गुवाहाटी : भारत सरकार ने ब्रिटेन से चिकित्सक डॉ. मुकुल हजारिका के प्रत्यर्पण करने की अपील की है.माना जाता है कि हजारिका एक असम के लिए लड़ने वाले एक गैरकानूनी संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) के अध्यक्ष का पद संभाल रहे हैं. सुरक्षा एजेंसियों ने बताया कि लंदन में कई सालों से रह रहे डॉ. हजारिका उल्फा गुट के अध्यक्ष डॉ. अभिजीत असोम हैं.
सुरक्षा एजेंसी के सूत्रों ने कहा कि भारत सरकार ने 1992 में भारत और ब्रिटेन के बीच हुई एक संधि के तहत डॉ हजारिका के प्रत्यर्पण की मांग की थी.सूत्रों ने कहा कि ब्रिटेन पुलिस ने डॉ हजारिका के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू कर दी है और उन्हें पूछताछ के लिए कई बार बुलाया जा चुका है.छद्म नाम डॉ. अभिजीत असोम का इस्तेमाल करने वाले डॉ. हजारिका उल्फा गुट के कमांडर-इन चीफ परेश बरुआ उर्फ परेश असम के काफी करीबी माने जाते थे.मध्य असम के नगांव जिले के कालियाबार में जन्मे डॉ. हजारिका 1972 बैच के गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल से मेडिकल ग्रेजुएट हैं.
एमबीबीएस पास करने के बाद वह लंदन चले गए और तब से वहीं रह रहे हैं.
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डॉ. अभिजीत असोम को 2016 के बाद परेश बरुआ के नेतृत्व वाले उल्फा के वार्ता विरोधी गुट में बहुत सक्रिय देखा गया था, जब संगठन वार्ता प्रक्रिया को लेकर दो समूहों में विभाजित हो गई थी.इस दौरान अरबिंद राजखोवा के नेतृत्व वाला एक गुट और कई शीर्ष नेता भारत सरकार के साथ वार्ता प्रक्रिया में शामिल हुए, जबकि बरुआ के नेतृत्व वाले गुट ने शांति प्रक्रिया से दूर रहने का फैसला किया और अपना सशस्त्र संघर्ष जारी रखा. सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि डॉ. अभिजीत असोम उर्फ डॉ. मुकुल हजारिका ने उल्फा की आम परिषद की बैठक में हिस्सा लिया जो 2016 में म्यांमार के टागा में हुई थी और उसके बाद संगठन के अध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया था.
इसीक्रम में 2017 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) गुवाहाटी शाखा ने एक जांच के दौरान डॉ मुकुल हजारिका, परेश बरुआ और एक गगन हजारिका सहित तीन लोगों के खिलाफ आरोप पत्र प्रस्तुत किया था. एनआईए ने जहां परेश बरुआ और गगन हजारिका को फरार तो वहीं डॉ. मुकुल हजारिका को लंदन का रहने वाला बताया था.