लखनऊ : यदि आप इस वित्तीय वर्ष में Income Tax बचाना चाहते हैं तो आपको अभी से प्लानिंग शुरू कर देनी चाहिए. इससे न केवल आपको अंतिम समय में किए जाने वाले इकट्ठा निवेश से राहत मिलेगी बल्कि आपको Income Tax बचाने में भी मदद मिलेगी. इनकम टैक्स के कई नियमों में टैक्स में छूट की सुविधा है. इनमें धारा-80 सी नौकरीपेशा लोगों के लिए सबसे सुविधाजनक है. इसके अलावा सेक्शन 80सीसीडी (1बी), होम लोन या एजुकेशन लोन और बीमा पॉलिसी टैक्स बचाने में मददगार है. टैक्स के इन नियमों का अगर आप पूरा फायदा उठाते हैं तो इनकम टैक्स में आपको भारी भरकम छूट मिल सकती है.
स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा : सरकार नौकरीपेशा या पेंशन पाने वाले लोगों को स्टैंडर्ड डिडक्शन (standard deduction) का फायदा देती है. इसके तहत इनकम टैक्स के सेक्शन 87ए के अंतर्गत 5 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगता. इसके ऊपर जो भी आय होगी उसी पर आपको टैक्स देना होगा. अब पांच लाख के ऊपर जो भी आय है, उसपर 50,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलता है. इसका लाभ नौकरी वाले सभी टैक्सपेर्यस को मिलता है.
होम लोन पर टैक्स छूट : अगर आपने लोन पर घर ले रखा है तो टैक्स बचाने में यह सबसे ज्यादा मददगार है. होम लोन के ब्याज पर 2 लाख रुपये सालाना टैक्स छूट मिलती है. इस तरह यदि आप होम लोन के इंट्रेस्ट पर एक वित्त वर्ष में 2 लाख रुपये तक की छूट का दावा करते हैं तो यह आपको आपकी टैक्स सेविंग में अच्छी खासी मदद करता है.
हेल्थ पॉलिसी पर टैक्स छूट : टैक्स बचाने के लिए हेल्थ पॉलिसी भी काफी मददगार साबित होती है. खुद और अपने परिवार के लिए हेल्थ पॉलिसी खरीदकर सालाना 25,000 रुपये की छूट हासिल की जा सकती है. अगर आप अपने बुजुर्ग माता-पिता के लिए हेल्थ पॉलिसी खरीदते हैं तो आपको अतिरिक्त सालाना 50,000 रुपये डिडक्शन का फायदा मिलता है.
सेक्शन 80सी : इनकम टैक्स के सेक्शन 80सी के तहत आप सालाना 1.5 लाख निवेश कर टैक्स छूट हांसिल कर सकते हैं. आयकर की धारा 80सी के तहत सालाना 1.5 लाख रुपये तक निवेश कर टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं. सेक्शन 80सी के तहत लाइफ इश्योरेंस प्रीमियम, पीपीएफ, म्यूचुअल फंड की टैक्स सेविंग्स स्कीम, पीपीएफ, दो बच्चों की ट्यूशन फीस, होम लोन के प्रिंसिपल सहित कई चीजें आती हैं.
नेशनल पेंशन स्कीम पर टैक्स छूट : सेक्शन 80सीसीडी (1बी) के तहत नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) में निवेश कर अतिरिक्त 50 हजार सालाना छूट का फायदा लिया जा सकता है. यानी इस सेक्शन के तहत आप एक वित्त वर्ष में अतिरिक्त 50 हजार का अतिरिक्त छूट हासिल कर सकते हैं.
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