सांगली : महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे को खिलाफ शिराला कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया है. शिराला कोर्ट ने राज ठाकरे के खिलाफ पहले भी वारंट जारी किया था, मगर वह अदालत के सामने पेश नहीं हुए. इसलिए कोर्ट ने फिर से गैर जमानती वारंट जारी किया है. इस केस में अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी.
गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान मनसे नेता शिरीष पारकर कोर्ट में पेश हुए हैं, इसलिए अदालत ने उनका गैर जमानती वारंट रद्द कर दिया. 2008 में रेलवे भर्ती को लेकर महाराष्ट्र नव निर्माण सेना ने एक आंदोलन किया गया था. तब शिराला के शेडगेवाड़ी में मनसे जिलाध्यक्ष तानाजी सावंत के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने उग्र प्रदर्शन किया था. इस मामले में शिराला थाना पुलिस ने मनसे प्रमुख राज ठाकरे, जिलाध्यक्ष तानाजी सावंत, शिरीष पारकर और अन्य कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. मामले की सुनवाई शिराला सेशन कोर्ट में अभी भी चल रही है.
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने इस मामले में आरोपी नेताओं को कोर्ट में हाजिर होने का निर्देश दिया था. मगर राज ठाकरे, शिरीष पारकर और अन्य कार्यकर्ताओं को अदालत की तारीख से बार-बार गैरहाजिर रहने के कारण अदालत ने गैर-जमानती वारंट जारी किया था. गुरुवार को भी हुई सुनवाई में राज ठाकरे गैरहाजिर रहे, इसलिए कोर्ट उनके खिलाफ दोबारा गैरजमानती वॉरंट जारी कर दिया.
इससे पहले जनवरी में भी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ( Maharashtra Navnirman Sena president Raj Thackeray) के खिलाफ बीड की परली अदालत ने गैर जमानती वारंट जारी किया था. करीब पांच तक गैरहाजिर होने के बाद बीड की परली अदालत ने मई में भी उनके खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया था.
2008 में मनसे प्रमुख ने नौकरी में स्थानीय लोगों को तवज्जो देने की मांग को लेकर आंदोलन शुरू किया था. मनसे कार्यकर्ताओं ने दूसरे राज्यों से आए परीक्षार्थियों से मारपीट की थी. इसके बाद मनसे कार्यकर्ता राज ठाकरे की गिरफ्तारी पर उग्र हो गए थे. तब कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने के लिए राज ठाकरे के खिलाफ कई जिलों में केस दर्ज किया गया था.