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Mirzapur में मजदूर के बेटे का 2.40 करोड़ का आय प्रमाण पत्र किया जारी, खुलासा होने पर हड़कंप

मिर्जापुर (Mirzapur) में मजदूर के बेटे को तहसील की ओर से 2.40 करोड़ का आय प्रमाण पत्र (Income certificate) जारी कर दिया गया. इससे हड़कंप मच गया. गड़बड़ी उजागर होने पर तहसीलदार ने यह आय प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 4, 2023, 11:36 AM IST

मिर्जापुर: तहसील की ओर से मजदूर के बेटे को 2.40 करोड़ का भारी भरकम आय प्रमाण पत्र (Income certificate) जारी कर दिया गया. इसका जैसे है खुलासा हुआ तो हडकंप मच गया. मजदूर का बेटा बी फार्मा ( B Pharma) की पढ़ाई कर रहा है. उसने छात्रवृत्ति पाने के लिए ऑनलाइन आवेदन (Online Application for Scholarship) किया था. बताया गया कि लेखपाल की लापरवाही से आय प्रमाण पत्र जारी किया गया. हालांकि मामले की जानकारी होने पर तहसीलदार ने आय प्रमाण पत्र को निरस्त कर दिया. दोबारा ऑनलाइन आवदेन करने के लिए छात्र को निर्देश दिए हैं. मामला लालगंज तहसील के सहजी गांव का है.

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मिर्जापुर का मामला.

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जनपद के सबसे पिछड़े ब्लॉक हलिया के सहजी गांव के रहने वाले एक मजदूर रामदास का बेटा बृजेश कुमार आगरा से बीफार्मा की पढ़ाई कर रहा है. उसने छात्रवृत्ति पाने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था. आरोप है कि सहजी गांव के लेखपाल ने वार्षित आय 2.40 करोड़ आय दिखा दी. तहसीलदार आशिष कुमार पांडेय के डिजिटल हस्ताक्षर वाला यह प्रमाणपत्र छात्र को मिल भी गया. परिवार को जब इसकी जानकारी हुई तो हड़कंप मच गया.

वहीं, यह मामला उजागर होने के बाद तहसीलदार ने छात्र का प्रमाणपत्र निरस्त कर दिया है. साथ ही छात्र से दोबारा आवेदन करने के लिए कहा गया है.इस बारे में लेखपाल रामराज पाल का कहना है कि छात्र ने आय प्रमाण पत्र बनवाने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था जो पोर्टल पर अपलोड करने के दौरान मानवीय त्रुटि से दो करोड़ चालीस लाख चार सौ सत्तर रुपए चढ़ गया था. मामले की जानकारी होने पर जारी आय प्रमाण पत्र को निरस्त करवा दिया गया है. छात्र को दोबारा आनलाइन आवेदन करने के लिए कहा गया है. जल्द ही छात्र का दूसरा आय प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाएगा.




ये भी पढ़ेंः सरकार के खिलाफ अनर्गल बयानबाजी मामले में बाहुबली पूर्व विधायक विजय मिश्रा पर आरोप तय, 9 को होगी सुनवाई

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मिर्जापुर का मामला.

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जनपद के सबसे पिछड़े ब्लॉक हलिया के सहजी गांव के रहने वाले एक मजदूर रामदास का बेटा बृजेश कुमार आगरा से बीफार्मा की पढ़ाई कर रहा है. उसने छात्रवृत्ति पाने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था. आरोप है कि सहजी गांव के लेखपाल ने वार्षित आय 2.40 करोड़ आय दिखा दी. तहसीलदार आशिष कुमार पांडेय के डिजिटल हस्ताक्षर वाला यह प्रमाणपत्र छात्र को मिल भी गया. परिवार को जब इसकी जानकारी हुई तो हड़कंप मच गया.

वहीं, यह मामला उजागर होने के बाद तहसीलदार ने छात्र का प्रमाणपत्र निरस्त कर दिया है. साथ ही छात्र से दोबारा आवेदन करने के लिए कहा गया है.इस बारे में लेखपाल रामराज पाल का कहना है कि छात्र ने आय प्रमाण पत्र बनवाने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था जो पोर्टल पर अपलोड करने के दौरान मानवीय त्रुटि से दो करोड़ चालीस लाख चार सौ सत्तर रुपए चढ़ गया था. मामले की जानकारी होने पर जारी आय प्रमाण पत्र को निरस्त करवा दिया गया है. छात्र को दोबारा आनलाइन आवेदन करने के लिए कहा गया है. जल्द ही छात्र का दूसरा आय प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाएगा.




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