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कोरोना टीकाकरण पर बोले विशेषज्ञ, दिसंबर का लक्ष्य पाने को बढ़ाना होगा वैक्सीनेशन

यदि भारत का लक्ष्य दिसंबर 2021 तक सभी वयस्क आबादी का टीकाकरण करने का लक्ष्य हासिल करना है तो तत्काल कदम उठाए जाने की जरूरत है. पढ़िए ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय की रिपोर्ट...

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Published : Jul 13, 2021, 10:24 PM IST

नई दिल्ली : अगर प्रतिदिन औसतन 40 लाख खुराक देना जारी रखा गया तब भी इस साल दिसंबर तक भारत में सभी वयस्क आबादी के टीकाकरण का लक्ष्य हासिल करने की संभावना नहीं है.

उक्त बातें ईटीवी भारत से बातचीत में भारत के वरिष्ठ स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहीं. इसके अलावा भारत को घरेलू बाजार में और अधिक वैक्सीन निर्माताओं को लाने की भी आवश्यकता है क्योंकि तीन मौजूदा टीकों के साथ पूरी आबादी का टीकाकरण कर पाना पर्याप्त नहीं है. साथ ही टीकाकरण पर भी तत्काल ध्यान दिए जाने की जरूरत है.

इस संबंध में एसोसिएशन ऑफ हेल्थ केयर प्रोवाइडर्स (एएचसीपी-इंडिया) के महानिदेशक डॉ. गिरिधर ज्ञानी ने कहा कि टीकाकरण के लिए लोगों को आकर्षित करने के लिए कई पहलों के बावजूद हम देख सकते हैं कि हमारी आबादी का एक अच्छा हिस्सा अभी भी कोविड-19 के लिए टीके की खुराक लेने से हिचकिचा रहा है.

40 लाख लोगों के प्रतिदिन के औसत से हो रहा है टीकाकरण : डॉ. गिरिधर ज्ञानी

उन्होंने कहा कि जब से भारत ने 21 जून को एक संशोधित टीकाकरण दिशानिर्देश जारी किया है, तब से औसतन 40 लाख लोगों को प्रतिदिन औसतन टीकाकरण किया जा रहा है. हालांकि, यह संख्या पहले दिन ही 88 लाख के उच्च स्तर को छू गया था. गौरतलब है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी वयस्क नागरिकों को टीका लगाने के लिए दिसंबर की समयसीमा तय की है.

डॉ. ज्ञानी ने कहा, अगर हम दिसंबर तक अपने सभी लोगों को टीकाकरण करना चाहते हैं, तो हमें प्रति दिन लगभग 1 करोड़ खुराक देने की जरूरत है. उन्होंने टीकों की उपलब्धता की आवश्यकता पर भी जोर दिया.

डॉ. ज्ञानी ने कहा कि हमारे हाथ में तीन अलग-अलग टीकों के साथ हमें टीकाकरण अभियान जारी रखना चाहिए ताकि जब तक हमें बाजार में और टीके मिलें तब तक जो लोग हिचकिचाते हैं (जनसंख्या का 25-30 प्रतिशत) का भी टीकाकरण कर दिया जाय.

सभी आयु वर्ग के 38.15 करोड़ लोगों को लग चुका है टीका

स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि कोवैक्सीन, कोविशील्ड और स्पूतनिक वी सहित तीन उपलब्ध टीकों के साथ भारत में अब तक सभी आयु वर्ग के 38.15 करोड़ लोगों को टीका लगाया जा चुका है. हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय ने पहले अगस्त से दिसंबर के बीच टीकाकरण अभियान को पूरा करने के लिए 2.16 अरब टीकों की खरीद का लक्ष्य रखा था.

हालांकि एक महीने बाद सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि अगस्त से दिसंबर के बीच 1.35 बिलियन खुराक उपलब्ध होगी, जो कि स्वास्थ्य मंत्रालय के मई में निर्धारित अनुमान से 800 मिलियन कम है. डॉ ज्ञानी ने कहा कि हालांकि लक्ष्य 3 डी प्रक्षेपण को प्राप्त करने के लिए सभी विकल्पों का पता लगाना आवश्यक था. यहां टीकों की उपलब्धता और इसका उत्पादन भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

डॉ ज्ञानी ने कहा, हम जॉनसन एंड जॉनसन के साथ-साथ ज़ायडस कैडिला से किसी भी समय टीके की उम्मीद कर सकते हैं. यहां उल्लेखनीय है कि भारत के ड्रग रेगुलेटर, ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGU) ने हाल ही में अमेरिका स्थित मॉडर्ना को भारतीय आबादी के लिए अपनी दवा लाने के लिए आपातकालीन उपयोग की अनुमति दे दी है (emergency use authorisation ).

पहले से उपलब्ध टीकों की उत्पादन क्षमता बढ़ाने की जरूरत : डॉ. सुनीला गर्ग

एक अन्य वरिष्ठ स्वास्थ्य विशेषज्ञ और ऑर्गनाइज्ड मेडिसिन एकेडमिक गिल्ड (OMAG) की अध्यक्ष डॉ. सुनीला गर्ग ने भी अधिक वैक्सीन प्राप्त करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि हमें प्रति माह 30 करोड़ खुराक की जरूरत है और हम प्रतिदिन 1 करोड़ लोगों को टीका लगाना चाहते हैं, इसके लिए हमें पहले से उपलब्ध टीकों की उत्पादन क्षमता बढ़ाने की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि भारत को 18 वर्ष से अधिक आयु की 90 करोड़ आबादी को टीका लगाने के लिए कोविड-19 टीकों की 180 करोड़ खुराक की जरूरत है. जबकि भारत इस समय औसतन प्रति माह 10-11 करोड़ खुराक प्राप्त कर रहा है.

टीके की दो खुराक देने वाले देशों की वैश्विक सूची में भारत 12वें नंबर पर

उन्होंने कहा कि उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, 304.02 मिलियन आबादी वाला भारत उन देशों की सूची में सबसे आगे है, जिनके पास कोविड-19 वैक्सीन की कम से कम एक खुराक है, जिसके बाद संयुक्त राज्य अमेरिका में 184.13 मिलियन और ब्राजील में 86.8 मिलियन हैं. विडंबना यह है कि टीके की दो खुराक देने वाले देशों की वैश्विक सूची में भारत 12वें नंबर पर है. जबकि भारत में पूर्ण टीकाकरण दर 5.4 प्रतिशत है जो वैश्विक में यह औसत 12.3 प्रतिशत से बहुत कम है.

वैश्विक आंकड़ों में कहा गया है कि बहरीन 60.1 प्रतिशत पूर्ण टीकाकरण वाले देशों की सूची में शीर्ष पर है, इसके बाद इज़राइल (60 प्रतिशत), मंगोलिया (54.8 प्रतिशत) हैं. वहीं यूके (51.4 फीसदी), यूएस (47.7 फीसदी), जर्मनी (42.7 फीसदी), इटली (38.9 फीसदी), ब्राजील (14.6 फीसदी) जैसे देश भी भारत से ऊपर हैं.

आंकड़ों में आगे कहा गया है कि भारत में केवल 73.33 मिलियन लोगों को कोविड-19 का टीका लगाया गया है, जबकि 230.69 मिलियन लोगों को आंशिक रूप से टीका लगाया गया है. वहीं अमेरिका में कम से कम 159.27 मिलियन लोगों को पूरी तरह से टीका लगाया गया है.

लक्ष्य हासिल करने के लिए प्रति दिन 87 लाख खुराक लगाने की आवश्यकता होगी : डॉ. तामोरिश कोले

वहीं एक अन्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. तामोरिश कोले ने हालांकि कहा कि भारत की वर्तमान टीकाकरण दर 40 लाख प्रति दिन के साथ दिसंबर 2021 तक 60 प्रतिशत आबादी को दोनों खुराक के लिए टीकाकरण के लक्ष्य को पूरा करने में सक्षम होगी. एशियन सोसाइटी फॉर इमरजेंसी मेडिसिन के अध्यक्ष डॉ कोले ने कहा अनुमान के मुताबिक हमें लक्ष्य हासिल करने के लिए प्रति दिन 87 लाख खुराक लगाने की आवश्यकता होगी. हालांकि, वैक्सीन प्रबंधन पर विशेषज्ञों का मानना ​​है कि आने वाले महीनों में राज्यों द्वारा वैक्सीन उत्पादन और टीकाकरण केंद्रों में वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा.

हालांकि, वैक्सीन प्रबंधन पर विशेषज्ञों का मानना ​​है कि आने वाले महीनों में राज्यों द्वारा वैक्सीन उत्पादन और टीकाकरण केंद्रों में वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा. वहीं डॉ कोले ने कहा कि छह अतिरिक्त टीके जल्द ही भारत में उपलब्ध होंगे जो आपूर्ति पक्ष पर अच्छी खबर है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में मांग के अनुरूप टीका प्रबंधन से लक्ष्य में बाधा आ रही है.

उन्होंने कहा कि आने वाली तीसरी लहर के साथ भारत को तत्काल राज्य स्तरीय समीक्षा करने की आवश्यकता है. डॉ कोले ने कहा कि 21 जून को भारत ने 88 लाख खुराकें दीं गईं लेकिन उसके बाद प्रतिदिन टीकाकरण की दर में लगातार गिरावट आई है. अगर हमने अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया है तो हमें इसे बनाए रखना होगा.

नई दिल्ली : अगर प्रतिदिन औसतन 40 लाख खुराक देना जारी रखा गया तब भी इस साल दिसंबर तक भारत में सभी वयस्क आबादी के टीकाकरण का लक्ष्य हासिल करने की संभावना नहीं है.

उक्त बातें ईटीवी भारत से बातचीत में भारत के वरिष्ठ स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहीं. इसके अलावा भारत को घरेलू बाजार में और अधिक वैक्सीन निर्माताओं को लाने की भी आवश्यकता है क्योंकि तीन मौजूदा टीकों के साथ पूरी आबादी का टीकाकरण कर पाना पर्याप्त नहीं है. साथ ही टीकाकरण पर भी तत्काल ध्यान दिए जाने की जरूरत है.

इस संबंध में एसोसिएशन ऑफ हेल्थ केयर प्रोवाइडर्स (एएचसीपी-इंडिया) के महानिदेशक डॉ. गिरिधर ज्ञानी ने कहा कि टीकाकरण के लिए लोगों को आकर्षित करने के लिए कई पहलों के बावजूद हम देख सकते हैं कि हमारी आबादी का एक अच्छा हिस्सा अभी भी कोविड-19 के लिए टीके की खुराक लेने से हिचकिचा रहा है.

40 लाख लोगों के प्रतिदिन के औसत से हो रहा है टीकाकरण : डॉ. गिरिधर ज्ञानी

उन्होंने कहा कि जब से भारत ने 21 जून को एक संशोधित टीकाकरण दिशानिर्देश जारी किया है, तब से औसतन 40 लाख लोगों को प्रतिदिन औसतन टीकाकरण किया जा रहा है. हालांकि, यह संख्या पहले दिन ही 88 लाख के उच्च स्तर को छू गया था. गौरतलब है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी वयस्क नागरिकों को टीका लगाने के लिए दिसंबर की समयसीमा तय की है.

डॉ. ज्ञानी ने कहा, अगर हम दिसंबर तक अपने सभी लोगों को टीकाकरण करना चाहते हैं, तो हमें प्रति दिन लगभग 1 करोड़ खुराक देने की जरूरत है. उन्होंने टीकों की उपलब्धता की आवश्यकता पर भी जोर दिया.

डॉ. ज्ञानी ने कहा कि हमारे हाथ में तीन अलग-अलग टीकों के साथ हमें टीकाकरण अभियान जारी रखना चाहिए ताकि जब तक हमें बाजार में और टीके मिलें तब तक जो लोग हिचकिचाते हैं (जनसंख्या का 25-30 प्रतिशत) का भी टीकाकरण कर दिया जाय.

सभी आयु वर्ग के 38.15 करोड़ लोगों को लग चुका है टीका

स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि कोवैक्सीन, कोविशील्ड और स्पूतनिक वी सहित तीन उपलब्ध टीकों के साथ भारत में अब तक सभी आयु वर्ग के 38.15 करोड़ लोगों को टीका लगाया जा चुका है. हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय ने पहले अगस्त से दिसंबर के बीच टीकाकरण अभियान को पूरा करने के लिए 2.16 अरब टीकों की खरीद का लक्ष्य रखा था.

हालांकि एक महीने बाद सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि अगस्त से दिसंबर के बीच 1.35 बिलियन खुराक उपलब्ध होगी, जो कि स्वास्थ्य मंत्रालय के मई में निर्धारित अनुमान से 800 मिलियन कम है. डॉ ज्ञानी ने कहा कि हालांकि लक्ष्य 3 डी प्रक्षेपण को प्राप्त करने के लिए सभी विकल्पों का पता लगाना आवश्यक था. यहां टीकों की उपलब्धता और इसका उत्पादन भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

डॉ ज्ञानी ने कहा, हम जॉनसन एंड जॉनसन के साथ-साथ ज़ायडस कैडिला से किसी भी समय टीके की उम्मीद कर सकते हैं. यहां उल्लेखनीय है कि भारत के ड्रग रेगुलेटर, ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGU) ने हाल ही में अमेरिका स्थित मॉडर्ना को भारतीय आबादी के लिए अपनी दवा लाने के लिए आपातकालीन उपयोग की अनुमति दे दी है (emergency use authorisation ).

पहले से उपलब्ध टीकों की उत्पादन क्षमता बढ़ाने की जरूरत : डॉ. सुनीला गर्ग

एक अन्य वरिष्ठ स्वास्थ्य विशेषज्ञ और ऑर्गनाइज्ड मेडिसिन एकेडमिक गिल्ड (OMAG) की अध्यक्ष डॉ. सुनीला गर्ग ने भी अधिक वैक्सीन प्राप्त करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि हमें प्रति माह 30 करोड़ खुराक की जरूरत है और हम प्रतिदिन 1 करोड़ लोगों को टीका लगाना चाहते हैं, इसके लिए हमें पहले से उपलब्ध टीकों की उत्पादन क्षमता बढ़ाने की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि भारत को 18 वर्ष से अधिक आयु की 90 करोड़ आबादी को टीका लगाने के लिए कोविड-19 टीकों की 180 करोड़ खुराक की जरूरत है. जबकि भारत इस समय औसतन प्रति माह 10-11 करोड़ खुराक प्राप्त कर रहा है.

टीके की दो खुराक देने वाले देशों की वैश्विक सूची में भारत 12वें नंबर पर

उन्होंने कहा कि उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, 304.02 मिलियन आबादी वाला भारत उन देशों की सूची में सबसे आगे है, जिनके पास कोविड-19 वैक्सीन की कम से कम एक खुराक है, जिसके बाद संयुक्त राज्य अमेरिका में 184.13 मिलियन और ब्राजील में 86.8 मिलियन हैं. विडंबना यह है कि टीके की दो खुराक देने वाले देशों की वैश्विक सूची में भारत 12वें नंबर पर है. जबकि भारत में पूर्ण टीकाकरण दर 5.4 प्रतिशत है जो वैश्विक में यह औसत 12.3 प्रतिशत से बहुत कम है.

वैश्विक आंकड़ों में कहा गया है कि बहरीन 60.1 प्रतिशत पूर्ण टीकाकरण वाले देशों की सूची में शीर्ष पर है, इसके बाद इज़राइल (60 प्रतिशत), मंगोलिया (54.8 प्रतिशत) हैं. वहीं यूके (51.4 फीसदी), यूएस (47.7 फीसदी), जर्मनी (42.7 फीसदी), इटली (38.9 फीसदी), ब्राजील (14.6 फीसदी) जैसे देश भी भारत से ऊपर हैं.

आंकड़ों में आगे कहा गया है कि भारत में केवल 73.33 मिलियन लोगों को कोविड-19 का टीका लगाया गया है, जबकि 230.69 मिलियन लोगों को आंशिक रूप से टीका लगाया गया है. वहीं अमेरिका में कम से कम 159.27 मिलियन लोगों को पूरी तरह से टीका लगाया गया है.

लक्ष्य हासिल करने के लिए प्रति दिन 87 लाख खुराक लगाने की आवश्यकता होगी : डॉ. तामोरिश कोले

वहीं एक अन्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. तामोरिश कोले ने हालांकि कहा कि भारत की वर्तमान टीकाकरण दर 40 लाख प्रति दिन के साथ दिसंबर 2021 तक 60 प्रतिशत आबादी को दोनों खुराक के लिए टीकाकरण के लक्ष्य को पूरा करने में सक्षम होगी. एशियन सोसाइटी फॉर इमरजेंसी मेडिसिन के अध्यक्ष डॉ कोले ने कहा अनुमान के मुताबिक हमें लक्ष्य हासिल करने के लिए प्रति दिन 87 लाख खुराक लगाने की आवश्यकता होगी. हालांकि, वैक्सीन प्रबंधन पर विशेषज्ञों का मानना ​​है कि आने वाले महीनों में राज्यों द्वारा वैक्सीन उत्पादन और टीकाकरण केंद्रों में वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा.

हालांकि, वैक्सीन प्रबंधन पर विशेषज्ञों का मानना ​​है कि आने वाले महीनों में राज्यों द्वारा वैक्सीन उत्पादन और टीकाकरण केंद्रों में वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा. वहीं डॉ कोले ने कहा कि छह अतिरिक्त टीके जल्द ही भारत में उपलब्ध होंगे जो आपूर्ति पक्ष पर अच्छी खबर है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में मांग के अनुरूप टीका प्रबंधन से लक्ष्य में बाधा आ रही है.

उन्होंने कहा कि आने वाली तीसरी लहर के साथ भारत को तत्काल राज्य स्तरीय समीक्षा करने की आवश्यकता है. डॉ कोले ने कहा कि 21 जून को भारत ने 88 लाख खुराकें दीं गईं लेकिन उसके बाद प्रतिदिन टीकाकरण की दर में लगातार गिरावट आई है. अगर हमने अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया है तो हमें इसे बनाए रखना होगा.

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