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आयकर विभाग ने ऑनलाइन मीडिया इकाईयों के खातों का अवलोकन किया - न्यूजलॉन्ड्री के खातों का अवलोकन

आयकर विभाग ने ऑनलाइन न्यूज पोर्टल 'न्यूजक्लिक' और 'न्यूजलॉन्ड्री' के परिसरों में अलग-अलग खातों का अवलोकन किया. अधिकारियों ने बताया कि कर भुगतान संबंधी कुछ विवरण और समाचार संस्थानों द्वारा लेन-देन की रकम के सत्यापन के लिए यह कार्रवाई की गई.

आयकर विभाग
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Published : Sep 10, 2021, 8:31 PM IST

नई दिल्ली : आयकर विभाग ने ऑनलाइन न्यूज पोर्टल 'न्यूजक्लिक' और 'न्यूजलॉन्ड्री' के परिसरों में अलग-अलग खातों का अवलोकन किया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि कर भुगतान संबंधी कुछ विवरण और समाचार संस्थानों द्वारा लेन-देन की रकम के सत्यापन के लिए यह कार्रवाई की गई. अधिकारियों ने कहा कि कुछ दस्तावेज प्राप्त किये गये हैं और उनका अध्ययन किया जा रहा है.

बता दें कि आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 133ए के प्रावधानों के तहत चलाये जाने वाले 'सर्वे (खातों के अवलोकन के) अभियान' में आयकर अधिकारी केवल व्यावसायिक परिसरों और उससे जुड़े परिसरों में अवलोकन करते हैं और आवासीय परिसरों में नहीं जाते. हालांकि, अधिकारी दस्तावेज जब्त कर सकते हैं.

इस बारे में दोनों पोर्टलों या उनके प्रवर्तकों की तरफ से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, लेकिन उनके सोशल मीडिया हैंडल पर लगातार खबरें और लेख अद्यतन होते रहे.

धन शोधन रोकथाम कानून के प्रावधानों के तहत फरवरी में 'न्यूजक्लिक' और इसके संस्थापकों के परिसरों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापेमारी की थी. यह जांच न्यूज पोर्टल चलाने वाली कंपनी द्वारा कथित रूप से संदिग्ध विदेशी धन प्राप्त करने से जुड़ी है.

धन शोधन का मामला दिल्ली पुलिस की प्राथमिकी से सामने आया, जिसमें आरोप लगाया गया कि पीपीके न्यूजक्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड ने वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान वर्ल्डवाइड मीडिया होल्डिंग्स एलएलसी, अमेरिका से 9.59 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्राप्त किया.

दिल्ली उच्च न्यायालय ने न्यूजक्लिक के प्रधान संपादक और संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ को दिल्ली पुलिस की प्राथमिकी के सिलसिले में गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया है. यह प्राथमिकी कंपनी को मिले विदेशी अनुदान के खिलाफ जांच से संबंधित है.

उच्च न्यायालय ने पुरकायस्थ को प्रवर्तन निदेशालय के मामले में दंडात्मक कार्रवाई से संरक्षण प्रदान किया था.

पढ़ें - एमेरल्ड कोर्ट परियोजना की जांच के लिए गठित एसआईटी ने जांच पूरी की

न्यूजक्लिक ने अदालत में उसके बचाव में दलील दी है कि धन के गबन का सवाल ही नहीं है, जैसा कि जांच एजेंसियों ने आरोप लगाया है. उसने कहा कि इस धन का इस्तेमाल कर्मचारियों को वेतन देने के लिए किया गया है और इस प्रक्रिया में सरकारी खजाने को कोई नुकसान नहीं हुआ है.

ईडी ने दावा किया था कि वह न्यूजक्लिक और उसके प्रवर्तकों से महाराष्ट्र के एल्गार परिषद मामले में आरोपी कार्यकर्ता गौतम नवलखा को धन के कथित हस्तांतरण के मामले में पूछताछ कर रही है.

उसने इस मामले के सिलसिले में महाराष्ट्र की एक जेल में बंद नवलखा से भी पूछताछ की.

पुरकायस्थ ने पहले एक बयान में कहा था कि पोर्टल के खिलाफ अभियान चलाया गया है और ईडी से 'चुनिंदा तरीके से चीजें लीक' होना दर्शाता है कि जांच में 'अंतर्निहित कमजोरियां' हैं और उसकी जांच को पहले ही अदालत में चुनौती दी गयी है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : आयकर विभाग ने ऑनलाइन न्यूज पोर्टल 'न्यूजक्लिक' और 'न्यूजलॉन्ड्री' के परिसरों में अलग-अलग खातों का अवलोकन किया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि कर भुगतान संबंधी कुछ विवरण और समाचार संस्थानों द्वारा लेन-देन की रकम के सत्यापन के लिए यह कार्रवाई की गई. अधिकारियों ने कहा कि कुछ दस्तावेज प्राप्त किये गये हैं और उनका अध्ययन किया जा रहा है.

बता दें कि आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 133ए के प्रावधानों के तहत चलाये जाने वाले 'सर्वे (खातों के अवलोकन के) अभियान' में आयकर अधिकारी केवल व्यावसायिक परिसरों और उससे जुड़े परिसरों में अवलोकन करते हैं और आवासीय परिसरों में नहीं जाते. हालांकि, अधिकारी दस्तावेज जब्त कर सकते हैं.

इस बारे में दोनों पोर्टलों या उनके प्रवर्तकों की तरफ से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, लेकिन उनके सोशल मीडिया हैंडल पर लगातार खबरें और लेख अद्यतन होते रहे.

धन शोधन रोकथाम कानून के प्रावधानों के तहत फरवरी में 'न्यूजक्लिक' और इसके संस्थापकों के परिसरों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापेमारी की थी. यह जांच न्यूज पोर्टल चलाने वाली कंपनी द्वारा कथित रूप से संदिग्ध विदेशी धन प्राप्त करने से जुड़ी है.

धन शोधन का मामला दिल्ली पुलिस की प्राथमिकी से सामने आया, जिसमें आरोप लगाया गया कि पीपीके न्यूजक्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड ने वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान वर्ल्डवाइड मीडिया होल्डिंग्स एलएलसी, अमेरिका से 9.59 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्राप्त किया.

दिल्ली उच्च न्यायालय ने न्यूजक्लिक के प्रधान संपादक और संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ को दिल्ली पुलिस की प्राथमिकी के सिलसिले में गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया है. यह प्राथमिकी कंपनी को मिले विदेशी अनुदान के खिलाफ जांच से संबंधित है.

उच्च न्यायालय ने पुरकायस्थ को प्रवर्तन निदेशालय के मामले में दंडात्मक कार्रवाई से संरक्षण प्रदान किया था.

पढ़ें - एमेरल्ड कोर्ट परियोजना की जांच के लिए गठित एसआईटी ने जांच पूरी की

न्यूजक्लिक ने अदालत में उसके बचाव में दलील दी है कि धन के गबन का सवाल ही नहीं है, जैसा कि जांच एजेंसियों ने आरोप लगाया है. उसने कहा कि इस धन का इस्तेमाल कर्मचारियों को वेतन देने के लिए किया गया है और इस प्रक्रिया में सरकारी खजाने को कोई नुकसान नहीं हुआ है.

ईडी ने दावा किया था कि वह न्यूजक्लिक और उसके प्रवर्तकों से महाराष्ट्र के एल्गार परिषद मामले में आरोपी कार्यकर्ता गौतम नवलखा को धन के कथित हस्तांतरण के मामले में पूछताछ कर रही है.

उसने इस मामले के सिलसिले में महाराष्ट्र की एक जेल में बंद नवलखा से भी पूछताछ की.

पुरकायस्थ ने पहले एक बयान में कहा था कि पोर्टल के खिलाफ अभियान चलाया गया है और ईडी से 'चुनिंदा तरीके से चीजें लीक' होना दर्शाता है कि जांच में 'अंतर्निहित कमजोरियां' हैं और उसकी जांच को पहले ही अदालत में चुनौती दी गयी है.

(पीटीआई-भाषा)

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