नई दिल्ली : भारत जलवायु वित्त और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण (India Climate Finance and Technology Transfer) के संदर्भ में स्पष्ट रुख की उम्मीद कर रहा है. पर्यावरण सचिव लीना नंदन ने बृहस्पतिवार को यह बात कही. उन्होंने कहा कि यह निवेश और देश में प्रौद्योगिकी लाने के लिए सबसे उपयुक्त समय है. पर्यावरण सचिव ने द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (टेरी) द्वारा आयोजित विश्व सतत विकास सम्मेलन 2022 के दूसरे दिन मुख्य भाषण देते हुए कहा कि भारत जलवायु कार्रवाई पर जो कुछ वादा कर रहा है, उसे पूरा कर रहा है और इसी तरह की प्रतिबद्धता की विश्व से भी उम्मीद है.
उन्होंने कहा कि सीओपी-26 के शीघ्र बाद हम आगे बढ़े, अपने लक्ष्यों को निर्धारित किया और बजटीय घोषणाओं के रूप में अपने लक्ष्यों की रूपरेखा तैयार की. इसलिए मुझे लगता है कि विश्व को उन सभी विभिन्न आयाम पर गौर करना होगा जो हम जलवायु परविर्तन वार्ता को आगे बढ़ने के लिए उम्मीद करते हैं. यह ऊर्जा के स्रोत के उपयोग में परिवर्तन, इलेक्ट्रिक वाहनों, हरित हाइड्रोजन, सौर ऊर्जा उत्पादन पर जोर देने की ओर बढ़ने के संदर्भ में है. उन्होंने कहा कि हम इस तरह से अपने लक्ष्यों को हासिल करेंगे जो हमने गैर-जीवाश्म ईंधन के सदंर्भ में कहा है.
सीओपी-26 प्रमुख एवं ब्रिटेन के मंत्री आलोक शर्मा ने कहा कि (ग्लोबल वार्मिंग को) 1.5 डिग्री सेल्सियस की सीमा के अंदर रखने का लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सकेगा. नंदन ने दृष्टि को कार्रवाई में तब्दील करने के लिए जलवायु वित्त और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के संदर्भ में विश्व के स्पष्ट रुख की जरूरत पर जोर दिया. पर्यावरणीय लाभ देने वाली परियोजनाओं को वित्त मुहैया करने के लिए हरित बॉन्ड जारी किये जाने के विषय पर सचिव ने कहा कि यह समय भारत में निवेश का सबसे उपयुक्त समय है.
(पीटीआई-भाषा)