नई दिल्ली : विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने मंगलवार को ईरान के विदेश उप मंत्री अली बाघेरी कानी से बातचीत की जिसमें चाबहार बंदरगाह परियोजना, अफगानिस्तान की स्थिति एवं क्षेत्र में साझा चुनौतियों से निपटने के तौर तरीकों पर जोर दिया गया. कानी ईरान के विदेश मंत्रालय में राजनीतिक मामलों के उप मंत्री हैं. विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, 'दोनों पक्षों ने चाबहार बंदरगाह में प्रगति सहित द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न आयामों के बारे में चर्चा की.'
इसमें कहा गया है कि विदेश सचिव ने साझा अवसरों एवं चुनौतियों से निपटने सहित ईरान के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने की भारत की प्रतिबद्धता व्यक्त की. मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्षों ने अफगानिस्तान सहित अंतरराष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की. टेलीफोन पर यह बातचीत ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अब्दुल्लाहियन की भारत यात्रा के करीब एक महीने बाद हुई है.
जून में ईरानी विदेश मंत्री की नई दिल्ली की हालिया यात्रा के दौरान भारत ने चाबहार बंदरगाह के विकास पर ईरान को सहयोग का आश्वासन दिया था. COVID-19 महामारी और अन्य कारणों से इस परियोजना पर काम रुक गया था. विदेश मंत्रालय ने उस समय कहा था कि दोनों देशों की टीमें जल्द ही परिचालन पहलुओं के लिए बैठक करेंगी. भारत ने चाबहार बंदरगाह को लेकर समर्थन दोहराया है.
ईरान, खाड़ी क्षेत्र में भारत के लिये एक महत्वपूर्ण देश है. भारत और ईरान संयुक्त रूप से दक्षिण पूर्व एशिया एवं मध्य एशिया के बीच सम्पर्क को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. पिछले वर्ष जुलाई में ताशकंद में सम्पर्क सम्मेलन में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ईरान के चाबहार बंदरगाह परियोजना को अफगानिस्तान सहित एक महत्वपूर्ण क्षेत्रीय पारगमन केंद्र बताया था. विदेश मंत्री ने ईरान में रहने वाले अफगान नागरिकों को COVID-19 टीकों की आपूर्ति सहित चिकित्सा सहायता की सुविधा में ईरान की भूमिका की सराहना की थी.
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