न्यूयॉर्क : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने साइप्रस के अपने समकक्ष निकोस क्रिस्टोडौलाइड्स (Nikos Christodoulides) के साथ द्विपक्षीय बैठक की, जिसमें उन्होंने साइप्रस के संबंध में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों का पालन करने की आवश्यकता पर जोर दिया.
जयशंकर ने क्रिस्टोडौलाइड्स के साथ अपनी मुलाकात के बारे में बुधवार को ट्वीट किया, 'हम आर्थिक संबंधों को आगे बढ़ाने पर काम कर रहे हैं. मैंने उनकी क्षेत्रीय अंतर्दृष्टि की सराहना की. सभी को साइप्रस के संबंध में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों का पालन करना चाहिये.'
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Delighted to meet FM @Christodulides of Cyprus.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) September 21, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
Working to take our economic ties forward.
Appreciated his regional insights.
Important that relevant UN Security Council resolutions in respect of Cyprus are adhered to by all. pic.twitter.com/pZXPefT9Sj
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— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) September 21, 2021
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तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन में कश्मीर का जिक्र किया था, जिसके कुछ घंटे बाद जयशंकर ने यह ट्वीट किया.
एर्दोआन ने मंगलवार को सामान्य चर्चा में अपने संबोधन में कहा, 'हमारा मानना है कि कश्मीर को लेकर 74 साल से जारी समस्या को दोनों पक्षों को संवाद तथा संयुक्त राष्ट्र के प्रासंगिक प्रस्तावों के जरिये हल करना चाहिये.'
अतीत में भी एर्दोआन ने संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर का मुद्दा उठाया था, जिसपर भारत ने आपत्ति जताई थी.
साइप्रस में लंबे समय से चल रहे संघर्ष की शुरुआत 1974 में यूनान सरकार के समर्थन से हुए सैन्य तख्तापलट से हुई थी. इसके बाद तुर्की ने यूनान के उत्तरी हिस्से पर आक्रमण कर दिया था.
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भारत संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों के तहत इस मामले के शांतिपूर्ण समाधान की वकालत करता रहा है.
(पीटीआई-भाषा)