नई दिल्ली : पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पूरी (Petroleum Minister Hardeep Singh Puri) ने कहा कि घरेलू उत्पादन बढ़ाने और आयातित ईंधन पर निर्भरता कम करने (raising domestic output and cut reliance on imported fuel) का लक्ष्य तय किया है. जिसके तहत भारत 2025 तक तेल और गैस की खोज और उत्पादन (exploration and production of oil and gas) के क्षेत्र को दोगुना से अधिक 0.5 मिलियन वर्ग किलोमीटर करेगा. वहीं, 2030 तक इसे बढ़ाकर एक मिलियन वर्ग किमी करने का लक्ष्य भी है.
पेट्रोलियम मंत्री यहां विश्व ऊर्जा नीति शिखर सम्मेलन (World Energy Policy Summit) 2022 में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता निकट भविष्य में अपनी बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए हाइड्रोकार्बन पर निर्भर (rely on hydrocarbons to meet its energy needs) रहेगा. फिलहाल भारत का 85 फीसदी तेल और 50 फीसदी प्राकृतिक गैस की जरूरत आयात से पूरी की जा रही है. इसका प्रमुख कारण घरेलू उत्पादन में कमी (inadequate domestic production) है.
उन्होंने कहा कि घरेलू तेल और गैस के उत्पादन में वृद्धि के लक्ष्य (objective of increased domestic production of oil and gas) के साथ हमने 2025 तक अन्वेषण और उत्पादन के क्षेत्र को 0.5 मिलियन वर्ग किमी और 2030 तक एक मिलियन वर्ग किमी तक बढ़ाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया है.
पिछले पांच सालों में नई ओपन एकरेज लाइसेंसिंग नीति (Open Acreage Licensing Policy- OALP) के तहत रकबे की नीलामी के सात दौर ने तेल और गैस के लिए खोज के तहत क्षेत्र को दोगुना कर 207,692 (0.2 मिलियन) वर्ग किमी किया गया है. पुरी ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था 2025 तक तीन ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर पांच ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर और 2030 तक 10 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर हो जाएगी. तब तक ऊर्जा की मांग में भी वृद्धि होगी. उन्होंने कहा कि 2050 तक बीपी एनर्जी आउटलुक के अनुमानों के अनुसार, विश्व में ऊर्जा की मांग में भारत का हिस्सा मौजूदा छह प्रतिशत से बढ़कर 12 प्रतिशत होने की उम्मीद है.
भारत के 2027 तक कार्बन उत्सर्जन को शून्य करने के लक्ष्य (India's target to reach net-zero carbon emissions) का हरदीप सिंह पुरी ने जिक्र किया. उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले ही हाइड्रोकार्बन नीति में बदलाव के लिए कई कदम उठाए हैं, जिससे देश के लिए ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित की (India's hydrocarbon policy to ensure energy security) जा सके.