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Denmark FM india visit : 'भारत को एशिया में प्रमुख भागीदार के रूप में देखा जा रहा'

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Published : Feb 28, 2023, 4:12 PM IST

डेनमार्क के विदेश मंत्री लार्स लोके रासमुसेन ने भारत की प्रगति की तारीफ की है. उन्होंने कहा कि विश्व मंच पर भारत का आर्थिक विकास और बढ़ता महत्व उल्लेखनीय है. ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता चंद्रकला चौधरी की रिपोर्ट.

Jaishankar with the Danish Foreign Minister
डेनमार्क के विदेश मंत्री के साथ जयशंकर

नई दिल्ली : डेनमार्क के विदेश मंत्री लार्स लोके रासमुसेन (Lars Lokke Rasmussen) ने सोमवार को कहा कि भारत को न केवल डेनमार्क में बल्कि यूरोप में भी व्यापक रूप से एशिया में प्रमुख भागीदार के रूप में देखा जा रहा है (Denmark FM india visit).

  • Good to meet FM of Denmark @larsloekke today morning.

    Discussed our bilateral partnership that is growing from strength to strength.

    Also exchanged views on the state of the world. It calls for intensifying our cooperation. pic.twitter.com/5bz93NMYXJ

    — Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) February 28, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

डेनिश एफएम ने सीआईआई इंडिया-यूरोप बिजनेस एंड सस्टेनेबिलिटी कॉन्क्लेव में अपने भाषण में कहा, 'भारत को न केवल डेनमार्क बल्कि यूरोप में भी व्यापक रूप से एशिया में एक प्रमुख भागीदार के रूप में देखा जा रहा है. विश्व मंच पर भारत का आर्थिक विकास और बढ़ता महत्व उल्लेखनीय है. भारत को जोड़ना भारत-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता का एक महत्वपूर्ण लंगर है और क्षेत्र में और विश्व स्तर पर नियम-आधारित व्यवस्था को बढ़ावा देने में एक मजबूत भागीदार है.'

उन्होंने कहा कि भारत और डेनमार्क के बीच संबंध तीव्र गति से और स्पष्ट हरित दिशा के साथ विस्तार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि 'हमारी हरित रणनीतिक साझेदारी हम सभी के लिए अनुसरण करने के लिए एक उदाहरण है और डेनमार्क की नई सरकार इसके लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है.'

उन्होंने कहा कि '2019 में मेरी पिछली यात्रा के बाद से भारत ने जो प्रगति की है, उससे मैं बहुत प्रभावित हूं. देश एक सतत दिशा में बढ़ रहा है और यह सड़कों पर इसके इलेक्ट्रिक वाहनों से स्पष्ट है.'

उन्होंने आगे दोहराया कि भारत-डेनमार्क ने स्थायी हरित परिवर्तन को बढ़ावा देने के लिए हाथ मिलाया है. उन्होंने कहा कि डेनिश स्किल और हरित अभिनव समाधान भारत में यहां मांग में हैं और हमें भारत के लाभ के लिए और अधिक स्थायी प्रमाण और हरित नौकरियों के साथ साझेदारी करने पर गर्व है, लेकिन यह दुनिया के लाभ के लिए भी महत्वपूर्ण है. क्योंकि मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि भारत हम सभी के अनुसरण का मार्ग प्रशस्त करेगा.'

डेनिश एफएम ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत को न केवल डेनमार्क में बल्कि यूरोप में भी व्यापक रूप से एशिया में एक प्रमुख भागीदार के रूप में देखा जा रहा है. उन्होंने कहा कि भारत का आर्थिक विकास और विश्व मंच पर बढ़ता महत्व उल्लेखनीय है. भारत हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता का एक महत्वपूर्ण आधार है और क्षेत्र में और विश्व स्तर पर नियम-आधारित व्यवस्था को बढ़ावा देने में एक मजबूत भागीदार है.

डेनमार्क के विदेश मंत्री ने भारत को जी20 की अध्यक्षता के लिए बधाई दी. उन्होंने कहा कि भारत की प्रभावशाली G20 अध्यक्षता इसके बढ़ते राष्ट्रीय महत्व और वैश्विक विकास की जिम्मेदारी लेने की तत्परता को दर्शाती है. भारत की सफलता विश्व की सफलता होगी. कई भारतीय जी20 प्राथमिकताएं भी भारत और डेनमार्क के बीच हरित रणनीतिक साझेदारी के प्रमुख तत्व हैं.'

उन्होंने आश्वासन दिया कि जर्मनी उन क्षेत्रों में भारत का समर्थन करने के लिए तैयार रहेगा जहां दोनों बदलाव ला सकते हैं. एक मुक्त और खुला और समावेशी इंडो पैसिफिक न केवल सामरिक महत्व का है बल्कि यह क्षेत्र की समृद्धि के लिए भी एक आवश्यकता है.

भारत और डेनमार्क प्रवासन और गतिशीलता और कनेक्टिविटी परियोजनाओं पर एक परियोजना पर भी काम कर रहे हैं. इससे पहले आज, विदेश मंत्री जयशंकर ने नई दिल्ली में डेनमार्क विदेश मंत्री से मुलाकात की और सहयोग को तेज करने की आवश्यकता पर जोर दिया.

जयशंकर ने ट्वीट किया 'आज सुबह डेनमार्क के विदेश मंत्री से मिलकर अच्छा लगा. हमारी द्विपक्षीय साझेदारी मजबूती की ओर बढ़ रही है. दुनिया की स्थिति पर भी विचारों का आदान-प्रदान हुआ.'

बाद में, इंडिया यूरोप बिजनेस एंड सस्टेनेबिलिटी एन्क्लेव में अपने भाषण में जयशंकर ने कहा कि भारत और यूरोपीय संघ एक बहु-ध्रुवीय वैश्विक व्यवस्था में विश्वास करते हैं, प्रभावी बहुपक्षवाद को बढ़ावा देने के लिए एक प्रतिबद्धता साझा करते हैं, और एक-दूसरे के भू-राजनीतिक, आर्थिक, रणनीतिक और सुरक्षा चिंताओं पर तेजी से विचार कर रहे हैं.

यह ध्यान रखना उचित है कि यूरोपीय संघ भारत के सबसे बड़े और सबसे महत्वपूर्ण व्यापार भागीदारों में से एक है. वित्त वर्ष 2021-22 में हमारा द्विपक्षीय व्यापार 115 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का था, जो अब तक का सर्वाधिक है.

जयशंकर ने कहा कि 'जब हरित संक्रमण की बात आती है, तो स्वच्छ ऊर्जा और हरित संक्रमण भारत-यूरोपीय संघ कनेक्टिविटी साझेदारी के केंद्र में हैं. सौर और पवन ऊर्जा, हरित हाइड्रोजन, स्मार्ट ग्रिड, टिकाऊ शहरी परिवहन (विशेष रूप से मेट्रो परियोजनाएं), अपशिष्ट प्रबंधन, और चक्रीय अर्थव्यवस्था में तालमेल उभर कर सामने आया है. डेनमार्क के विदेश मंत्री 26 फरवरी को भारत पहुंचे डेनमार्क के शाही जोड़े के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल के हिस्से के रूप में दिल्ली में हैं.

पढ़ें- डेनमार्क के प्रिंस और प्रिंसेस ने किया ताजमहल का दीदार, बोले-'वाह ताज, वंडरफुल...लवली...सिंबल ऑफ लव'

नई दिल्ली : डेनमार्क के विदेश मंत्री लार्स लोके रासमुसेन (Lars Lokke Rasmussen) ने सोमवार को कहा कि भारत को न केवल डेनमार्क में बल्कि यूरोप में भी व्यापक रूप से एशिया में प्रमुख भागीदार के रूप में देखा जा रहा है (Denmark FM india visit).

  • Good to meet FM of Denmark @larsloekke today morning.

    Discussed our bilateral partnership that is growing from strength to strength.

    Also exchanged views on the state of the world. It calls for intensifying our cooperation. pic.twitter.com/5bz93NMYXJ

    — Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) February 28, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

डेनिश एफएम ने सीआईआई इंडिया-यूरोप बिजनेस एंड सस्टेनेबिलिटी कॉन्क्लेव में अपने भाषण में कहा, 'भारत को न केवल डेनमार्क बल्कि यूरोप में भी व्यापक रूप से एशिया में एक प्रमुख भागीदार के रूप में देखा जा रहा है. विश्व मंच पर भारत का आर्थिक विकास और बढ़ता महत्व उल्लेखनीय है. भारत को जोड़ना भारत-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता का एक महत्वपूर्ण लंगर है और क्षेत्र में और विश्व स्तर पर नियम-आधारित व्यवस्था को बढ़ावा देने में एक मजबूत भागीदार है.'

उन्होंने कहा कि भारत और डेनमार्क के बीच संबंध तीव्र गति से और स्पष्ट हरित दिशा के साथ विस्तार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि 'हमारी हरित रणनीतिक साझेदारी हम सभी के लिए अनुसरण करने के लिए एक उदाहरण है और डेनमार्क की नई सरकार इसके लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है.'

उन्होंने कहा कि '2019 में मेरी पिछली यात्रा के बाद से भारत ने जो प्रगति की है, उससे मैं बहुत प्रभावित हूं. देश एक सतत दिशा में बढ़ रहा है और यह सड़कों पर इसके इलेक्ट्रिक वाहनों से स्पष्ट है.'

उन्होंने आगे दोहराया कि भारत-डेनमार्क ने स्थायी हरित परिवर्तन को बढ़ावा देने के लिए हाथ मिलाया है. उन्होंने कहा कि डेनिश स्किल और हरित अभिनव समाधान भारत में यहां मांग में हैं और हमें भारत के लाभ के लिए और अधिक स्थायी प्रमाण और हरित नौकरियों के साथ साझेदारी करने पर गर्व है, लेकिन यह दुनिया के लाभ के लिए भी महत्वपूर्ण है. क्योंकि मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि भारत हम सभी के अनुसरण का मार्ग प्रशस्त करेगा.'

डेनिश एफएम ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत को न केवल डेनमार्क में बल्कि यूरोप में भी व्यापक रूप से एशिया में एक प्रमुख भागीदार के रूप में देखा जा रहा है. उन्होंने कहा कि भारत का आर्थिक विकास और विश्व मंच पर बढ़ता महत्व उल्लेखनीय है. भारत हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता का एक महत्वपूर्ण आधार है और क्षेत्र में और विश्व स्तर पर नियम-आधारित व्यवस्था को बढ़ावा देने में एक मजबूत भागीदार है.

डेनमार्क के विदेश मंत्री ने भारत को जी20 की अध्यक्षता के लिए बधाई दी. उन्होंने कहा कि भारत की प्रभावशाली G20 अध्यक्षता इसके बढ़ते राष्ट्रीय महत्व और वैश्विक विकास की जिम्मेदारी लेने की तत्परता को दर्शाती है. भारत की सफलता विश्व की सफलता होगी. कई भारतीय जी20 प्राथमिकताएं भी भारत और डेनमार्क के बीच हरित रणनीतिक साझेदारी के प्रमुख तत्व हैं.'

उन्होंने आश्वासन दिया कि जर्मनी उन क्षेत्रों में भारत का समर्थन करने के लिए तैयार रहेगा जहां दोनों बदलाव ला सकते हैं. एक मुक्त और खुला और समावेशी इंडो पैसिफिक न केवल सामरिक महत्व का है बल्कि यह क्षेत्र की समृद्धि के लिए भी एक आवश्यकता है.

भारत और डेनमार्क प्रवासन और गतिशीलता और कनेक्टिविटी परियोजनाओं पर एक परियोजना पर भी काम कर रहे हैं. इससे पहले आज, विदेश मंत्री जयशंकर ने नई दिल्ली में डेनमार्क विदेश मंत्री से मुलाकात की और सहयोग को तेज करने की आवश्यकता पर जोर दिया.

जयशंकर ने ट्वीट किया 'आज सुबह डेनमार्क के विदेश मंत्री से मिलकर अच्छा लगा. हमारी द्विपक्षीय साझेदारी मजबूती की ओर बढ़ रही है. दुनिया की स्थिति पर भी विचारों का आदान-प्रदान हुआ.'

बाद में, इंडिया यूरोप बिजनेस एंड सस्टेनेबिलिटी एन्क्लेव में अपने भाषण में जयशंकर ने कहा कि भारत और यूरोपीय संघ एक बहु-ध्रुवीय वैश्विक व्यवस्था में विश्वास करते हैं, प्रभावी बहुपक्षवाद को बढ़ावा देने के लिए एक प्रतिबद्धता साझा करते हैं, और एक-दूसरे के भू-राजनीतिक, आर्थिक, रणनीतिक और सुरक्षा चिंताओं पर तेजी से विचार कर रहे हैं.

यह ध्यान रखना उचित है कि यूरोपीय संघ भारत के सबसे बड़े और सबसे महत्वपूर्ण व्यापार भागीदारों में से एक है. वित्त वर्ष 2021-22 में हमारा द्विपक्षीय व्यापार 115 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का था, जो अब तक का सर्वाधिक है.

जयशंकर ने कहा कि 'जब हरित संक्रमण की बात आती है, तो स्वच्छ ऊर्जा और हरित संक्रमण भारत-यूरोपीय संघ कनेक्टिविटी साझेदारी के केंद्र में हैं. सौर और पवन ऊर्जा, हरित हाइड्रोजन, स्मार्ट ग्रिड, टिकाऊ शहरी परिवहन (विशेष रूप से मेट्रो परियोजनाएं), अपशिष्ट प्रबंधन, और चक्रीय अर्थव्यवस्था में तालमेल उभर कर सामने आया है. डेनमार्क के विदेश मंत्री 26 फरवरी को भारत पहुंचे डेनमार्क के शाही जोड़े के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल के हिस्से के रूप में दिल्ली में हैं.

पढ़ें- डेनमार्क के प्रिंस और प्रिंसेस ने किया ताजमहल का दीदार, बोले-'वाह ताज, वंडरफुल...लवली...सिंबल ऑफ लव'

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