नई दिल्ली : प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से बोलते हुए कहा कि वह 2024 में सत्ता में लौटेंगे और देश की उपलब्धियों के बारे में विस्तार से बताएंगे. पीएम मोदी ने कहा कि अगले पांच साल अभूतपूर्व विकास के लिए हैं. 2047 के सपने को साकार करने का सबसे बड़ा स्वर्णिम क्षण अगले पांच साल हैं. अगली बार, 15 अगस्त को, मैं इस लाल किले से देश की उपलब्धियों और विकास को आपके सामने रखूंगा.
2024 के लोकसभा चुनाव से पहले, अपना लगातार 10वां स्वतंत्रता दिवस भाषण देते हुए, प्रधान मंत्री ने लोगों को आजादी के 100 साल पूरे होने तक देश को विकसित बनाने के लिए निर्धारित 2047 के लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रेरित करने के लिए एक कविता पढ़ी.
चलता-चलता काल चक्र
अमृत काल का भाल चक्र
सबके सपने अपने सपने
पनपे सपने सारे
धीर चले वीर चले
चले युवा हमारे
नीति सही रीति नई
गति सही राह नई
चुनो चुनौती सीना तान
जग में बढ़ाओ देश का नाम...
अपने भाषण के अंत में पीएम मोदी ने कहा कि हमारा संकल्प होना चाहिए कि 2047 में जब तिरंगा लहराएगा तो विकसित भारत का होगा. प्रधान मंत्री ने अपने संबोधन में भारत के लोगों को अपने पिछले 'मेरे साथी नागरिकों' से 'मेरे परिवार के सदस्यों' (परिवारजन) के रूप में संदर्भित किया.
पीएम मोदी ने अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण की शुरुआत 'मेरे प्यारे 140 करोड़ परिवार के सदस्यों' से की. प्रधानमंत्री ने लोगों से भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और तुष्टिकरण से छुटकारा पाने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण की राजनीति ने देश को नुकसान पहुंचाया है. उन्होंने कहा कि वंशवादी राजनीति में विश्वास करने वाले राजनीतिक दलों का एक ही मंत्र है - परिवार की पार्टी, परिवार द्वारा और परिवार के लिए.
उन्होंने कहा कि मेरा दृढ़ विश्वास है कि जब देश 2047 में आजादी के 100 साल मनाएगा, तो देश एक विकसित भारत होगा. मैं यह बात अपने देश की क्षमता और उपलब्ध संसाधनों के आधार पर कहता हूं. उन्होंने कहा कि समय की मांग है कि इन तीन बुराइयों से हमें लड़ना होगा- भ्रष्टाचार, वंशवाद और तुष्टीकरण.
पीएम के भाषण के समापन के बाद राष्ट्रीय राजधानी के लाल किले पर तिरंगे के रंग के गुब्बारे छोड़े गए. अपने संबोधन के बाद पीएम मोदी ने एनसीसी के कैडेटों से मुलाकात की. इस वर्ष के स्वतंत्रता दिवस पर 'आजादी का अमृत महोत्सव' समारोह का समापन होगा, जिसे प्रधान मंत्री ने 12 मार्च, 2021 को अहमदाबाद, गुजरात के साबरमती आश्रम से शुरू किया था, और देश को 'अमृत काल' (स्वर्ण युग) में प्रवेश कराया जाएगा. पीएम मोदी ने पहले 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने की केंद्र की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया था. जो देश की आजादी का शताब्दी वर्ष होगा.
(एएनआई)