ETV Bharat / bharat

भारत देगा हरित हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था को बढ़ावा, 25 हजार करोड़ रुपये के परिव्यय का प्रावधान : भगवंत खुबा - देश में ही उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल का निर्माण बढाने के लिए संकल्‍पबद्ध

नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा राज्यमंत्री भगवंत खुबा (Union Minister of State for New and Renewable Energy Bhagwant Khuba) ने जर्मनी के म्यूनिख में आयोजित इंटरसोलर यूरोप 2022 में भाग लिया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भारत में हरित हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने के लिए 25, 425 करोड़ रुपये का अनुमानित परिव्यय का प्रावधान किया गया है.

Union Minister Bhagwant Khuba
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा राज्यमंत्री भगवंत खुबा
author img

By

Published : May 13, 2022, 8:01 PM IST

नई दिल्ली : नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा राज्यमंत्री भगवंत खुबा (Union Minister of State for New and Renewable Energy Bhagwant Khuba) जर्मनी के म्यूनिख में आयोजित इंटरसोलर यूरोप 2022 में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने 'इंडियाज़ सोलर एनर्जी मार्केट' (भारत का सौर ऊर्जा बाजार) विषय पर होने वाले निवेश प्रोत्साहन कार्यक्रम में प्रमुख वक्तव्य दिया. इस अवसर पर खुबा ने इस बात पर जोर दिया कि भारत उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल का स्वदेशी निर्माण बढ़ाने के लिए संकल्पित है और इसके लिए 24,000 करोड़ रुपये का बजट परिव्यय का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा भारत में हरित हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने के लिए 25, 425 करोड़ रुपये का अनुमानित परिव्यय का प्रावधान किया गया है. हरित हाइड्रोजन मिशन से आशा की जाती है कि वह हर वर्ष 4.1 मिलियन टन हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करेगा.

खुबा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की महत्‍वाकांक्षी पंचामृत का लक्ष्य कॉप-26 इंडिया के दौरान तय किया गया था, जिसके तहत भारत 2070 तक नेट-ज़ीरो का लक्ष्य प्राप्त करेगा तथा 2030 तक गैर-जीवाश्म 500 गेगावॉट ऊर्जा की क्षमता स्थापित करेगा. उन्होंने कहा कि भारत में नवीकरणीय ऊर्जा संसाधान की अपार क्षमता है तथा इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए मजबूत बुनियाद को मजबूत नीति का समर्थन प्राप्त है.

उन्होंने कहा कि भारत में पिछले सात वर्षों में नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में असाधारण वृद्धि हुई है तथा भारत ने 2021 में गैर-जीवाश्म ईंधन की समग्र ऊर्जा क्षमता का 40 प्रतिशत लक्ष्य पूरा कर लिया है. इस तरह भारत 2030 तक निर्धारित अवधि से पूरे नौ वर्ष आगे है. खुबा ने कहा कि भारत सरकार महत्‍वाकांक्षी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सौर पीवी सेक्टर में स्वदेशी निर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए प्रतिबद्ध है. स्वदेशी पीवी निर्माण सेक्टर को समर्थन देने के लिए कई नीतिगत उपाय किये गए हैं.

ये भी पढ़ें - हरित हाइड्रोजन-हरित अमोनिया के लिए सरकार ने घोषित की नई नीति, कच्चे तेल पर घटेगी निर्भरता

राज्यमंत्री ने कहा कि इसके साथ ही भारत निवेश के अपार अवसर उपलब्ध कराता है. इस समय भारत में लगभग 196.98 अरब अमेरिकी डॉलर की परियोजनायें प्रक्रिया में हैं. खुबा ने कहा, 'मैं एक बार फिर सभी विकसित देशों और प्रमुख नवीकरणीय ऊर्जा दिग्गजों को आमंत्रित करता हूं कि वे भारत द्वारा विश्व को उपलब्ध कराये जाने वाले अवसरों का इस्तेमाल करें.'

नई दिल्ली : नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा राज्यमंत्री भगवंत खुबा (Union Minister of State for New and Renewable Energy Bhagwant Khuba) जर्मनी के म्यूनिख में आयोजित इंटरसोलर यूरोप 2022 में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने 'इंडियाज़ सोलर एनर्जी मार्केट' (भारत का सौर ऊर्जा बाजार) विषय पर होने वाले निवेश प्रोत्साहन कार्यक्रम में प्रमुख वक्तव्य दिया. इस अवसर पर खुबा ने इस बात पर जोर दिया कि भारत उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल का स्वदेशी निर्माण बढ़ाने के लिए संकल्पित है और इसके लिए 24,000 करोड़ रुपये का बजट परिव्यय का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा भारत में हरित हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने के लिए 25, 425 करोड़ रुपये का अनुमानित परिव्यय का प्रावधान किया गया है. हरित हाइड्रोजन मिशन से आशा की जाती है कि वह हर वर्ष 4.1 मिलियन टन हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करेगा.

खुबा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की महत्‍वाकांक्षी पंचामृत का लक्ष्य कॉप-26 इंडिया के दौरान तय किया गया था, जिसके तहत भारत 2070 तक नेट-ज़ीरो का लक्ष्य प्राप्त करेगा तथा 2030 तक गैर-जीवाश्म 500 गेगावॉट ऊर्जा की क्षमता स्थापित करेगा. उन्होंने कहा कि भारत में नवीकरणीय ऊर्जा संसाधान की अपार क्षमता है तथा इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए मजबूत बुनियाद को मजबूत नीति का समर्थन प्राप्त है.

उन्होंने कहा कि भारत में पिछले सात वर्षों में नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में असाधारण वृद्धि हुई है तथा भारत ने 2021 में गैर-जीवाश्म ईंधन की समग्र ऊर्जा क्षमता का 40 प्रतिशत लक्ष्य पूरा कर लिया है. इस तरह भारत 2030 तक निर्धारित अवधि से पूरे नौ वर्ष आगे है. खुबा ने कहा कि भारत सरकार महत्‍वाकांक्षी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सौर पीवी सेक्टर में स्वदेशी निर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए प्रतिबद्ध है. स्वदेशी पीवी निर्माण सेक्टर को समर्थन देने के लिए कई नीतिगत उपाय किये गए हैं.

ये भी पढ़ें - हरित हाइड्रोजन-हरित अमोनिया के लिए सरकार ने घोषित की नई नीति, कच्चे तेल पर घटेगी निर्भरता

राज्यमंत्री ने कहा कि इसके साथ ही भारत निवेश के अपार अवसर उपलब्ध कराता है. इस समय भारत में लगभग 196.98 अरब अमेरिकी डॉलर की परियोजनायें प्रक्रिया में हैं. खुबा ने कहा, 'मैं एक बार फिर सभी विकसित देशों और प्रमुख नवीकरणीय ऊर्जा दिग्गजों को आमंत्रित करता हूं कि वे भारत द्वारा विश्व को उपलब्ध कराये जाने वाले अवसरों का इस्तेमाल करें.'

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.