नई दिल्ली : वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय (ministry of commerce and industry) के अधिकारियों ने कहा कि अब अमेरिकी उपभोक्ताओं को भारत से उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले आम मिलेंगे. यह पहली बार नहीं है जब देश अमेरिका को आम निर्यात करने जा रहा (going to export mangoes to america) है क्योंकि पिछले वर्षों में भी भारतीय आमों का अमेरिका को निर्यात किया गया.
हालांकि इसे 2020 से रोक दिया गया था क्योंकि अमेरिकी अधिकारियों को निरीक्षण के लिए भारत आने की अनुमति नहीं थी. कोविड-19 वैश्विक महामारी के प्रकोप के कारण अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर लगाए गए प्रतिबंधों के कारण यह संभव नहीं हो पा रहा था. भारत सरकार जो कि 2005 के आपदा प्रबंधन अधिनियम और 1897 के महामारी रोग अधिनियम के तहत कोविड-19 महामारी का प्रबंधन कर रही है, ने 22 मार्च 2020 को देश में आने वाली अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को निलंबित कर दिया था.
कोविड के दौरान व्यापार संबंध
हालांकि कोविड से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद दोनों देशों ने अपने व्यापार संबंधों को आगे बढ़ाने का फैसला किया है. हाल ही में आयोजित 12वीं भारत-अमेरिका व्यापार नीति फोरम (India-US Trade Policy Forum) की बैठक के अनुसार कृषि और किसान कल्याण विभाग और अमेरिकी कृषि विभाग (US Department of Agriculture) ने 2 बनाम 2 कृषि को लागू करने के लिए एक रूपरेखा समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.
इस समझौते के तहत भारत और अमेरिका भारत के आम निर्यात और अमेरिका को अनार के निर्यात और अमेरिका से चेरी और अल्फाल्फा घास के आयात के लिए संयुक्त प्रोटोकॉल का पालन करेंगे. अधिकारियों ने कहा कि संशोधित कार्य योजना पर पहले ही काम किया जा चुका है, जिसमें दोनों देशों के बीच सहमति बनी है. इस समझौते के तहत भारतीय आम उत्पादक मार्च से अल्फांसो किस्म के आमों के आने के साथ शुरू होने वाले सीजन में अमेरिका को आम निर्यात कर सकेंगे.
अमेरिका को निर्यात में स्थिर वृद्धि
अमेरिकी बाजार में भारतीय आमों की स्वीकृति के बारे में बात करते हुए अधिकारियों ने कहा कि भारतीय आमों को अमेरिका में व्यापक रुप से पसंद किया जाता है. भारत ने 2017-18 में अमेरिका को 800 टन आमों का निर्यात किया था और फल का निर्यात मूल्य 2.75 मिलियन डॉलर था. इसी तरह 2018-19 में 3.63 मिलियन डॉलर के 951 टन आमों का अमेरिका को निर्यात किया गया. 2019-20 में यूएस को 4.35 मिलियन डॉलर के 1095 टन आम का निर्यात किया गया. निर्यातकों से प्राप्त अनुमान के अनुसार 2022 में आम का निर्यात 2019-20 के आंकड़ों को पार कर सकता है.
किन राज्यों को हो सकता है फायदा
अधिकारियों के अनुसार यूएसडीए की मंजूरी का मतलब है कि महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना जैसे पारंपरिक आम उत्पादन क्षेत्रों के आम उत्पादकों को इस फैसले से फायदा होगा. कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) ने कहा कि अन्य क्षेत्रों के आम किसान जैसे उत्तर और पूर्वी भारत के आम की स्वादिष्ट किस्मों जैसे लंगड़ा, चौसा, के उत्पादकों को भी मौका मिलेगा.
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उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के दशहरी, फजली आदि को भी अपनी उपज को दुनिया के सबसे अमीर देश में निर्यात करने का मौका मिलेगा. अधिकारियों ने कहा कि जहां देश इस साल अप्रैल में अमेरिका को अनार का निर्यात शुरू करेगा. वहीं अमेरिका से भारत में अल्फाल्फा घास और चेरी का आयात भी उसी महीने शुरू हो जाएगा.