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भारत में महिला पायलटों की संख्या सबसे अधिक: राज्य मंत्री जनरल सिंह

राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री सेवानिवृत्त जनरल वी.के. सिंह ने कहा कि भारत में 17,726 पंजीकृत पायलटों में से 2,764 पायलट महिलाएं हैं.

Minister of State General v k Singh (file photo)
राज्य मंत्री जनरल वी के सिंह (फाइल फोटो)
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Published : Dec 7, 2021, 11:52 AM IST

नई दिल्ली : भारत में महिला पायलटों की संख्या सबसे अधिक पाई गई है. यूं कहें कि देश में महिला पायलटों की हिस्सेदारी 15 प्रतिशत है, जो अंतरराष्ट्रीय औसत में पांच प्रतिशत से काफी अधिक है.

राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री सेवानिवृत्त जनरल वी.के. सिंह ने कहा कि भारत में 17,726 पंजीकृत पायलटों में से 2,764 पायलट महिलाएं हैं.

उन्होंने सदन को बताया कि उत्तर प्रदेश के अमेठी में स्थित राजीव गांधी राष्ट्रीय उड्डयन विश्वविद्यालय (Rajiv Gandhi National Aviation University-RGNAU), भारत का एकमात्र विमानन विश्वविद्यालय है, नागरिक उड्डयन मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में संचालित होता है. आज की तारीख में, सरकार के पास सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल के माध्यम से कोई अन्य विमानन विश्वविद्यालय स्थापित करने का कोई प्रस्ताव नहीं है.

उन्होंने कहा कि ईजीसीए के पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार, भारत में 17,726 पंजीकृत पायलटों में से महिला पायलटों की संख्या 2,764 है. नागरिक उड्डयन मंत्रालय (Ministry of Civil Aviation) और उससे जुड़े संगठनों ने देश में पायलटों के प्रशिक्षण को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं.

पढ़ें : विधेयक बिना बहस के पारित हो रहे, जल्द ही संसद 'रबर स्टैम्प' बनकर रह जाएगी : पूर्व न्यायाधीश

उन्होंने बताया कि इनमें भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (बेलगावी, जलगांव, कालाबुरागी, खजुराहो और लीलाबारी) के पांच हवाई अड्डों पर नौ नए उड़ान प्रशिक्षण संगठनों (एफटीओ) के लिए तर्कसंगत भूमि शुल्क आदि के साथ प्रमाणपत्र जारी करना, नियामक डीजीसीए में अनुमोदन प्रक्रियाओं का डिजिटलीकरण, उड़ान प्रशिक्षकों का सशक्तिकरण आदि शामिल हैं.

इन उपायों से एफटीओ में उड़ान के घंटे और प्रतिवर्ष जारी किए जाने वाले वाणिज्यिक पायलट लाइसेंसों की संख्या में वृद्धि होने की संभावना है. इससे महिला पायलटों सहित सभी इच्छुक पायलटों को लाभ होगा.

उन्होंने बताया कि वूमेन इन एविएशन इंटरनेशनल (Women in Aviation International- WAI) - इंडिया चैप्टर देश भर में नागरिक उड्डयन मंत्रालय, उद्योग और प्रमुख महिला विमानन पेशेवरों के सहयोग से कई जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करता है. विशेष रूप से कम आय वाले परिवारों की स्कूली छात्राओं पर विशेष ध्यान देता है.

विश्व स्तर पर, इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ वुमेन एयरलाइन पायलट के अनुसार, लगभग पांच प्रतिशत पायलट महिलाएं हैं. भारत में, महिला पायलटों की हिस्सेदारी काफी अधिक है.

नई दिल्ली : भारत में महिला पायलटों की संख्या सबसे अधिक पाई गई है. यूं कहें कि देश में महिला पायलटों की हिस्सेदारी 15 प्रतिशत है, जो अंतरराष्ट्रीय औसत में पांच प्रतिशत से काफी अधिक है.

राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री सेवानिवृत्त जनरल वी.के. सिंह ने कहा कि भारत में 17,726 पंजीकृत पायलटों में से 2,764 पायलट महिलाएं हैं.

उन्होंने सदन को बताया कि उत्तर प्रदेश के अमेठी में स्थित राजीव गांधी राष्ट्रीय उड्डयन विश्वविद्यालय (Rajiv Gandhi National Aviation University-RGNAU), भारत का एकमात्र विमानन विश्वविद्यालय है, नागरिक उड्डयन मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में संचालित होता है. आज की तारीख में, सरकार के पास सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल के माध्यम से कोई अन्य विमानन विश्वविद्यालय स्थापित करने का कोई प्रस्ताव नहीं है.

उन्होंने कहा कि ईजीसीए के पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार, भारत में 17,726 पंजीकृत पायलटों में से महिला पायलटों की संख्या 2,764 है. नागरिक उड्डयन मंत्रालय (Ministry of Civil Aviation) और उससे जुड़े संगठनों ने देश में पायलटों के प्रशिक्षण को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं.

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उन्होंने बताया कि इनमें भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (बेलगावी, जलगांव, कालाबुरागी, खजुराहो और लीलाबारी) के पांच हवाई अड्डों पर नौ नए उड़ान प्रशिक्षण संगठनों (एफटीओ) के लिए तर्कसंगत भूमि शुल्क आदि के साथ प्रमाणपत्र जारी करना, नियामक डीजीसीए में अनुमोदन प्रक्रियाओं का डिजिटलीकरण, उड़ान प्रशिक्षकों का सशक्तिकरण आदि शामिल हैं.

इन उपायों से एफटीओ में उड़ान के घंटे और प्रतिवर्ष जारी किए जाने वाले वाणिज्यिक पायलट लाइसेंसों की संख्या में वृद्धि होने की संभावना है. इससे महिला पायलटों सहित सभी इच्छुक पायलटों को लाभ होगा.

उन्होंने बताया कि वूमेन इन एविएशन इंटरनेशनल (Women in Aviation International- WAI) - इंडिया चैप्टर देश भर में नागरिक उड्डयन मंत्रालय, उद्योग और प्रमुख महिला विमानन पेशेवरों के सहयोग से कई जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करता है. विशेष रूप से कम आय वाले परिवारों की स्कूली छात्राओं पर विशेष ध्यान देता है.

विश्व स्तर पर, इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ वुमेन एयरलाइन पायलट के अनुसार, लगभग पांच प्रतिशत पायलट महिलाएं हैं. भारत में, महिला पायलटों की हिस्सेदारी काफी अधिक है.

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