ETV Bharat / bharat

India rejects comments of UN : भारत ने मणिपुर पर संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञों की टिप्पणियों को खारिज किया, उन्हें 'अनुचित और भ्रामक' बताया

भारत की यह प्रतिक्रिया संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञों के एक समूह द्वारा मणिपुर में गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन और दुर्व्यवहार की रिपोर्टों पर चिंता जताने के बाद आई है. पढ़ें पूरी खबर...

India rejects comments of UN
प्रतिकात्मक तस्वीर
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 5, 2023, 10:02 AM IST

संयुक्त राष्ट्र/जिनेवा : भारत ने मणिपुर पर संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञों की टिप्पणियों को दृढ़ता से खारिज कर दिया है. भारत ने उन टिप्पणियों को अनुचित, अनुमानपूर्ण और भ्रामक बताया है और कहा है कि पूर्वोत्तर राज्य में स्थिति शांतिपूर्ण है. मानवाधिकार उच्चायुक्त के कार्यालय की विशेष प्रक्रिया शाखा को सोमवार को जारी वर्बेल नोट में, भारतीय मिशन ने रेखांकित किया कि मणिपुर में स्थिति शांतिपूर्ण और स्थिर है. भारत सरकार स्थिरता और शांति बनाए रखने के लिए अपेक्षित कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है.

भारतीय मिशन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि सरकार मणिपुर के लोगों सहित भारत के लोगों के मानवाधिकारों की रक्षा के लिए भी प्रतिबद्ध है. भारत का स्थायी मिशन इस तरह की रिपोर्टों का मजबूती से खंडन करता है कि यह न केवल अनुचित, अनुमानपूर्ण और भ्रामक है बल्कि विश्वासघात से भरा हुआ भी है. जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र कार्यालय और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों को भारत के स्थायी मिशन ने सूचित किया कि इन रिपोर्टों में मणिपुर की स्थिति और इसे संबोधित करने के लिए भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को समझा नहीं गया है.

संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञों के एक समूह ने मणिपुर में यौन हिंसा, गैर-न्यायिक हत्याएं, गृह विनाश, जबरन विस्थापन, यातना और दुर्व्यवहार के कथित कृत्यों सहित गंभीर मानवाधिकारों के उल्लंघन और दुर्व्यवहार की रिपोर्टों पर चिंता जताए जतायी जिसके बाद भारत की प्रतिक्रिया आई.

विशेष प्रक्रिया अधिदेश धारकों (एसपीएमएच) द्वारा 'भारत: मणिपुर में जारी दुर्व्यवहार से संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञ चिंतित' शीर्षक से जारी समाचार विज्ञप्ति को खारिज करते हुए, भारत के स्थायी मिशन ने निराशा और आश्चर्य व्यक्त किया कि एसपीएमएच ने 60 दिनों की प्रतीक्षा किए बिना प्रेस विज्ञप्ति जारी करने का फैसला किया. जो कि 29 अगस्त, 2023 को इसी विषय पर जारी एक संयुक्त संचार का जवाब देने के लिए भारत सरकार को मिली अवधि है.

भारतीय मिशन ने उम्मीद जताई कि भविष्य में, एसपीएमएच तथ्यों के आधार पर अपने मूल्यांकन में अधिक उद्देश्यपूर्ण होगा. भारत की ओर से कहा गया कि उम्मीद है कि एसपीएमएच उन घटनाक्रमों पर टिप्पणी करने से परहेज करेगा, जिनका परिषद द्वारा उन्हें दिए गए जनादेश से कोई प्रासंगिकता नहीं है और समाचार विज्ञप्ति जारी करने के लिए स्थापित प्रक्रिया का पालन करेगा और ऐसा करने से पहले भारत सरकार से मांगे गए इनपुट की प्रतीक्षा करेगा.

भारतीय मिशन ने दोहराया कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जिसमें कानून के शासन और हमारे लोगों के मानवाधिकारों को बढ़ावा देने और उनकी रक्षा करने की स्थायी प्रतिबद्धता है. इसमें कहा गया है कि भारतीय कानून प्रवर्तन प्राधिकरण और सुरक्षा बल कानूनी निश्चितता, आवश्यकता, आनुपातिकता और गैर-भेदभाव के सिद्धांतों के अनुसार कानून-व्यवस्था की स्थितियों से सख्ती से निपटने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

ये भी पढ़ें

अपनी समाचार विज्ञप्ति में, संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञों ने कहा था कि वे सभी उम्र की सैकड़ों महिलाओं और लड़कियों और मुख्य रूप से कुकी जातीय अल्पसंख्यक को निशाना बनाने वाली लिंग आधारित हिंसा की रिपोर्टों और छवियों से स्तब्ध थे. कथित हिंसा में सामूहिक बलात्कार, परेड शामिल है विशेषज्ञों ने कहा, महिलाओं को सड़क पर नग्न करना, गंभीर पिटाई से मौत होना और उन्हें जिंदा या मृत जला देना. विशेषज्ञों ने मई 2023 में मुख्य रूप से हिंदू मैतेई और मुख्य रूप से ईसाई कुकी जातीय समुदायों के बीच सामुदायिक संघर्ष के नवीनतम दौर के बाद मणिपुर में गंभीर मानवीय स्थिति के मद्देनजर अपर्याप्त मानवीय प्रतिक्रिया की ओर भी इशारा किया.

(पीटीआई)

संयुक्त राष्ट्र/जिनेवा : भारत ने मणिपुर पर संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञों की टिप्पणियों को दृढ़ता से खारिज कर दिया है. भारत ने उन टिप्पणियों को अनुचित, अनुमानपूर्ण और भ्रामक बताया है और कहा है कि पूर्वोत्तर राज्य में स्थिति शांतिपूर्ण है. मानवाधिकार उच्चायुक्त के कार्यालय की विशेष प्रक्रिया शाखा को सोमवार को जारी वर्बेल नोट में, भारतीय मिशन ने रेखांकित किया कि मणिपुर में स्थिति शांतिपूर्ण और स्थिर है. भारत सरकार स्थिरता और शांति बनाए रखने के लिए अपेक्षित कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है.

भारतीय मिशन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि सरकार मणिपुर के लोगों सहित भारत के लोगों के मानवाधिकारों की रक्षा के लिए भी प्रतिबद्ध है. भारत का स्थायी मिशन इस तरह की रिपोर्टों का मजबूती से खंडन करता है कि यह न केवल अनुचित, अनुमानपूर्ण और भ्रामक है बल्कि विश्वासघात से भरा हुआ भी है. जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र कार्यालय और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों को भारत के स्थायी मिशन ने सूचित किया कि इन रिपोर्टों में मणिपुर की स्थिति और इसे संबोधित करने के लिए भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को समझा नहीं गया है.

संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञों के एक समूह ने मणिपुर में यौन हिंसा, गैर-न्यायिक हत्याएं, गृह विनाश, जबरन विस्थापन, यातना और दुर्व्यवहार के कथित कृत्यों सहित गंभीर मानवाधिकारों के उल्लंघन और दुर्व्यवहार की रिपोर्टों पर चिंता जताए जतायी जिसके बाद भारत की प्रतिक्रिया आई.

विशेष प्रक्रिया अधिदेश धारकों (एसपीएमएच) द्वारा 'भारत: मणिपुर में जारी दुर्व्यवहार से संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञ चिंतित' शीर्षक से जारी समाचार विज्ञप्ति को खारिज करते हुए, भारत के स्थायी मिशन ने निराशा और आश्चर्य व्यक्त किया कि एसपीएमएच ने 60 दिनों की प्रतीक्षा किए बिना प्रेस विज्ञप्ति जारी करने का फैसला किया. जो कि 29 अगस्त, 2023 को इसी विषय पर जारी एक संयुक्त संचार का जवाब देने के लिए भारत सरकार को मिली अवधि है.

भारतीय मिशन ने उम्मीद जताई कि भविष्य में, एसपीएमएच तथ्यों के आधार पर अपने मूल्यांकन में अधिक उद्देश्यपूर्ण होगा. भारत की ओर से कहा गया कि उम्मीद है कि एसपीएमएच उन घटनाक्रमों पर टिप्पणी करने से परहेज करेगा, जिनका परिषद द्वारा उन्हें दिए गए जनादेश से कोई प्रासंगिकता नहीं है और समाचार विज्ञप्ति जारी करने के लिए स्थापित प्रक्रिया का पालन करेगा और ऐसा करने से पहले भारत सरकार से मांगे गए इनपुट की प्रतीक्षा करेगा.

भारतीय मिशन ने दोहराया कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जिसमें कानून के शासन और हमारे लोगों के मानवाधिकारों को बढ़ावा देने और उनकी रक्षा करने की स्थायी प्रतिबद्धता है. इसमें कहा गया है कि भारतीय कानून प्रवर्तन प्राधिकरण और सुरक्षा बल कानूनी निश्चितता, आवश्यकता, आनुपातिकता और गैर-भेदभाव के सिद्धांतों के अनुसार कानून-व्यवस्था की स्थितियों से सख्ती से निपटने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

ये भी पढ़ें

अपनी समाचार विज्ञप्ति में, संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञों ने कहा था कि वे सभी उम्र की सैकड़ों महिलाओं और लड़कियों और मुख्य रूप से कुकी जातीय अल्पसंख्यक को निशाना बनाने वाली लिंग आधारित हिंसा की रिपोर्टों और छवियों से स्तब्ध थे. कथित हिंसा में सामूहिक बलात्कार, परेड शामिल है विशेषज्ञों ने कहा, महिलाओं को सड़क पर नग्न करना, गंभीर पिटाई से मौत होना और उन्हें जिंदा या मृत जला देना. विशेषज्ञों ने मई 2023 में मुख्य रूप से हिंदू मैतेई और मुख्य रूप से ईसाई कुकी जातीय समुदायों के बीच सामुदायिक संघर्ष के नवीनतम दौर के बाद मणिपुर में गंभीर मानवीय स्थिति के मद्देनजर अपर्याप्त मानवीय प्रतिक्रिया की ओर भी इशारा किया.

(पीटीआई)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.