नासिक: आयकर विभाग ने छह दिन पहले नासिक शहर में सात से अधिक बिल्डरों के 40 से 45 कार्यालयों, आवासों, फार्म हाउसों की जांच शुरू की थी. नासिक के आयकर जांच विभाग के साथ ठाणे, संभाजीनगर, पुणे, मुंबई, नागपुर के कार्यालयों के 200 से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों की एक टीम राज्य में पहली बार नासिक में अभियान चला रही थी. आयकर अधिकारियों ने बताया कि 3 हजार 333 करोड़ की बेनामी संपत्ति का खुलासा हुआ है. आगे की जांच जारी है.
इस छापेमारी के दौरान कार्रवाई के लिए विभिन्न स्थानों पर व्यवसायियों के कार्यालयों के बाहर 100 से अधिक वाहनों का काफिला खड़ा किया गया था. अधिकारियों ने 20 अप्रैल को सुबह 6 बजे के आसपास नासिक शहर के मध्य में महात्मा गांधी रोड पर एक प्रमुख बिल्डर के कार्यालय में प्रवेश किया. दस्तावेज चेक किए. इसके बाद कॉलेज रोड, गंगापुर रोड, येवलेकर माला, कुलकर्णी गार्डन और गडकरी चौक के सामने और फेम टॉकीज के सामने बिल्डर्स के कार्यालय में छापेमारी की थी.
आयकर अधिकारियों ने कहा कि ज्यादातर व्यवसायी टैक्स चोरी में शामिल रहे हैं. अधिकारियों का कहना है कि बड़े पैमाने पर भवन का निर्माण का काम होने के बादजूद कागजों में टर्नओवर काफी कम बताया जा रहा है. इस छापेमारी में दो व्यवसायियों ने दो लग्जरी कारों में से अपना जरूरी लैपटॉप, दस्तावेज व अन्य सामान भिजवाया कहीं और भेजने की कोशिश की थी. जिसे बाद में आयकर विभाग की टीम ने चंदनपुरी घाट के पास एक कार पकड़ी. इस कार में कम से कम 30 से 40 पेटी दस्तावेज मिले.
इगतपुरी के एक बड़े लॉटरी कारोबारी के पास करीब दस से पंद्रह अधिकारियों का डेरा था. बताया जा रहा है कि इस छापेमारी में करीब 70 से 80 करोड़ की बेनामी संपत्ति मिली है. टीम को आनंदवली के पास एक इमारत में रखे एक निर्माण व्यवसायी के दस्तावेज और सभी नकद लेनदेन, अवैध खरीद और बिक्री और कर चोरी के दस्तावेज मिले। तदनुसार, इमारत पर छापा मारा गया और कम से कम दो या तीन छोटा हाथी टेम्पो से भरे दस्तावेज जब्त किए गए. शहर के विभिन्न राष्ट्रीयकृत बैंकों के निजी लॉकरों का भी निरीक्षण किया. उस समय करीब तीन करोड़ नकद और ढाई करोड़ के जेवरात मिलने की सूचना है.
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