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भारत ने आत्मनिर्भरता के लिए महत्वपूर्ण 30 खनिजों की पहचान की, यहां पढ़ें

केंद्रीय कोयला, खान और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने आज एक समारोह में खान मंत्रालय द्वारा गठित एक विशेषज्ञ दल द्वारा तैयार किए गए 'भारत के लिए महत्वपूर्ण खनिजों' पर देश की पहली रिपोर्ट का अनावरण किया. मंत्रालय के कोशिशों की सराहना करते हुए जोशी ने कहा कि यह पहली बार है जब भारत ने रक्षा, कृषि, ऊर्जा, दवा, दूरसंचार जैसे क्षेत्रों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए महत्वपूर्ण खनिजों की व्यापक सूची तैयार की है.

India identifies 30 critical minerals in self-reliance push
'भारत के लिए महत्वपूर्ण खनिज' रिपोर्ट का अनावरण करते केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री प्रल्हाद जोशी
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Published : Jun 29, 2023, 12:41 PM IST

नई दिल्ली : भारत ने रक्षा, कृषि, ऊर्जा, दवा और दूरसंचार जैसे क्षेत्रों के लिए अपनी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए 30 महत्वपूर्ण खनिजों की पहचान की है. ये खनिज 'आत्मानिर्भर भारत' प्रोजेक्ट रोडमैप के लिहाज से महत्वपूर्ण हैं. इसके लिए खान मंत्रालय ने एक विशेषज्ञ टीम की समिति गठित थी. समिति ने 'भारत के लिए महत्वपूर्ण खनिज' शीर्षक से एक रिपोर्ट बनायी है. जिसका बुधवार को केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री प्रल्हाद जोशी ने एक समारोह में अनावरण किया.

  • India’s list of Critical minerals released today sets out the government’s vision to grow the domestic critical minerals sector. Here are the minerals critical for India's self-reliance and security. pic.twitter.com/WFb2ZIN3vi

    — Pralhad Joshi (@JoshiPralhad) June 28, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

ये महत्वपूर्ण खनिज हैं एंटीमनी, बेरिलियम, बिस्मथ, कोबाल्ट, कॉपर, गैलियम, जर्मेनियम, ग्रेफाइट, हेफ़नियम, इंडियम, लिथियम, मोलिब्डेनम, नाइओबियम, निकेल, पीजीई, फॉस्फोरस, पोटाश, आरईई, रेनियम, सिलिकॉन, स्ट्रोंटियम, टैंटलम, टेल्यूरियम, टिन, टाइटेनियम, टंगस्टन, वैनेडियम, ज़िरकोनियम, सेलेनियम और कैडमियम. इनकी पहचान से खनन क्षेत्र में नीति निर्माण, रणनीतिक योजना और निवेश निर्णयों के लिए एक मार्गदर्शक ढांचे पर काम करने में मदद मिलने की उम्मीद है.

  • Released a Report on
    Identification of Critical Minerals for India & unveiled the list of 30 critical minerals for India. AatmaNirbharta in securing critical minerals is a must for #NewIndia. Under PM @narendramodi ji, India is taking rapid strides to ensure their supply. pic.twitter.com/E8qPQX8wju

    — Pralhad Joshi (@JoshiPralhad) June 28, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

रिपोर्ट के मुताबिक, ये खनिज महत्वपूर्ण हैं क्योंकि आर्थिक विकास और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए इनका महत्व काफी अधिक है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भविष्य की वैश्विक अर्थव्यवस्था लिथियम, ग्रेफाइट, कोबाल्ट, टाइटेनियम और दुर्लभ पृथ्वी तत्वों जैसे खनिजों पर आधारित उन प्रौद्योगिकियों पर निर्भर करेगी. ये खनिज उच्च तकनीक रक्षा, इलेक्ट्रॉनिक्स, दूरसंचार, परिवहन और सहित कई क्षेत्रों की प्रगति के लिए आवश्यक हैं. इनसे कम कार्बन उत्सर्जन वाली अर्थव्यवस्था में वैश्विक परिवर्तन को शक्ति मिलेगी.

इसके साथ ही नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकियों को भी इससे बल मिलेगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के लिए महत्वपूर्ण खनिजों की पहचान करना और मूल्य श्रृंखला विकसित करना अनिवार्य हो गया है. खान मंत्रालय ने महत्वपूर्ण खनिजों की सूची की पहचान करने के लिए नवंबर 2022 में खान मंत्रालय के संयुक्त सचिव (नीति) की अध्यक्षता में सात सदस्यीय समिति का गठन किया था. समिति ने सदस्यों के बीच कई विचार-विमर्श किया. जिसके बाद यह सूची तैयार की गई है.

समिति ने महत्वपूर्ण खनिजों को सूचीबद्ध करने के अलावा, खान मंत्रालय में महत्वपूर्ण खनिजों के लिए उत्कृष्टता केंद्र (सीईसीएम) के निर्माण की भी सिफारिश की है. यह केंद्र समय-समय पर भारत के लिए महत्वपूर्ण खनिजों की सूची को अपडेट करेगा. इसके साथ ही महत्वपूर्ण खनिजों की प्रभावी मूल्य श्रृंखला के विकास के लिए कई प्रकार के जरुरी कदम उठायेगा. खान मंत्री जोशी ने बताया कि यह पहली बार है कि भारत ने प्रमुख क्षेत्रों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए महत्वपूर्ण खनिजों की व्यापक सूची की पहचान की है.

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उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया अमेरिका यात्रा को याद करते हुए कहा कि भारत महत्वपूर्ण खनिज आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत करने के लिए प्रतिष्ठित खनिज सुरक्षा साझेदारी (एमएसपी) में सबसे नया भागीदार बन गया है. इसके अलावा, यह खुलासा करते हुए कि आज जारी रिपोर्ट में 30 महत्वपूर्ण खनिजों की पहचान की गई है, मंत्री ने कहा कि वर्तमान में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) महत्वपूर्ण और गहरे खनिजों की खोज पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहा है.

(एएनआई)

नई दिल्ली : भारत ने रक्षा, कृषि, ऊर्जा, दवा और दूरसंचार जैसे क्षेत्रों के लिए अपनी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए 30 महत्वपूर्ण खनिजों की पहचान की है. ये खनिज 'आत्मानिर्भर भारत' प्रोजेक्ट रोडमैप के लिहाज से महत्वपूर्ण हैं. इसके लिए खान मंत्रालय ने एक विशेषज्ञ टीम की समिति गठित थी. समिति ने 'भारत के लिए महत्वपूर्ण खनिज' शीर्षक से एक रिपोर्ट बनायी है. जिसका बुधवार को केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री प्रल्हाद जोशी ने एक समारोह में अनावरण किया.

  • India’s list of Critical minerals released today sets out the government’s vision to grow the domestic critical minerals sector. Here are the minerals critical for India's self-reliance and security. pic.twitter.com/WFb2ZIN3vi

    — Pralhad Joshi (@JoshiPralhad) June 28, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

ये महत्वपूर्ण खनिज हैं एंटीमनी, बेरिलियम, बिस्मथ, कोबाल्ट, कॉपर, गैलियम, जर्मेनियम, ग्रेफाइट, हेफ़नियम, इंडियम, लिथियम, मोलिब्डेनम, नाइओबियम, निकेल, पीजीई, फॉस्फोरस, पोटाश, आरईई, रेनियम, सिलिकॉन, स्ट्रोंटियम, टैंटलम, टेल्यूरियम, टिन, टाइटेनियम, टंगस्टन, वैनेडियम, ज़िरकोनियम, सेलेनियम और कैडमियम. इनकी पहचान से खनन क्षेत्र में नीति निर्माण, रणनीतिक योजना और निवेश निर्णयों के लिए एक मार्गदर्शक ढांचे पर काम करने में मदद मिलने की उम्मीद है.

  • Released a Report on
    Identification of Critical Minerals for India & unveiled the list of 30 critical minerals for India. AatmaNirbharta in securing critical minerals is a must for #NewIndia. Under PM @narendramodi ji, India is taking rapid strides to ensure their supply. pic.twitter.com/E8qPQX8wju

    — Pralhad Joshi (@JoshiPralhad) June 28, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

रिपोर्ट के मुताबिक, ये खनिज महत्वपूर्ण हैं क्योंकि आर्थिक विकास और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए इनका महत्व काफी अधिक है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भविष्य की वैश्विक अर्थव्यवस्था लिथियम, ग्रेफाइट, कोबाल्ट, टाइटेनियम और दुर्लभ पृथ्वी तत्वों जैसे खनिजों पर आधारित उन प्रौद्योगिकियों पर निर्भर करेगी. ये खनिज उच्च तकनीक रक्षा, इलेक्ट्रॉनिक्स, दूरसंचार, परिवहन और सहित कई क्षेत्रों की प्रगति के लिए आवश्यक हैं. इनसे कम कार्बन उत्सर्जन वाली अर्थव्यवस्था में वैश्विक परिवर्तन को शक्ति मिलेगी.

इसके साथ ही नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकियों को भी इससे बल मिलेगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के लिए महत्वपूर्ण खनिजों की पहचान करना और मूल्य श्रृंखला विकसित करना अनिवार्य हो गया है. खान मंत्रालय ने महत्वपूर्ण खनिजों की सूची की पहचान करने के लिए नवंबर 2022 में खान मंत्रालय के संयुक्त सचिव (नीति) की अध्यक्षता में सात सदस्यीय समिति का गठन किया था. समिति ने सदस्यों के बीच कई विचार-विमर्श किया. जिसके बाद यह सूची तैयार की गई है.

समिति ने महत्वपूर्ण खनिजों को सूचीबद्ध करने के अलावा, खान मंत्रालय में महत्वपूर्ण खनिजों के लिए उत्कृष्टता केंद्र (सीईसीएम) के निर्माण की भी सिफारिश की है. यह केंद्र समय-समय पर भारत के लिए महत्वपूर्ण खनिजों की सूची को अपडेट करेगा. इसके साथ ही महत्वपूर्ण खनिजों की प्रभावी मूल्य श्रृंखला के विकास के लिए कई प्रकार के जरुरी कदम उठायेगा. खान मंत्री जोशी ने बताया कि यह पहली बार है कि भारत ने प्रमुख क्षेत्रों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए महत्वपूर्ण खनिजों की व्यापक सूची की पहचान की है.

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(एएनआई)

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