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भारत समुद्री कचरे के मुद्दे पर UNEA में पेश कर सकता है प्रस्ताव : पर्यावरण मंत्री

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि भारत पांचवीं संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा में समुद्री कचरे के मुद्दे पर एक प्रस्ताव पेश कर सकता है. नियामिका सिंह की रिपोर्ट.

Union Environment Minister Bhupendra Yadav
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव
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Published : Feb 28, 2022, 7:57 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव (Union Environment Minister Bhupendra Yadav) ने सोमवार को कहा कि विश्व के नेता पांचवीं संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा (यूएनईए) में प्लास्टिक प्रदूषण को नियंत्रित करने पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जहां भारत सतत उपयोग और पुनर्चक्रण अर्थव्यवस्था के मुद्दों को उठाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

यादव इस सप्ताह के अंत में नैरोबी में यूएनईए में देश का प्रतिनिधित्व करेंगे. उन्होंने कहा कि भारत भी समुद्री कचरे के मुद्दे पर एक प्रस्ताव पेश कर सकता है. उन्होंने कहा, 'भारत सतत उपयोग और पुनर्चक्रण अर्थव्यवस्था के मुद्दों पर यूएनईए में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहा है. हमारा मंत्रालय 2022 तक एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने के लिए प्रधानमंत्री के दिशा-निर्देश के बाद पहले ही प्लास्टिक कचरा प्रबंधन (संशोधन) नियम, 2022 ला चुका है.'

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव

मंत्री ने पत्रकारों से कहा, 'भारत समुद्री कचरे के मुद्दे पर यूएनईए में एक प्रस्ताव भी पेश करेगा. हम इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में पर्यावरण और स्थिरता पर अन्य सदस्य देशों के साथ आम सहमति बनाने की कोशिश करेंगे.'

मंत्रालय के मुताबिक, रविवार को सदस्य देशों पेरू, रवांडा, जापान और भारत ने प्लास्टिक प्रदूषण पर तीन प्रस्ताव रखे. पेरू, रवांडा और जापान के दो मसौदा प्रस्ताव कानूनी रूप से बाध्यकारी लक्ष्य के सिद्धांत पर आधारित थे जबकि भारतीय मसौदा प्रस्ताव देशों द्वारा तत्काल सामूहिक स्वैच्छिक कार्रवाई के सिद्धांत पर आधारित था. यूएनईए पर्यावरण पर दुनिया का सर्वोच्च निर्णय लेने वाला निकाय है, जिसमें संयुक्त राष्ट्र के सभी 193 सदस्य देशों की सदस्यता है. गौरतलब है कि पहला सत्र 22-23 फरवरी, 2021 को ऑनलाइन आयोजित किया गया था. जबकि UNEA-5 (UNEA-5.2) का व्यक्तिगत सत्र 28 फरवरी से 2 मार्च, 2022 तक आयोजित किया जा रहा है.

पढ़ें- ममल्लापुरम बीच: पीएम मोदी का सफाई अभियान, खुद उठाया तट पर पड़ा कचरा

नई दिल्ली : केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव (Union Environment Minister Bhupendra Yadav) ने सोमवार को कहा कि विश्व के नेता पांचवीं संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा (यूएनईए) में प्लास्टिक प्रदूषण को नियंत्रित करने पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जहां भारत सतत उपयोग और पुनर्चक्रण अर्थव्यवस्था के मुद्दों को उठाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

यादव इस सप्ताह के अंत में नैरोबी में यूएनईए में देश का प्रतिनिधित्व करेंगे. उन्होंने कहा कि भारत भी समुद्री कचरे के मुद्दे पर एक प्रस्ताव पेश कर सकता है. उन्होंने कहा, 'भारत सतत उपयोग और पुनर्चक्रण अर्थव्यवस्था के मुद्दों पर यूएनईए में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहा है. हमारा मंत्रालय 2022 तक एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने के लिए प्रधानमंत्री के दिशा-निर्देश के बाद पहले ही प्लास्टिक कचरा प्रबंधन (संशोधन) नियम, 2022 ला चुका है.'

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव

मंत्री ने पत्रकारों से कहा, 'भारत समुद्री कचरे के मुद्दे पर यूएनईए में एक प्रस्ताव भी पेश करेगा. हम इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में पर्यावरण और स्थिरता पर अन्य सदस्य देशों के साथ आम सहमति बनाने की कोशिश करेंगे.'

मंत्रालय के मुताबिक, रविवार को सदस्य देशों पेरू, रवांडा, जापान और भारत ने प्लास्टिक प्रदूषण पर तीन प्रस्ताव रखे. पेरू, रवांडा और जापान के दो मसौदा प्रस्ताव कानूनी रूप से बाध्यकारी लक्ष्य के सिद्धांत पर आधारित थे जबकि भारतीय मसौदा प्रस्ताव देशों द्वारा तत्काल सामूहिक स्वैच्छिक कार्रवाई के सिद्धांत पर आधारित था. यूएनईए पर्यावरण पर दुनिया का सर्वोच्च निर्णय लेने वाला निकाय है, जिसमें संयुक्त राष्ट्र के सभी 193 सदस्य देशों की सदस्यता है. गौरतलब है कि पहला सत्र 22-23 फरवरी, 2021 को ऑनलाइन आयोजित किया गया था. जबकि UNEA-5 (UNEA-5.2) का व्यक्तिगत सत्र 28 फरवरी से 2 मार्च, 2022 तक आयोजित किया जा रहा है.

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