नई दिल्ली : भारत और ऑस्ट्रेलिया ने पांचवीं द्विपक्षीय साइबर नीति को लेकर गुरुवार को वार्ता आयोजित की. इस दौरान व्यापक और गहन साइबर सहयोग के लिए साइबर और साइबर सक्षम क्रिटिकल टेक्नोलॉजी सहयोग और भारत-ऑस्ट्रेलिया फ्रेमवर्क व्यवस्था के तहत कार्य योजना 2020-2025 की साइबर नीति पर विचार-विमर्श किया गया.
बता दें कि संवाद की सह अध्यक्षता विदेश मंत्रालय (MEA) के साइबर डिप्लोमेसी डिवीजन के संयुक्त सचिव डॉ.टोबियास फेकिन और आस्ट्रेलिया के साइबर मामलों और महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी के राजदूत के साथ विदेश मामलों और व्यापार विभाग द्वारा की गई. भारतीय प्रतिनिधिमंडल में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (NSCS), गृह मंत्रालय (MHA), इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEITY), दूरसंचार विभाग (DoT), CERT-In और राष्ट्रीय क्रिटिकल के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे. ऑस्ट्रेलियाई प्रतिनिधिमंडल में विदेश मामलों और व्यापार विभाग, गृह मामलों के विभाग, उद्योग विज्ञान और संसाधन विभाग और ऑस्ट्रेलियाई संघीय पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे. वहीं साइबर पालिसी पर वार्ता से आपसी हित के हाई प्रोफाइल मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक मंच मिलता है.
इस वार्ता की चर्चाओं में सामरिक प्राथमिकताओं, साइबर खतरे का आकलन, अगली पीढ़ी के दूरसंचार (5जी प्रौद्योगिकी सहित) क्षमता निर्माण और भारत-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग और संयुक्त राष्ट्र में साइबर में नवीनतम विकास शामिल थे. वार्ता में ऑस्ट्रेलिया-भारत साइबर और क्रिटिकल टेक्नोलॉजी पार्टनरशिप सहित निजी क्षेत्र और शिक्षा जगत के साथ और सहयोग के अवसरों का पता लगाने पर सहमत हुए. इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया और भारत संयुक्त रूप से साइबर और तकनीकी नीति का आदान-प्रदान करेंगे. इसके अलावा छठी भारत-ऑस्ट्रेलिया साइबर नीति वार्ता 2023 में आयोजित की जाएगी.
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