नई दिल्ली: भारत-नेपाल के उच्चाधिकारियों ने सीमा पार रेल परियोजनाओं की समीक्षा के लिए बैठक की. विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि भारत और नेपाल ने 5वीं संयुक्त कार्य समूह (JWG) और 7वीं परियोजना संचालन समिति (पीएससी) की बैठकें 6-7 अक्टूबर को नई दिल्ली में आयोजित की गईं. इनका मकसद सीमा पार चल रहे रेलवे लिंक के कार्यान्वयन और समग्र द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा करना था.
भारतीय पक्ष से JWG का नेतृत्व रेल मंत्रालय के कार्यकारी निदेशक (यातायात परिवहन-माल) डॉ. मनोज सिंह और विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव अनुराग भूषण ने किया जबकि नेपाली पक्ष का नेतृत्व भौतिक अवसंरचना और परिवहन मंत्रालय के संयुक्त सचिव केशव कुमार शर्मा ने किया.
दोनों देशों के बीच एमओयू साइन
विदेश मंत्रालय के अनुसार दोनों पक्षों ने रक्सौल और काठमांडू के बीच जयनगर-कुर्था खंड पर यात्री ट्रेन सेवाओं की शुरुआत के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) और प्रस्तावित ब्रॉड गेज रेलवे लाइन के अंतिम स्थान सर्वेक्षण (एफएलएस) के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए.
एसओपी यात्री ट्रेनों को चलाने के तकनीकी पहलू प्रदान करते हैं और नेपाल के साथ सीमा पार रेलवे लिंक में रेल सेवाओं की शीघ्र शुरुआत के लिए एक मार्गदर्शक दस्तावेज के रूप में काम करेंगे.
प्रस्तावित रक्सौल-काठमांडू ब्रॉड गेज रेलवे लाइन भारत और नेपाल के बीच कनेक्टिविटी को और बढ़ावा देगी.
जयनगर-कुर्था लाइन पर भी चर्चा
दोनों पक्षों ने भारत सरकार से अनुदान सहायता से बनाए जा रहे भारत और नेपाल के बीच जयनगर-बिजलपुरा-बरदीबास और जोगबनी-विराटनगर ब्रॉड गेज रेलवे लाइनों के चल रहे कार्यों पर भी चर्चा की. यात्री ट्रेन सेवाओं के संचालन के लिए जयनगर (भारत) से कुर्था (नेपाल) तक रेलवे लाइन के 34 किमी लंबे खंड की तकनीकी तैयारियों की भी समीक्षा की गई.
नेपाली पक्ष ने यह भी बताया कि शीघ्र संचालन की सुविधा के लिए एक आवश्यक नियामक ढांचा तैयार किया जाएगा. रेलवे लाइन के कुर्था से बिलाजपुरा (17.25 किमी) खंड के लिए नेपाल पक्ष ने जल्द से जल्द काम पूरा करने के लिए आवश्यक सुविधा प्रदान करने का आश्वासन दिया.
दोनों पक्ष 18.6 किलोमीटर लंबे जोगबनी-विराटनगर रेल लिंक को पूरा करने और इसके शीघ्र संचालन के काम में तेजी लाने पर भी सहमत हुए. रक्सौल-काठमांडू ब्रॉड गेज रेलवे लिंक और चरण- II रेलवे लिंक परियोजनाओं की प्रगति पर भी चर्चा की गई.
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