गांधीनगर : अमेरिकी वित्त मंत्री जेनेट येलेन ( US Treasury Secretary Janet Yellen) ने रविवार को कहा कि भारत को अमेरिका विनिर्माण और संसाधन आपूर्ति में सहयोग (फ्रेंडशोरिंग) के लिए एक 'अनिवार्य साझेदार' के रूप में देखता है. मित्र या समान विचारधारा वाले देशों से विनिर्मित उत्पादों या अन्य सेवाओं के व्यापार को फ्रेंडशोरिंग कहते हैं. येलेन ने उम्मीद जताई कि वह अपनी यात्रा का इस्तेमाल दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए करेंगी.
येलेन ने यहां गुजरात में जी20 देशों के वित्त मंत्रियों के साथ अपनी बैठक से पहले संवाददाताओं से कहा कि अमेरिका भारत में 'फ्रेंडशोरिंग' को बढ़ावा दे रहा है. उन्होंने कहा, 'हमारी आपूर्ति श्रृंखलाओं में बढ़ती मजबूती के लिए हमारे दृष्टिकोण का एक महत्वपूर्ण आधार समान विचारधारा वाले देशों से सहयोग है. हम भारत को इसमें एक अनिवार्य भागीदार के रूप में देखते हैं और इस यात्रा का उपयोग इस महत्वपूर्ण रिश्ते को मजबूत करने के लिए किया जाएगा.'
उन्होंने कहा कि अमेरिका-भारत के द्विपक्षीय संबंध अबतक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए हैं और दोनों देश इसे और भी अधिक विकसित होते देखना चाहते हैं. येलेन ने कहा कि भारत के सहयोग में निजी क्षेत्र महत्वपूर्ण है और निजी कंपनियां लगातार भारत में निवेश करने की घोषणाएं कर रही हैं.
येलेन ने कहा कि चीनी अर्थव्यवस्था की सुस्ती वैश्विक अर्थव्यवस्था की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि चीन दुनियाभर के कई देशों के लिए एक बड़ा आयातक है. उन्होंने कहा, 'संबंधों में द्विपक्षीय भागीदारी को लेकर हममें से प्रत्येक की चिंताओं को ईमानदारी से एवं स्पष्ट रूप से व्यक्त करने और उनपर चर्चा करने के अलावा, वैश्विक अर्थव्यवस्था की जरूरतों से निपटना हमारा साझा दायित्व है. और वास्तव में, जबतक अमेरिका और चीन सहयोग नहीं करते, यह कल्पना करना मुश्किल है कि वैश्विक चुनौतियों का समाधान तलाशने की दिशा में प्रगति हो सकती है.'
(पीटीआई-भाषा)