नई दिल्ली : भारत ने सशस्त्र बलों की समग्र लड़ाकू क्षमता को बढ़ावा देने के लिए 97 तेजस हल्के लड़ाकू विमानों और लगभग 150 प्रचंड हेलीकॉप्टर की अतिरिक्त खेप की खरीद के लिए गुरुवार को प्रारंभिक मंजूरी दे दी. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी.
सूत्रों ने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने अपने सुखोई-30 लड़ाकू बेड़े को उन्नत करने के लिए भारतीय वायु सेना के एक प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी. मेगा खरीद परियोजनाओं और सुखोई-30 उन्नयन कार्यक्रम से सरकारी खजाने पर 1.3 लाख करोड़ रुपये की लागत आने की उम्मीद है. उम्मीद है कि रक्षा मंत्रालय जल्द ही डीएसी द्वारा मंजूर परियोजनाओं का विवरण प्रदान करेगा.
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Today, the Defence Ministry has cleared the proposal for the acquisition of 97 LCA mark 1A fighter jets for the Indian Air Force at a cost of around Rs 65,000 crores. Proposal for buying 156 LCH Prachand choppers have also been approved by the Defence Acquisition Council along…
— ANI (@ANI) November 30, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) November 30, 2023
इससे पहले लगभग 40,000 करोड़ रुपये की लागत से दूसरे स्वदेशी विमानवाहक पोत के निर्माण के भारतीय नौसेना के प्रस्ताव पर सकारात्मक रूप से विचार करने के लिए रक्षा मंत्रालय की प्रमुख संस्था रक्षा खरीद बोर्ड (डीपीबी) ने महत्वाकांक्षी प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी थी. जिससे सरकार के दूसरे स्वदेशी विमानवाहक पोत के लिए तैयार होने का संकेत मिलता है, जिसे आईएसी-2 के नाम से जाना जाएगा.
यह एक बड़ा कदम है जो हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की बढ़ती गतिविधियों से उत्पन्न चिंताओं की पृष्ठभूमि में आया है. बता दें कि भारत के पहले स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत (आईएसी 1) का सितंबर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जलावतरण किया थाय लगभग 23,000 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित, आईएनएस विक्रांत में एक परिष्कृत वायु रक्षा नेटवर्क और पोत-रोधी मिसाइल प्रणाली है.
इसमें 30 लड़ाकू विमानों और हेलीकॉप्टरों को रखने की क्षमता है. पोत के जलावतरण समारोह में मोदी ने इसे तैरता हुआ शहर कहा था और इसे रक्षा क्षेत्र में भारत के आत्मनिर्भर बनने का प्रतिबिंब बताया था. सूत्रों ने कहा कि आईएसी-2 एक तरह से आईएसी-1 का दोहराव अनुक्रम होगा. योजना के अनुसार, आईएसी-2 का निर्माण सरकार द्वारा संचालित कोचीन शिपयार्ड द्वारा किया जाएगा. इस समय भारत के पास दो विमानवाहक पोत-आईएनएस विक्रमादित्य और आईएनएस विक्रांत हैं.
आईएनएस विक्रमादित्य रूसी मूल का पोत है. इसमें 2,300 से अधिक कक्ष हैं, जो लगभग 1700 लोगों के चालक दल के लिए डिजाइन किए गए हैं. इसमें महिला अधिकारियों को समायोजित करने के लिए विशेष कैबिन भी शामिल हैं. आईएसी 262 मीटर लंबा, 62 मीटर चौड़ा और 59 मीटर ऊंचा है.
वहीं अतिरिक्त 97 तेजस के शामिल हो जाने से बेड़े में तेजस विमानों की संख्या 180 हो जाएगी. गौरतलब है कि फरवरी 2021 में, रक्षा मंत्रालय ने भारतीय वायुसेना के लिए 83 तेजस एमके-1ए विमानों की खरीद के लिए सरकार संचालित हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के साथ 48,000 करोड़ रुपये का सौदा किया था.
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