ETV Bharat / bharat

भारत-उज्बेकिस्तान की आतंकवाद के संबंध में एक जैसी चिंताएं: पीएम - President of Uzbekistan Shavkat Mirziyoyev

पीएम नरेंद्र मोदी और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शावकत मिर्जियोयेव ने वर्चुअल शिखर बैठक की. मध्‍य एशिया के किसी देश के साथ यह भारत की पहली द्विपक्षीय शिखर बैठक है.

पीएम नरेंद्र मोदी
पीएम नरेंद्र मोदी
author img

By

Published : Dec 11, 2020, 7:01 AM IST

Updated : Dec 11, 2020, 1:21 PM IST

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शावकत मिर्जियोयेव शुक्रवार को भारत-उज्बेकिस्तान आभासी शिखर सम्मेलन में शामिल हुए. पीएम मोदी ने राष्ट्रपति शावकत मिर्जियोयेव से चर्चा के दौरान कहा कि इस वर्ष वह उज्बेकिस्तान की यात्रा के लिए उत्सुक थे. लेकिन कोरोना महामारी के कारण उनकी उज्बेकिस्तान यात्रा नहीं हो सकी.

भारत-उज्बेकिस्तान वर्चुअल शिखर बैठक

वहीं, उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शावकत मिर्जियोयेव ने कहा, 'मैं उम्मीद करता हूं कि आप (पीएम मोदी) अगले साल उज्बेकिस्तान की आधिकारिक यात्रा करेंगे. यह हमारे देशों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों के विकास में एक ऐतिहासिक घटना होगी.'

सम्मेलन में पीएम मोदी ने कहा कि उग्रवाद, कट्टरवाद और अलगाववाद के बारे में हमारी एक जैसी चिंताएं हैं. हम दोनों ही आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ता से एक साथ खड़े हैं, क्षेत्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर भी हमारा एक जैसा नजरिया है.

उन्होंने कहा कि भारत और उज्बेकिस्तान दो समृद्ध सभ्यताएं हैं, प्राचीन समय से ही निरंतर हमारे आपसी संपर्क रहे हैं. हमारे क्षेत्र की चुनौतियों और अवसर के बारे में हमारी समझ और अप्रोच में बहुत समानता है और इसलिए हमारे संबंध हमेशा से बहुत मजबूत रहे हैं.

'भारत-उज्बेकिस्तान के बीच आर्थिक साझेदारी मजबूत हुई'
मोदी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों के बीच आर्थिक साझेदारी भी मजबूत हुई है और भारत, उज्बेकिस्तान के साथ विकास की भागीदारी को भी और घनिष्ट बनाना चाहता है.

उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता जताई कि भारतीय 'लाइन ऑफ क्रेडिट' के अंतर्गत कई परियोजनाओं पर विचार किया जा रहा है.

उन्होंने कहा, 'उज्बेकिस्तान की विकास प्राथमिकताओं के अनुसार हम भारत की विशेषज्ञता और अनुभव साझा करने के लिए तैयार हैं. अवसंरचना, सूचना और प्रौद्योगिकी, शिक्षा, स्वास्थ्य, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण जैसे क्षेत्रों में भारत में काफी काबिलियत है, जो उज्बेकिस्तान के काम आ सकती है.'

पढ़ें- जावड़ेकर बोले- जलवायु परिवर्तन में भारत का हिस्सा मात्र 3 प्रतिशत

भारत और उज्बेकिस्तान के बीच कृषि संबंधित संयुक्त कार्यकारी समूह की स्थापना को प्रधानमंत्री ने एक महत्वपूर्ण और सकारात्मक कदम बताया और कहा कि इससे दोनों देश अपने कृषि व्यापार बढ़ाने के अवसर खोज सकते हैं जिससे दोनों देशों के किसानों को मदद मिलेंगी.

प्रधानमंत्री ने कोविड-19 महामारी के इस समय में दोनों देशों द्वारा एक-दूसरे को किए गए भरपूर सहयोग पर संतोष जताया.

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शावकत मिर्जियोयेव शुक्रवार को भारत-उज्बेकिस्तान आभासी शिखर सम्मेलन में शामिल हुए. पीएम मोदी ने राष्ट्रपति शावकत मिर्जियोयेव से चर्चा के दौरान कहा कि इस वर्ष वह उज्बेकिस्तान की यात्रा के लिए उत्सुक थे. लेकिन कोरोना महामारी के कारण उनकी उज्बेकिस्तान यात्रा नहीं हो सकी.

भारत-उज्बेकिस्तान वर्चुअल शिखर बैठक

वहीं, उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शावकत मिर्जियोयेव ने कहा, 'मैं उम्मीद करता हूं कि आप (पीएम मोदी) अगले साल उज्बेकिस्तान की आधिकारिक यात्रा करेंगे. यह हमारे देशों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों के विकास में एक ऐतिहासिक घटना होगी.'

सम्मेलन में पीएम मोदी ने कहा कि उग्रवाद, कट्टरवाद और अलगाववाद के बारे में हमारी एक जैसी चिंताएं हैं. हम दोनों ही आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ता से एक साथ खड़े हैं, क्षेत्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर भी हमारा एक जैसा नजरिया है.

उन्होंने कहा कि भारत और उज्बेकिस्तान दो समृद्ध सभ्यताएं हैं, प्राचीन समय से ही निरंतर हमारे आपसी संपर्क रहे हैं. हमारे क्षेत्र की चुनौतियों और अवसर के बारे में हमारी समझ और अप्रोच में बहुत समानता है और इसलिए हमारे संबंध हमेशा से बहुत मजबूत रहे हैं.

'भारत-उज्बेकिस्तान के बीच आर्थिक साझेदारी मजबूत हुई'
मोदी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों के बीच आर्थिक साझेदारी भी मजबूत हुई है और भारत, उज्बेकिस्तान के साथ विकास की भागीदारी को भी और घनिष्ट बनाना चाहता है.

उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता जताई कि भारतीय 'लाइन ऑफ क्रेडिट' के अंतर्गत कई परियोजनाओं पर विचार किया जा रहा है.

उन्होंने कहा, 'उज्बेकिस्तान की विकास प्राथमिकताओं के अनुसार हम भारत की विशेषज्ञता और अनुभव साझा करने के लिए तैयार हैं. अवसंरचना, सूचना और प्रौद्योगिकी, शिक्षा, स्वास्थ्य, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण जैसे क्षेत्रों में भारत में काफी काबिलियत है, जो उज्बेकिस्तान के काम आ सकती है.'

पढ़ें- जावड़ेकर बोले- जलवायु परिवर्तन में भारत का हिस्सा मात्र 3 प्रतिशत

भारत और उज्बेकिस्तान के बीच कृषि संबंधित संयुक्त कार्यकारी समूह की स्थापना को प्रधानमंत्री ने एक महत्वपूर्ण और सकारात्मक कदम बताया और कहा कि इससे दोनों देश अपने कृषि व्यापार बढ़ाने के अवसर खोज सकते हैं जिससे दोनों देशों के किसानों को मदद मिलेंगी.

प्रधानमंत्री ने कोविड-19 महामारी के इस समय में दोनों देशों द्वारा एक-दूसरे को किए गए भरपूर सहयोग पर संतोष जताया.

Last Updated : Dec 11, 2020, 1:21 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.