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तमिलनाडु : आयकर छापेमारी में 450 करोड़ अघोषित आय का पता चला

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Published : Nov 29, 2020, 4:06 PM IST

सीबीडीटी ने चेन्नई, मुंबई, हैदराबाद और कुड्डालोर में 16 परिसरों पर 27 नवंबर को छापेमारी की थी, अबतक 450 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित आय का पता चला है.

आयकर छापेमारी
आयकर छापेमारी

नई दिल्ली : आयकर विभाग ने तमिलनाडु में एक आईटी सेज डेवलपर, उसके पूर्व निदेशक तथा स्टेनलेस स्टील आपूर्तिकर्ता के यहां छापेमारी में 450 करोड़ रुपये की अघोषित आय का पता लगाया है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने रविवार को यह जानकारी दी.

सीबीडीटी ने कहा कि चेन्नई, मुंबई, हैदराबाद और कुड्डालोर में 16 परिसरों पर 27 नवंबर को की गई छापेमारी में अबतक 450 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित आय का पता चला है.

सूचना प्रौद्योगिकी विशेष आर्थिक क्षेत्र (आईटी सेज) के पूर्व निदेशक के मामले में कर विभाग को पिछले तीन साल के दौरान जुटाए गए 100 करोड़ रुपये के प्रमाण मिले हैं. यह राशि पूर्व निदेशक और उसके परिवार के सदस्यों ने जुटाई है.

पढ़ें- तमिलनाडु : छापेमारी में मिला 1000 करोड़ का काला धन

फर्जी खर्च दिखाकर जुटाई रकम
बयान में कहा गया है कि आईटी सेज डेवलपर ने एक निर्माणाधीन परियोजना के लिए जाली कार्य प्रगति पर खर्च का दावा किया है. इसके अलावा कंपनी ने एक परिचालन वाली परियोजना के लिए बोगस 30 करोड़ रुपये के पूंजीगत खर्च का दावा किया है. साथ ही इस इकाई ने 20 करोड़ रुपये के गलत ब्याज खर्च को भी दिखाया है.


100 करोड़ रुपये से ज्यादा हो सकती है बेहिसाबी आय
चेन्नई के स्टेनलेस स्टील आपूर्तिकर्ता के मामले में यह तथ्य सामने आया कि समूह तीन तरह की बिक्री - हिसाब-किताब के साथ, बेहिसाबी और आंशिक हिसाब-किताब वाली बिक्री, दिखा रहा था. प्रत्येक वर्ष बेहिसाबी या आंशिक हिसाब-किताब वाली बिक्री का कुल बिक्री में हिस्सा 25 प्रतिशत से अधिक है. अभी बेहिसाबी आय की गणना की जा रही है, लेकिन इसके करीब 100 करोड़ रुपये होने का अनुमान है.

नई दिल्ली : आयकर विभाग ने तमिलनाडु में एक आईटी सेज डेवलपर, उसके पूर्व निदेशक तथा स्टेनलेस स्टील आपूर्तिकर्ता के यहां छापेमारी में 450 करोड़ रुपये की अघोषित आय का पता लगाया है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने रविवार को यह जानकारी दी.

सीबीडीटी ने कहा कि चेन्नई, मुंबई, हैदराबाद और कुड्डालोर में 16 परिसरों पर 27 नवंबर को की गई छापेमारी में अबतक 450 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित आय का पता चला है.

सूचना प्रौद्योगिकी विशेष आर्थिक क्षेत्र (आईटी सेज) के पूर्व निदेशक के मामले में कर विभाग को पिछले तीन साल के दौरान जुटाए गए 100 करोड़ रुपये के प्रमाण मिले हैं. यह राशि पूर्व निदेशक और उसके परिवार के सदस्यों ने जुटाई है.

पढ़ें- तमिलनाडु : छापेमारी में मिला 1000 करोड़ का काला धन

फर्जी खर्च दिखाकर जुटाई रकम
बयान में कहा गया है कि आईटी सेज डेवलपर ने एक निर्माणाधीन परियोजना के लिए जाली कार्य प्रगति पर खर्च का दावा किया है. इसके अलावा कंपनी ने एक परिचालन वाली परियोजना के लिए बोगस 30 करोड़ रुपये के पूंजीगत खर्च का दावा किया है. साथ ही इस इकाई ने 20 करोड़ रुपये के गलत ब्याज खर्च को भी दिखाया है.


100 करोड़ रुपये से ज्यादा हो सकती है बेहिसाबी आय
चेन्नई के स्टेनलेस स्टील आपूर्तिकर्ता के मामले में यह तथ्य सामने आया कि समूह तीन तरह की बिक्री - हिसाब-किताब के साथ, बेहिसाबी और आंशिक हिसाब-किताब वाली बिक्री, दिखा रहा था. प्रत्येक वर्ष बेहिसाबी या आंशिक हिसाब-किताब वाली बिक्री का कुल बिक्री में हिस्सा 25 प्रतिशत से अधिक है. अभी बेहिसाबी आय की गणना की जा रही है, लेकिन इसके करीब 100 करोड़ रुपये होने का अनुमान है.

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