सिरोही. जिले के आबूरोड शहर के समीप गांव के घरों में सांपों के आने का सिलसिला जारी है परंतु शनिवार रात को उमरनी मानपुर और आकराभट्टा में भारत में पाए जाने सबसे जहरीले सांप निकले. जिससे लोगों में हड़कंप मच गया. आबूरोड के स्नैक कैचर चिंटू यादव ने तीनों सांपों का रेसक्यू कर रविवार को उन्हें वन विभाग के अधिकारियो की देखरेख में सुरक्षित ऋषिकेश के जंगल में छोड़ दिया. स्नैक कैचर चिंटू यादव ने कहा कि शनिवार रात भारत का सबसे जहरीला सांप रसल वाईपर उमरनी गणेश मंदिर के पास ही स्थित रमेश राणा के घर में आया. जहां कच्चे मकान में केलु के बीच सांप बैठा हुआ था. घर के एक बच्चे ने उस सांप को पहले देखा. बच्चे ने ही अपने परिजनों और आसपास के लोगों को सांप की मौजूदगी की सूचना दी.
पहले लोगों को लगा कि यह अजगर सांप है क्योंकि इसका ऊपरी भाग अजगर की तरह ही होता है. सूचना मिलने पर सांप पकड़ने वाली टीम मौके पर पहुंची तो उनके भी होश उड़ गए क्योंकि जो सांप वहां मौजूद था वह अजगर नहीं बल्कि भारत का सबसे जहरीला सांप रसल वाईपर था. चिंटू यादव ने बड़ी सावधानी के साथ रसल वाईपर को 10 मिनट में रेसक्यू कर लिया और उसे एक डब्बे में बंद कर दिया. पकड़ा गया रसल वाईपर की लंबाई करीब 3.5 फीट का था. इसी प्रकार भारत के चारों जहरीले सांपों में शामिल कोबरा का रेसक्यू आकराभट्टा में स्थित एक घर से किया गया वहीं करैत प्रजाति के सांप का रेसक्यू मानपुर पट्टी के पास एक घर से किया गया. पकड़े गए तीनों ही जहरीले सांपों को वन रक्षक बाबूसिंह सिसोदिया की देखरेख में ऋषिकेश के मंदिरों के पास के जंगल में सुरक्षित छोड़ दिया गया.
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कितना जहरीला होता है रसल वाईपर : भारत में सबसे ज्यादा सांप काटने से मौत के लिए इसी सांप को जिम्मेदार माना जाता है. यह पूरी दुनिया में पाया जाता है लेकिन भारत, चीन और दक्षिण-पूर्व एशिया इलाकों में यह सबसे ज्यादा संख्या में पाया जाता है. जब ये सांप काटता है तो काटने वाली जगह पर सूजन और दर्द होता है. जिससे वह भाग काम करना बंद कर देता है. अगर समय पर इलाज मिल भी जाए तो जिस जगह काटा गया है वह जगह हमेशा के लिए खराब हो जाती है. इसके काटने के बाद ब्रेन हैमरेज भी हो सकता है. रसल वाईपर सांप बहुत ही खतरनाक सांप है. इसके काटने के तुरंत बाद ही मानव का शरीर सड़ने-गलने लगता है.
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कैसा होता है इसका आकर: इस सांप का आकार युवावस्था में 4 फीट तक लंबा होता है, इसके मुंह का आकार तिकोना होता है, इसके सिर का भाग पतले गर्दन से जुड़ा होता है, इस सांप के शरीर का बीच का भाग करीब 2 से 3 इंच तक मोटा होता है. इस सांप के शरीर में नाव के आकार के धब्बे पाए जाते हैं. जो हल्के भूरे रंग के होते हैं और गहरे बॉर्डर लाइन से अलग होते दिखते हैं. शरीर का रंग हल्का पीला या मिट्टी के रंग का होता है. शरीर का निचला भाग जिससे वो रेंगकर चलता है वो सफेद होता है. इस सांप के मुंह के ऊपरी तालू में एक विष ग्रंथि होती है, जो उसके दो नुकीले दांत से जुड़ी होती है.
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