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आयकर विभाग ने तीन प्रमुख कमीशन एजेंट समूह के पंजाब, हरियाणा परिसरों की तलाशी ली - स्टील रोलिंग मिल.

इसके अलावा कुक्कुट व्यवसाय और चावल मशीन से संबंधित 9.00 करोड़ रुपये से अधिक की नकद खरीद-बिक्री का पता चला है. इसके अलावा, जालंधर स्थित एक परिसर से 1.29 करोड़ रुपये की बेहिसाब खरीद की जानकारी मिली है साथ ही बेहिसाब बिक्री का विवरण भी मिला है.

आयकर विभाग ने ली तलाशी
आयकर विभाग ने ली तलाशी
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Published : Sep 11, 2021, 6:32 AM IST

नई दिल्ली : आयकर विभाग ने तीन प्रमुख कमीशन एजेंट समूह के पंजाब और हरियाणा स्थित कई परिसरों की तलाशी ली है. तलाशी से करोड़ों रुपये के बेहिसाब लेन-देन का पता चला है. आयकर विभाग ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.

बयान के अनुसार ये तीनों समूह स्टील रोलिंग मिल, कोल्ड स्टोरेज, आभूषण की दुकान, पॉल्ट्री, चावल मिल, ऑयल मिल, आटा मिल चलाने के साथ कमीशन एजेंट के रूप में काम करते हैं. तलाशी के दौरान यह पता चला कि ये समूह कारोबार से प्राप्त राशि को छिपा रहे थे और उन्होंने प्राप्त राशि का कोई हिसाब-किताब नहीं रखा है.

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के बयान के अनुसार, तलाशी के दौरान कच्चा बही-खाता पाया गया. इसे कूट भाषा में लिखा गया था. इससे पता चलता है कि करोड़ों रुपये के बिना हिसाब-किताब के लेन-देन किये गये. इसी प्रकार के और बही-खाते पाये गये हैं....तलाशी में पाया गया कि किसानों को 1.5 प्रतिशत से 3.0 प्रतिशत मासिक ब्याज पर करोड़ों रुपये दिये गये. ब्याज नकद लिया गया और उसका बही-खाते में जिक्र नहीं है.

इसके अलावा कुक्कुट व्यवसाय और चावल मशीन से संबंधित 9.00 करोड़ रुपये से अधिक की नकद खरीद-बिक्री का पता चला है. इसके अलावा, जालंधर स्थित एक परिसर से 1.29 करोड़ रुपये की बेहिसाब खरीद की जानकारी मिली है साथ ही बेहिसाब बिक्री का विवरण भी मिला है. आयकर विभाग के अनुसार कर्मचारियों के नाम पर दो संदिग्ध बेनामी कंपनियों का भी पता चला है. इनका कारोबार सालाना करोड़ों रुपये में है.

बयान के अनुसार मुख्य करदाता ने स्वीकार किया कि आयकर कानून, 1961 की धारा 40 ए (3) के तहत करोड़ों रुपये भुगतान किये गये. ये खर्च बही-खातों में छोटी-छोटी राशि के रूप में बांट कर दिखाये गये. इसके अलावा, अचल संपत्ति में 3.40 करोड़ रुपये के निवेश का पता चला है. तलाशी के दौरान शामिल इन संपत्तियों के मालिकों ने इसे स्वीकार किया है. बयान में कहा गया है कि कुछ परिसरों में डिजिटल साक्ष्य बरामद किये गये हैं, जिसे जब्त कर लिया गया है. इसकी जांच की जा रही है.

इसके अलावा कारोबार से जुड़े कोष की हेराफेरी, 1.50 करोड़ रुपये के आभूषण का भी पता चला है. इस आभूषण की राशि का कोई हिसाब-किताब नहीं है. तलाशी अभियान और मामले की जांच जारी है.

पीटीआई-भाषा

नई दिल्ली : आयकर विभाग ने तीन प्रमुख कमीशन एजेंट समूह के पंजाब और हरियाणा स्थित कई परिसरों की तलाशी ली है. तलाशी से करोड़ों रुपये के बेहिसाब लेन-देन का पता चला है. आयकर विभाग ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.

बयान के अनुसार ये तीनों समूह स्टील रोलिंग मिल, कोल्ड स्टोरेज, आभूषण की दुकान, पॉल्ट्री, चावल मिल, ऑयल मिल, आटा मिल चलाने के साथ कमीशन एजेंट के रूप में काम करते हैं. तलाशी के दौरान यह पता चला कि ये समूह कारोबार से प्राप्त राशि को छिपा रहे थे और उन्होंने प्राप्त राशि का कोई हिसाब-किताब नहीं रखा है.

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के बयान के अनुसार, तलाशी के दौरान कच्चा बही-खाता पाया गया. इसे कूट भाषा में लिखा गया था. इससे पता चलता है कि करोड़ों रुपये के बिना हिसाब-किताब के लेन-देन किये गये. इसी प्रकार के और बही-खाते पाये गये हैं....तलाशी में पाया गया कि किसानों को 1.5 प्रतिशत से 3.0 प्रतिशत मासिक ब्याज पर करोड़ों रुपये दिये गये. ब्याज नकद लिया गया और उसका बही-खाते में जिक्र नहीं है.

इसके अलावा कुक्कुट व्यवसाय और चावल मशीन से संबंधित 9.00 करोड़ रुपये से अधिक की नकद खरीद-बिक्री का पता चला है. इसके अलावा, जालंधर स्थित एक परिसर से 1.29 करोड़ रुपये की बेहिसाब खरीद की जानकारी मिली है साथ ही बेहिसाब बिक्री का विवरण भी मिला है. आयकर विभाग के अनुसार कर्मचारियों के नाम पर दो संदिग्ध बेनामी कंपनियों का भी पता चला है. इनका कारोबार सालाना करोड़ों रुपये में है.

बयान के अनुसार मुख्य करदाता ने स्वीकार किया कि आयकर कानून, 1961 की धारा 40 ए (3) के तहत करोड़ों रुपये भुगतान किये गये. ये खर्च बही-खातों में छोटी-छोटी राशि के रूप में बांट कर दिखाये गये. इसके अलावा, अचल संपत्ति में 3.40 करोड़ रुपये के निवेश का पता चला है. तलाशी के दौरान शामिल इन संपत्तियों के मालिकों ने इसे स्वीकार किया है. बयान में कहा गया है कि कुछ परिसरों में डिजिटल साक्ष्य बरामद किये गये हैं, जिसे जब्त कर लिया गया है. इसकी जांच की जा रही है.

इसके अलावा कारोबार से जुड़े कोष की हेराफेरी, 1.50 करोड़ रुपये के आभूषण का भी पता चला है. इस आभूषण की राशि का कोई हिसाब-किताब नहीं है. तलाशी अभियान और मामले की जांच जारी है.

पीटीआई-भाषा

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