नई दिल्ली : भारत ने संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब में सीमा पार से जारी मिसाइल और ड्रोन हमलों की कड़ी निंदा की है. इन हमलों में भारतीय नागरिकों सहित निर्दोष नागरिकों की मौत हुई थी और कई जख्मी हुए थे.
बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में भारत के संयुक्त राष्ट्र में स्थायी प्रतिनिधि एवं राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने मध्य पूर्व (यमन) की स्थिति पर अपनी बात रखी. उन्होंने राष्ट्रव्यापी युद्धविराम के बाद संघर्ष को तत्काल समाप्त करने के लिए भारत के लगातार आह्वान को दोहराया.
पिछले महीने यमन में हूती विद्रोहियों के हमले में दो भारतीयों की मौत हो गई थी जबकि 2 घायल हो गए थे. 3 जनवरी को हूती विद्रोहियों ने यमन के तट से संयुक्त अरब अमीरात के झंडा लगे पोत का अपहरण कर लिया गया था. उस पर सवार 11 चालक दल के सदस्यों में से सात भारतीय थे. वे अभी भी हूती विद्रोहियों की हिरासत में हैं.
उन्होंने कहा कि यमन का संघर्ष पूरे खाड़ी क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता पर गलत असर डाल रहा है. उन्होंने कहा कि लगभग 90 लाख भारतीय खाड़ी क्षेत्र में रहते हैं और काम करते हैं. उनकी सुरक्षा भारत के लिए मायने रखती है.
तिरुमूर्ति ने कहा कि यमन की सीमाओं के बाहर संघर्ष को जानबूझकर बढ़ाना और अंसारल्लाह (Ansarallah) द्वारा उकसाने वाली बयानबाजी निंदनीय है. इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हमलों के बारे में यूएई के विदेश मंत्री से बात की थी.
यह दूसरी बार है जब भारतीयों पर हूतियों ने हमला किया है, हालांकि उनका उद्देश्य संयुक्त अरब अमीरात को नुकसान पहुंचाना था. UNSC में राजदूत तिरुमूर्ति ने पोत रवाबी के चालक दल के सदस्यों की तत्काल रिहाई के लिए कदम उठाने की मांग दोहराई.
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उन्होंने कहा कि भारतीयों तक नियमित पहुंच के साथ-साथ उनकी स्थिति के बारे में जानकारी देने और उनकी जल्द रिहाई सुनिश्चित की जानी चाहिए. भारत ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सभी पक्षों से सैन्य टकरावों को खत्म करने और यमन में स्थायी शांति स्थापित करने की दिशा में ठोस प्रयास करने का आह्वान किया.