.

उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन दोनों नेताओं के निजी और विश्वसनीय संवाद को आगे बढ़ाने का एक अवसर होगा. बयान में कहा गया कि पुतिन ने 2021 में भारत की अध्यक्षता में होने वाले ब्रिक्स सम्मेलन की सफलता के लिए मोदी को रूस की ओर से पूरा समर्थन का आश्वासन दिया. दोनों नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय और द्विपक्षीय मुद्दों पर संपर्क में बने रहने पर भी सहमति जताई.

रूस ने एक बयान में कहा कि उसके यहां से भारत को जाने वाली चिकित्सा आपूर्ति की पहली खेप में 22 टन उपकरण हैं, जिनमें 20 ऑक्सीजन उत्पादन इकाई, 75 वेंटिलेटर, 150 मेडिकल मॉनिटर और 200,000 पैक दवाइयां शामिल हैं.

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बयान में कहा गया है, 'व्लादिमीर पुतिन ने कोरोना वायरस के प्रसार का मुकाबला करने के इस कठिन समय में नरेंद्र मोदी का समर्थन किया और उन्हें भारत में आपात मानवीय सहायता भेजने के निर्णय की सूचना दी.'

उसमें कहा गया है कि दोनों नेताओं ने स्पूतनिक-वी के भारत में पंजीकरण का स्वागत किया और रेखांकित किया कि टीका काफी प्रभावकारी और सुरक्षित है. बयान में कहा गया है, 'उन्होंने इस तथ्य पर भी संतोष व्यक्त किया कि रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष ने भारतीय कंपनियों के साथ स्पूतनिक वी की 85 करोड़ खुराकों का उत्पादन करने के लिए एक समझौता किया है. उत्पादन मई से शुरू होगा.'

ज्ञात हो कि भारत में तेजी से बढ़ते कोविड-19 संक्रमण की तेज गति के मद्देनजर प्रधानमंत्री मोदी विश्व के कई नेताओं से लगातार फोन पर चर्चा कर रहे हैं. पिछले दिनों उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से भी बात की थी.

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