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भारत परमाणु शस्त्र मुक्त दुनिया बनाने के लिए प्रतिबद्ध : विदेश सचिव - nuclear weapons free world

भारत ने चीन और पाकिस्तान के बीच गठजोड़ की ओर इशारा करते हुए इस बात को रेखांकित किया है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को परमाणु हथियारों, उनकी आपूर्ति प्रणाली, कलपुर्जों और संबंधित प्रौद्योगिकियों के नेटवर्कों के अवैध प्रसार पर ध्यान देने की जरूरत है.

विदेश सचिव
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Published : Sep 28, 2021, 4:11 AM IST

नई दिल्ली : व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि पर सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि भारत ने परमाणु निरस्त्रीकरण की दिशा में वैश्विक प्रयासों में अग्रणी भूमिका निभाई है.

श्रृंगला ने कहा कि भारत परमाणु शस्त्र मुक्त दुनिया बनाने तथा परमाणु शस्त्रों का पूरी तरह उन्मूलन करने के लक्ष्य के लिए प्रतिबद्ध है, जो निरस्त्रीकरण पर संयुक्त राष्ट्र महासभा के पहले विशेष सत्र के पहले दस्तावेज द्वारा परमाणु निरस्त्रीकरण को दी गयी सर्वोच्च प्राथमिकता के संगत है.

उन्होंने कहा कि भारत ने वैश्विक परमाणु सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने का सक्रियता से समर्थन किया है और इसमें योगदान दिया है. श्रृंगला ने कहा, 'अंतरराष्ट्रीय समुदाय को परमाणु हथियारों, उनकी आपूर्ति प्रणाली, कलपुर्जों और संबंधित प्रौद्योगिकियों के नेटवर्कों के अवैध प्रसार पर ध्यान देने की जरूरत है.'

विदेश सचिव के इस बयान को स्पष्ट तौर पर चीन और इसके सहयोगी पाकिस्तान के संदर्भ में देखा जा रहा है क्योंकि बीजिंग द्वारा इस्लामाबाद को परमाणु सामग्री निर्यात करने को लेकर चिंता जाहिर की गई है और इसे तय प्रक्रिया और अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का उल्लंघन करार दिया गया है.

अमेरिकी थिंक टैंक 'आर्म्स कंट्रोल एसोसिएशन' ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि पाकिस्तान के साथ चीन का परमाणु सहयोग, परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) के नियमों के खिलाफ है.

उन्होंने कहा कि भारत मानता है कि एक वैश्विक प्रतिबद्धता तथा सहमति वाली वैश्विक एवं भेदभाव-रहित बहुपक्षीय रूपरेखा में अंकित चरणबद्ध प्रक्रिया के माध्यम से इस लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है. संयुक्त राष्ट्र महासभा में 2006 में जमा किये गये परमाणु निरस्त्रीकरण पर भारत के कार्य दस्तावेज में इसका उल्लेख है.

भारत ने परमाणु सुरक्षा शिखर-सम्मेलन की प्रक्रिया में भाग लिया और अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सुरक्षा पर अंतरराष्ट्रीय अधिवेशन में नियमित भाग लेता रहा है. भारत राष्ट्रीय सुरक्षा संपर्क समूह का भी सदस्य है.

यह भी पढ़ें- भारत की चीन को दो-टूक, सीमा प्रबंधन में भ्रम पैदा न करे, शांति बहाल के लिए उठाए कदम

श्रृंगला ने कहा कि परमाणु निरस्त्रीकरण को भारत जो प्राथमिकता देता है, उसके प्रति पूर्वाग्रह के बिना देश निरस्त्रीकरण पर सम्मेलन में 'फिसाइल मेटेरियल कट-ऑफ ट्रीटी' (एफएमसीटी) पर बातचीत शुरू करने की अपनी तत्परता जता चुका है.

उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में भारत ने एफएमसीटी पर सरकारी विशेषज्ञों के समूह तथा एफएमसीटी पर उच्चस्तरीय विशेषज्ञ तैयारी समूह के कामकाज में भी भाग लिया है.

नई दिल्ली : व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि पर सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि भारत ने परमाणु निरस्त्रीकरण की दिशा में वैश्विक प्रयासों में अग्रणी भूमिका निभाई है.

श्रृंगला ने कहा कि भारत परमाणु शस्त्र मुक्त दुनिया बनाने तथा परमाणु शस्त्रों का पूरी तरह उन्मूलन करने के लक्ष्य के लिए प्रतिबद्ध है, जो निरस्त्रीकरण पर संयुक्त राष्ट्र महासभा के पहले विशेष सत्र के पहले दस्तावेज द्वारा परमाणु निरस्त्रीकरण को दी गयी सर्वोच्च प्राथमिकता के संगत है.

उन्होंने कहा कि भारत ने वैश्विक परमाणु सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने का सक्रियता से समर्थन किया है और इसमें योगदान दिया है. श्रृंगला ने कहा, 'अंतरराष्ट्रीय समुदाय को परमाणु हथियारों, उनकी आपूर्ति प्रणाली, कलपुर्जों और संबंधित प्रौद्योगिकियों के नेटवर्कों के अवैध प्रसार पर ध्यान देने की जरूरत है.'

विदेश सचिव के इस बयान को स्पष्ट तौर पर चीन और इसके सहयोगी पाकिस्तान के संदर्भ में देखा जा रहा है क्योंकि बीजिंग द्वारा इस्लामाबाद को परमाणु सामग्री निर्यात करने को लेकर चिंता जाहिर की गई है और इसे तय प्रक्रिया और अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का उल्लंघन करार दिया गया है.

अमेरिकी थिंक टैंक 'आर्म्स कंट्रोल एसोसिएशन' ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि पाकिस्तान के साथ चीन का परमाणु सहयोग, परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) के नियमों के खिलाफ है.

उन्होंने कहा कि भारत मानता है कि एक वैश्विक प्रतिबद्धता तथा सहमति वाली वैश्विक एवं भेदभाव-रहित बहुपक्षीय रूपरेखा में अंकित चरणबद्ध प्रक्रिया के माध्यम से इस लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है. संयुक्त राष्ट्र महासभा में 2006 में जमा किये गये परमाणु निरस्त्रीकरण पर भारत के कार्य दस्तावेज में इसका उल्लेख है.

भारत ने परमाणु सुरक्षा शिखर-सम्मेलन की प्रक्रिया में भाग लिया और अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सुरक्षा पर अंतरराष्ट्रीय अधिवेशन में नियमित भाग लेता रहा है. भारत राष्ट्रीय सुरक्षा संपर्क समूह का भी सदस्य है.

यह भी पढ़ें- भारत की चीन को दो-टूक, सीमा प्रबंधन में भ्रम पैदा न करे, शांति बहाल के लिए उठाए कदम

श्रृंगला ने कहा कि परमाणु निरस्त्रीकरण को भारत जो प्राथमिकता देता है, उसके प्रति पूर्वाग्रह के बिना देश निरस्त्रीकरण पर सम्मेलन में 'फिसाइल मेटेरियल कट-ऑफ ट्रीटी' (एफएमसीटी) पर बातचीत शुरू करने की अपनी तत्परता जता चुका है.

उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में भारत ने एफएमसीटी पर सरकारी विशेषज्ञों के समूह तथा एफएमसीटी पर उच्चस्तरीय विशेषज्ञ तैयारी समूह के कामकाज में भी भाग लिया है.

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