ETV Bharat / bharat

धमेंद्र प्रधान ने कहा, शिक्षा के अंतरराष्ट्रीयकरण के भारत के प्रयास में ऑस्ट्रेलियाई संस्थानों के लिए कई अवसर

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि ऑस्ट्रेलिया के अकादमिक संस्थानों के लिए भारतीय संस्थानों के साथ गठजोड़ के बहुआयामी अवसर हैं. धर्मेंद्र प्रधान ने यह बात अपनी ऑस्ट्रेलिया यात्रा के दौरान कही.

author img

By

Published : Aug 23, 2022, 8:20 PM IST

dharmendra pradhan australia tour
धर्मेंद्र प्रधान ऑस्ट्रेलिया यात्रा

नई दिल्ली: केंद्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री (Union Minister of Education and Skill Development) धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को कहा कि जब भारत शिक्षा के अंतरराष्ट्रीयकरण एवं युवाओं को भविष्य के अग्रिम कौशल से संपन्न बनाने का प्रयास कर रहा है, ऐसे में ऑस्ट्रेलिया के अकादमिक संस्थानों के लिए भारतीय संस्थानों के साथ गठजोड़ के बहुआयामी (Many opportunities for Australian institutions in India) अवसर हैं. ऑस्ट्रेलिया की यात्रा पर गए प्रधान ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, कई क्षेत्रों में अहम सुधार कार्यक्रम, नवाचार एवं स्टार्टअप के वातावरण को मजबूत बनाने के कारण भारत में अनेक अवसर पैदा हो रहे हैं.

शिक्षा मंत्री ने ट्वीट किया, 'ऑस्ट्रेलिया और भारत जैसी समान विचारधारा वाले लोकतंत्र को साझी समृद्धि के लिए इन अवसरों का लाभ उठाना चाहिए.' प्रधान ने कहा कि उन्होंने डेकिन विश्वविद्यालय सहित ऑस्ट्रेलिया के सभी विश्वविद्यालयों एवं कौशल संस्थानों को भारत में अवसर तलाशने के लिए आमंत्रित किया है. शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से ऑस्ट्रेलिया के कौशल एवं प्रशिक्षण मंत्री ब्रेंडन ओ कोनोर के साथ चर्चा की.

प्रधान ने ट्वीट किया कि हमने कौशल विकास के क्षेत्र में सहयोग को गहरा बनाने तथा भविष्य की जरूरतों के अनुरूप प्रभावी कार्यबल तैयार करने के लिए मिलकर काम करने के बारे में सार्थक चर्चा की. शिक्षा मंत्री ने विक्टोरियन स्किल अथॉरिटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रेग राबर्टसन, बेंडिगो कंगन इंस्टीट्यूट की मुख्य कार्यकारी अधिकारी सैली कर्टेन सहित कई अन्य अधिकारियों से मुलाकात की. प्रधान ने कहा, 'हमने इस बात पर चर्चा की कि भारत में युवाओं को भविष्य के कौशल से लैस करने एवं रोजगार से जोड़ने, हुनर को बेहतर बनाने तथा उद्योगों एवं अकादमिक सम्पर्को को मजबूत बनाने के लिए किस प्रकार से ऑस्ट्रेलिया के कौशल संस्थानों का उपयोग किया जा सकता है.'

यह भी पढ़ें-सैनिकों की वीरता, वीरगाथा को विद्यालय के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा

शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया कौशल मूल्यांकन, पात्रता एवं मान्यता तथा पाठ्यक्रम एवं कार्यबल विकास जैसे कई क्षेत्रों में मिलकर कार्य कर सकते हैं. उन्होंने भारत में कौशल विकास को गति प्रदान करने तथा भारतीय युवाओं को कौशल संपन्न बनाने में योगदान देने के लिए आस्ट्रेलिया की सराहना की. शिक्षा मंत्री ने भारत की युवा आबादी के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि 21वीं शताब्दी में यह हमारी सबसे बड़ी ताकत है. उन्होंने कहा कि कौशल संपन्न भारत न केवल भारतीय अर्थव्यवस्था बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में भी योगदान देगा.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: केंद्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री (Union Minister of Education and Skill Development) धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को कहा कि जब भारत शिक्षा के अंतरराष्ट्रीयकरण एवं युवाओं को भविष्य के अग्रिम कौशल से संपन्न बनाने का प्रयास कर रहा है, ऐसे में ऑस्ट्रेलिया के अकादमिक संस्थानों के लिए भारतीय संस्थानों के साथ गठजोड़ के बहुआयामी (Many opportunities for Australian institutions in India) अवसर हैं. ऑस्ट्रेलिया की यात्रा पर गए प्रधान ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, कई क्षेत्रों में अहम सुधार कार्यक्रम, नवाचार एवं स्टार्टअप के वातावरण को मजबूत बनाने के कारण भारत में अनेक अवसर पैदा हो रहे हैं.

शिक्षा मंत्री ने ट्वीट किया, 'ऑस्ट्रेलिया और भारत जैसी समान विचारधारा वाले लोकतंत्र को साझी समृद्धि के लिए इन अवसरों का लाभ उठाना चाहिए.' प्रधान ने कहा कि उन्होंने डेकिन विश्वविद्यालय सहित ऑस्ट्रेलिया के सभी विश्वविद्यालयों एवं कौशल संस्थानों को भारत में अवसर तलाशने के लिए आमंत्रित किया है. शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से ऑस्ट्रेलिया के कौशल एवं प्रशिक्षण मंत्री ब्रेंडन ओ कोनोर के साथ चर्चा की.

प्रधान ने ट्वीट किया कि हमने कौशल विकास के क्षेत्र में सहयोग को गहरा बनाने तथा भविष्य की जरूरतों के अनुरूप प्रभावी कार्यबल तैयार करने के लिए मिलकर काम करने के बारे में सार्थक चर्चा की. शिक्षा मंत्री ने विक्टोरियन स्किल अथॉरिटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रेग राबर्टसन, बेंडिगो कंगन इंस्टीट्यूट की मुख्य कार्यकारी अधिकारी सैली कर्टेन सहित कई अन्य अधिकारियों से मुलाकात की. प्रधान ने कहा, 'हमने इस बात पर चर्चा की कि भारत में युवाओं को भविष्य के कौशल से लैस करने एवं रोजगार से जोड़ने, हुनर को बेहतर बनाने तथा उद्योगों एवं अकादमिक सम्पर्को को मजबूत बनाने के लिए किस प्रकार से ऑस्ट्रेलिया के कौशल संस्थानों का उपयोग किया जा सकता है.'

यह भी पढ़ें-सैनिकों की वीरता, वीरगाथा को विद्यालय के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा

शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया कौशल मूल्यांकन, पात्रता एवं मान्यता तथा पाठ्यक्रम एवं कार्यबल विकास जैसे कई क्षेत्रों में मिलकर कार्य कर सकते हैं. उन्होंने भारत में कौशल विकास को गति प्रदान करने तथा भारतीय युवाओं को कौशल संपन्न बनाने में योगदान देने के लिए आस्ट्रेलिया की सराहना की. शिक्षा मंत्री ने भारत की युवा आबादी के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि 21वीं शताब्दी में यह हमारी सबसे बड़ी ताकत है. उन्होंने कहा कि कौशल संपन्न भारत न केवल भारतीय अर्थव्यवस्था बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में भी योगदान देगा.

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.