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एक साल में 12 करोड़ शिवभक्त आए विश्वनाथ धाम, तन-मन और धन से की भक्ति - वाराणसी में टूरिस्ट

13 दिसंबर 2021 को काशी में विश्वनाथ धाम मंदिर का लोकार्पण किया गया था. इसके बाद से देश और दुनिया भर से काशी में शिवभक्तों के आने का सिलसिला तेज हो गया. अभी तक 12 करोड़ शिवभक्त (12 crore devotees came to kashi) काशी में बाबा विश्वनाथ (kashi Vishwanath Dham ) के दर पर मत्था टेक चुके हैं. साथ ही मंदिर ट्रस्ट को पिछले सात महीने में 28.37 करोड़ का चढ़ावा मिल चुका है.

री काशी विश्वनाथ धाम
री काशी विश्वनाथ धाम
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Published : Nov 25, 2022, 5:29 PM IST

वाराणसी: श्री काशी विश्वनाथ धाम के पुनर्निर्माण से वाराणसी की तकदीर बदल दी है. बनारस में भोले के भक्तों और पर्यटकों के आवक में बढ़ोतरी हुई है. भक्तों की यह भीड़ नए रिकॉर्ड कायम कर रही है. काशी विश्वनाथ धाम (kashi Vishwanath Dham) को तैयार हुए सिर्फ एक साल का वक्त होने वाला है, मगर लोकार्पण से अभी तक 12 करोड़ से अधिक लोग ने बाबा विश्वनाथ के दर्शन कर चुके हैं. काशी विश्वनाथ धाम मंदिर के मुताबिक, सात महीने में ही भक्तों ने 28.37 करोड़ का चढ़ावा चढ़ाया है, जो पिछले कई वर्षों में सबसे ज्यादा है. अभी फाइनेंशियल ईयर के पांच महीने बाकी है.

काशी में देश के विभिन्न हिस्सों से श्रद्धालु काशी विश्वनाथ धाम का दर्शन करने आ रहे हैं.
काशी में देश के विभिन्न हिस्सों से श्रद्धालु काशी विश्वनाथ धाम का दर्शन करने आ रहे हैं.

वित्तीय वर्ष खत्म होने के पांच महीने पहले ही काशी विश्वनाथ मंदिर में चढ़ावे के पुराने रिकॉर्ड ध्वस्त हो गए. इस चढ़ावे में ऑनलाइन हिस्सेदारी 40 फीसदी है. सिर्फ अप्रैल और मई में भक्तों ने 9.50 करोड़ रुपये का दान दिया. कोरोना काल से ठीक पहले साल 2018-19 में सर्वाधिक 26.65 करोड़ की आय हुई थी, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड था. इससे पहले के वर्षों में चढ़ावे का आंकड़ा सिर्फ 10 से 12 करोड़ ही हुआ करता था.

भोले की भक्ति में रंगी महिला श्रद्धालु.
भोले की भक्ति में रंगी महिला श्रद्धालु.
13 दिसंबर 2021 को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण किया था, तभी उन्होंने काशी में एक के बाद एक नए कीर्तिमान गढ़ने की भविष्यवाणी की थी. अब उनकी सही साबित होती दिखाई दे रही हैं. एक तरफ जहां विश्वनाथ धाम की वजह से वाराणसी में श्रद्धालु और सैलानियों की भीड़ कीर्तिमान बना रही है, वहीं विश्वनाथ मंदिर की आय में दिन दुगनी रात चौगुनी बढ़ोतरी हो रही है. 2022 से पहले तक हर साल सावन में 4 से 5 लाख भक्त ही बाबा का दर्शन करते थे वहीं इस साल सावन में पचास लाख से ज्यादा भक्तों ने बाबा का दर्शन किया. सावन के सोमवार पर छह से सात लाख भक्तों ने बाबा के दरबार में हाजिरी लगाई.
काशी विश्वनाथ धाम में तीर्थ यात्रियों के लिए प्रसाद ग्रहण करने की व्यवस्था है.
काशी विश्वनाथ धाम में तीर्थ यात्रियों के लिए प्रसाद ग्रहण करने की व्यवस्था है.


काशी विश्वनाथ मंदिर से मिले आंकड़ों के मुताबिक 50,000 वर्ग मीटर में फैले विश्वनाथ धाम के निर्माण में 340 करोड़ रुपये ख़र्च हुए हैं. काशी विश्वनाथ धाम के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा ने बताया कि लोकार्पण के बाद से अब तक 12 करोड़ से अधिक श्रद्धालु (12 crore devotees came to kashi) बाबा धाम में आ चुके हैं. इस फाइनेंशियल ईयर के शुरुआती सात महीनों में 28 करोड़ से अधिक का चढ़ावा आ चुका है. यह दर्शाता है कि काशी विश्वनाथ धाम की तरफ भक्त खींचे चले आ रहे हैं. मुख्य कार्यपालक अधिकारी का कहना है कि बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए आने वाले भक्तों की बड़ी संख्या और चढ़ावे से धाम पर सुविधाओं के विस्तार में बहुत मदद मिलेगी. धीरे-धीरे भक्तों के लिए कई सुविधाओं में बढ़ोतरी होने वाले और नए भवनों के संचालन का काम भी शुरू होने वाला है.

री काशी विश्वनाथ धाम
दिसंबर 2021 के बाद से काशी आने वाले सैलानियों की संख्या में इजाफा हुआ.

पढ़ें : नया नहीं काशी से दक्षिण का रिश्ता, यहां तो सैकड़ों सालों से तंग गलियों में ही बसता है मिनी साउथ इंडिया

वाराणसी: श्री काशी विश्वनाथ धाम के पुनर्निर्माण से वाराणसी की तकदीर बदल दी है. बनारस में भोले के भक्तों और पर्यटकों के आवक में बढ़ोतरी हुई है. भक्तों की यह भीड़ नए रिकॉर्ड कायम कर रही है. काशी विश्वनाथ धाम (kashi Vishwanath Dham) को तैयार हुए सिर्फ एक साल का वक्त होने वाला है, मगर लोकार्पण से अभी तक 12 करोड़ से अधिक लोग ने बाबा विश्वनाथ के दर्शन कर चुके हैं. काशी विश्वनाथ धाम मंदिर के मुताबिक, सात महीने में ही भक्तों ने 28.37 करोड़ का चढ़ावा चढ़ाया है, जो पिछले कई वर्षों में सबसे ज्यादा है. अभी फाइनेंशियल ईयर के पांच महीने बाकी है.

काशी में देश के विभिन्न हिस्सों से श्रद्धालु काशी विश्वनाथ धाम का दर्शन करने आ रहे हैं.
काशी में देश के विभिन्न हिस्सों से श्रद्धालु काशी विश्वनाथ धाम का दर्शन करने आ रहे हैं.

वित्तीय वर्ष खत्म होने के पांच महीने पहले ही काशी विश्वनाथ मंदिर में चढ़ावे के पुराने रिकॉर्ड ध्वस्त हो गए. इस चढ़ावे में ऑनलाइन हिस्सेदारी 40 फीसदी है. सिर्फ अप्रैल और मई में भक्तों ने 9.50 करोड़ रुपये का दान दिया. कोरोना काल से ठीक पहले साल 2018-19 में सर्वाधिक 26.65 करोड़ की आय हुई थी, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड था. इससे पहले के वर्षों में चढ़ावे का आंकड़ा सिर्फ 10 से 12 करोड़ ही हुआ करता था.

भोले की भक्ति में रंगी महिला श्रद्धालु.
भोले की भक्ति में रंगी महिला श्रद्धालु.
13 दिसंबर 2021 को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण किया था, तभी उन्होंने काशी में एक के बाद एक नए कीर्तिमान गढ़ने की भविष्यवाणी की थी. अब उनकी सही साबित होती दिखाई दे रही हैं. एक तरफ जहां विश्वनाथ धाम की वजह से वाराणसी में श्रद्धालु और सैलानियों की भीड़ कीर्तिमान बना रही है, वहीं विश्वनाथ मंदिर की आय में दिन दुगनी रात चौगुनी बढ़ोतरी हो रही है. 2022 से पहले तक हर साल सावन में 4 से 5 लाख भक्त ही बाबा का दर्शन करते थे वहीं इस साल सावन में पचास लाख से ज्यादा भक्तों ने बाबा का दर्शन किया. सावन के सोमवार पर छह से सात लाख भक्तों ने बाबा के दरबार में हाजिरी लगाई.
काशी विश्वनाथ धाम में तीर्थ यात्रियों के लिए प्रसाद ग्रहण करने की व्यवस्था है.
काशी विश्वनाथ धाम में तीर्थ यात्रियों के लिए प्रसाद ग्रहण करने की व्यवस्था है.


काशी विश्वनाथ मंदिर से मिले आंकड़ों के मुताबिक 50,000 वर्ग मीटर में फैले विश्वनाथ धाम के निर्माण में 340 करोड़ रुपये ख़र्च हुए हैं. काशी विश्वनाथ धाम के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा ने बताया कि लोकार्पण के बाद से अब तक 12 करोड़ से अधिक श्रद्धालु (12 crore devotees came to kashi) बाबा धाम में आ चुके हैं. इस फाइनेंशियल ईयर के शुरुआती सात महीनों में 28 करोड़ से अधिक का चढ़ावा आ चुका है. यह दर्शाता है कि काशी विश्वनाथ धाम की तरफ भक्त खींचे चले आ रहे हैं. मुख्य कार्यपालक अधिकारी का कहना है कि बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए आने वाले भक्तों की बड़ी संख्या और चढ़ावे से धाम पर सुविधाओं के विस्तार में बहुत मदद मिलेगी. धीरे-धीरे भक्तों के लिए कई सुविधाओं में बढ़ोतरी होने वाले और नए भवनों के संचालन का काम भी शुरू होने वाला है.

री काशी विश्वनाथ धाम
दिसंबर 2021 के बाद से काशी आने वाले सैलानियों की संख्या में इजाफा हुआ.

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