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ब्रिटेन में कोरोना वायरस म्यूटेशन का पता लगने के बाद भारत में अलर्ट

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Published : Dec 21, 2020, 7:20 PM IST

नई दिल्ली में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में ब्रिटेन से आने वाली सभी उड़ानों को निलंबित करने का फैसला किया गया है. इस संबंध में एशियन सोसाइटी फॉर इमरजेंसी मेडिसिन के अध्यक्ष डॉ तमोरिश कोले ने कहा कि इस वायरस की विशेषता यह कि यह वायरस के अन्य संस्करणों को तेजी से बदल रहा है और अगर यह मौजूदा वैक्सीन से नियंत्रित नहीं हुआ, तो यह चिंता पैदा कर सकता है.

डॉ तमोरिश कोले
डॉ तमोरिश कोले

नई दिल्ली : यूनाइटेड किंगडम में सार्स-कोव-2 यानी कोविड-19 वायरस के फिलोजनेटिक (Phylognetic) क्लस्टर का पता लगाने के बाद भारत में कोविड-19 मामलों के बढ़ने की संभावित आशंका को देखते हुए केंद्र सरकार ने मंगलवार से भारत में ब्रिटेन से आने वाली सभी उड़ानों को निलंबित करने का फैसला किया है.

सोमवार को नई दिल्ली में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में यह निर्णय लिया गया.

नागरिक उड्डयन सचिव प्रदीप सिंह खारोला को संबोधित एक पत्र में स्वास्थ्य सचिव भूषण ने कहा कि यूके में सार्स-कोव-2 के फिलोजनेटिक क्लस्टर के कारण कोविड-19 तेजी से फैल रहा है. भूषण ने कहा कि यह कदम कोरोना महामारी को फैलने से रोकने के लिए लिया गया है.

इस दौरान उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत पिछले दो-ढाई महीनों से कोविड-19 मामलों की संख्या में निरंतर गिरावट दर्ज कर रहा. इसके अलावा भारत में महामारी के कारण मरने वालों की संख्या में गिरावट देखी गई है.

भूषण ने स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (DGHS) की अध्यक्षता वाले संयुक्त निगरानी समूह (JMG) और नीति आयोग के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार सदस्य (स्वास्थ्य) की अध्यक्षता वाले वैक्सीन टास्क फोर्स के साथ बैठक की.

बैठक के दौरान भूषण ने कहा कि इस परिदृश्य में, हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों के माध्यम से सार्स- कोव-2 वैरिएंट वायरस की कोई भी मौजूदगी भारत में महामारी प्रबंधन के लिए बड़ा जोखिम पैदा कर सकती है.

इसके अलावा बैठक में यह भी फैसला लिया गया है कि कोरोना को देखते हुए एहतियात के उपाय के रूप में, ब्रिटेन से आने वाले यात्री सभी पारगमन उड़ानों में हवाई अड्डों पर आगमन पर आरटी-पीसीआर परीक्षण अनिवार्य होगा.

इस दौरान अगर कोई भी भारत आने पर पॉजिटिव पाया जाएगा, उसको राज्य सरकार द्वारा बनाए गए आइसोलेशन अस्पताल में पृथक कर दिया जाएगा, जबकि जो यात्री नेगेटिव पाए जाएंगे, उनका हवाई अड्डों पर आगमन पर आरटी-पीसीआर परीक्षण अनिवार्य होगा. साथ ही उसे सात दिन के लिए घर पर पृथक किया जाएगा और उनकी निगरानी राज्य द्वारा की जाएगी.

पढ़ें - ब्रिटेन से भारत आने वाली सभी उड़ानों पर 31 दिसंबर तक रोक

ईटीवी भारत से बात करते हुए एशियन सोसाइटी फॉर इमरजेंसी मेडिसिन के अध्यक्ष डॉ तमोरिश कोले ने कहा कि इस वायरस की विशेषता यह कि यह वायरस के अन्य संस्करणों को तेजी से बदल रहा है. इस वायरस ने उत्परिवर्तन जीनोम में असाधारण रूप से बड़े बदलाव प्रदर्शित किए हैं.

डॉ कोले ने बताया कि हालांकि, अभी तक इस बात का कोई सबूत नहीं है कि वैरिएंट के कारण वायरस अधिक घातक बनता है और अभी तक जो वैक्सीन विकसित की गई है, वो इस पर काम करेगी या नहीं.

उन्होंने कहा कि अगर वायरस इस हद तक बदल जाता है कि यह वैक्सीन के पूर्ण प्रभाव को चकमा दे, तो हम वैक्सीन एस्केप नामक स्थिति में आ जाएंगे, जोकि एक वैश्विक स्वास्थ्य चिंता है.

दिलचस्प बात यह है कि इटली के स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी कहा है कि उसने कोविड-19 के नए संक्रमित मरीज का पता लगाया है. सरकार ने कहा है कि मरीज और उसका साथी पिछले कुछ दिनों ब्रिटेन से रोम लौटे हैं.

वहीं, ब्रिटेन में कोरोना वायरस म्यूटेशन का पता लगाने के बाद ब्रिटिश सरकार ने रविवार से लॉकडाउन लगा दिया है.

नई दिल्ली : यूनाइटेड किंगडम में सार्स-कोव-2 यानी कोविड-19 वायरस के फिलोजनेटिक (Phylognetic) क्लस्टर का पता लगाने के बाद भारत में कोविड-19 मामलों के बढ़ने की संभावित आशंका को देखते हुए केंद्र सरकार ने मंगलवार से भारत में ब्रिटेन से आने वाली सभी उड़ानों को निलंबित करने का फैसला किया है.

सोमवार को नई दिल्ली में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में यह निर्णय लिया गया.

नागरिक उड्डयन सचिव प्रदीप सिंह खारोला को संबोधित एक पत्र में स्वास्थ्य सचिव भूषण ने कहा कि यूके में सार्स-कोव-2 के फिलोजनेटिक क्लस्टर के कारण कोविड-19 तेजी से फैल रहा है. भूषण ने कहा कि यह कदम कोरोना महामारी को फैलने से रोकने के लिए लिया गया है.

इस दौरान उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत पिछले दो-ढाई महीनों से कोविड-19 मामलों की संख्या में निरंतर गिरावट दर्ज कर रहा. इसके अलावा भारत में महामारी के कारण मरने वालों की संख्या में गिरावट देखी गई है.

भूषण ने स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (DGHS) की अध्यक्षता वाले संयुक्त निगरानी समूह (JMG) और नीति आयोग के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार सदस्य (स्वास्थ्य) की अध्यक्षता वाले वैक्सीन टास्क फोर्स के साथ बैठक की.

बैठक के दौरान भूषण ने कहा कि इस परिदृश्य में, हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों के माध्यम से सार्स- कोव-2 वैरिएंट वायरस की कोई भी मौजूदगी भारत में महामारी प्रबंधन के लिए बड़ा जोखिम पैदा कर सकती है.

इसके अलावा बैठक में यह भी फैसला लिया गया है कि कोरोना को देखते हुए एहतियात के उपाय के रूप में, ब्रिटेन से आने वाले यात्री सभी पारगमन उड़ानों में हवाई अड्डों पर आगमन पर आरटी-पीसीआर परीक्षण अनिवार्य होगा.

इस दौरान अगर कोई भी भारत आने पर पॉजिटिव पाया जाएगा, उसको राज्य सरकार द्वारा बनाए गए आइसोलेशन अस्पताल में पृथक कर दिया जाएगा, जबकि जो यात्री नेगेटिव पाए जाएंगे, उनका हवाई अड्डों पर आगमन पर आरटी-पीसीआर परीक्षण अनिवार्य होगा. साथ ही उसे सात दिन के लिए घर पर पृथक किया जाएगा और उनकी निगरानी राज्य द्वारा की जाएगी.

पढ़ें - ब्रिटेन से भारत आने वाली सभी उड़ानों पर 31 दिसंबर तक रोक

ईटीवी भारत से बात करते हुए एशियन सोसाइटी फॉर इमरजेंसी मेडिसिन के अध्यक्ष डॉ तमोरिश कोले ने कहा कि इस वायरस की विशेषता यह कि यह वायरस के अन्य संस्करणों को तेजी से बदल रहा है. इस वायरस ने उत्परिवर्तन जीनोम में असाधारण रूप से बड़े बदलाव प्रदर्शित किए हैं.

डॉ कोले ने बताया कि हालांकि, अभी तक इस बात का कोई सबूत नहीं है कि वैरिएंट के कारण वायरस अधिक घातक बनता है और अभी तक जो वैक्सीन विकसित की गई है, वो इस पर काम करेगी या नहीं.

उन्होंने कहा कि अगर वायरस इस हद तक बदल जाता है कि यह वैक्सीन के पूर्ण प्रभाव को चकमा दे, तो हम वैक्सीन एस्केप नामक स्थिति में आ जाएंगे, जोकि एक वैश्विक स्वास्थ्य चिंता है.

दिलचस्प बात यह है कि इटली के स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी कहा है कि उसने कोविड-19 के नए संक्रमित मरीज का पता लगाया है. सरकार ने कहा है कि मरीज और उसका साथी पिछले कुछ दिनों ब्रिटेन से रोम लौटे हैं.

वहीं, ब्रिटेन में कोरोना वायरस म्यूटेशन का पता लगाने के बाद ब्रिटिश सरकार ने रविवार से लॉकडाउन लगा दिया है.

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