नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री भारती प्रवीण पवार ने मंगलवार को कहा कि प्रवेश स्थानों पर निगरानी जैसे भारत के मजबूत और निर्णायक कदमों से कोविड-19 के प्रसार पर अंकुश लगा तथा देश को सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षमता और बुनियादी ढांचा तैयार करने के लिए पर्याप्त समय मिला.
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री पवार ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए विश्व स्वास्थ्य संगठन-दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्रीय कार्यालय (डब्ल्यूएचओ-एसईएआरओ) में भारत का प्रतिनिधित्व किया. उन्होंने दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए डब्ल्यूएचओ क्षेत्रीय समिति के 74वें सत्र के लिए मंत्रिस्तरीय गोलमेज सम्मेलन में भारत की ओर से हस्तक्षेप किया.
पवार ने सार्वभौमिक स्वास्थ्य देखभाल और स्वास्थ्य संबंधी स्थायी विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने तथा भविष्य के लिए स्वास्थ्य प्रणाली के लचीलेपन को मजबूत बनाने के लिए बेहतर निर्माण की खातिर नियोजित प्रमुख उपायों और रणनीतियों को भी रेखांकित किया.
उन्होंने कहा कि कोविड-19 ने जीवन के लगभग हर क्षेत्र को प्रभावित किया है और इस बीमारी के कारण बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुयी है. उन्होंने कहा कि देश ने महामारी का प्रबंधन करने के लिए एक सक्रिय और जन-केंद्रित दृष्टिकोण अपनाया जिसमें पूरी सरकार के साथ ही पूरा समाज शामिल था.
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पवार ने कहा कि महामारी से मुकाबला करने के लिए भारत की रणनीति पांच खंभें पर बनी है - परीक्षण, निगरानी, इलाज, टीकाकरण और कोविड संबंधी उचित आचरण का पालन. विकेन्द्रीकृत लेकिन एकीकृत, संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण के साथ, हमने तेजी से कोविड-समर्पित बुनियादी ढांचा बनाने और अपने मानव संसाधनों के कौशल को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया.
उन्होंने कहा कि उच्च स्तरीय अंतर-मंत्रालयी समूहों की स्थापना और राज्यों व अन्य पक्षों और समुदाय के साथ संचार से अंतर-क्षेत्रीय समन्वय ने महामारी के प्रबंधन के लिए जन आंदोलन की सुविधा प्रदान की.
लोगों पर महामारी के प्रभाव का जिक्र करते हुए पवार ने कहा कि इसे कम करने के लिए कई आर्थिक व सामाजिक सुरक्षा उपाय किए गए.
(पीटीआई-भाषा)