नई दिल्ली : केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Union Civil Aviation Minister Jyotiraditya Scindia) ने बुधवार को कहा कि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) वर्तमान में दिवालिया एयरलाइन गो फर्स्ट द्वारा प्रस्तुत उड़ान बहाली योजना का आकलन कर रहा है. उन्होंने कहा कि डीजीसीए की मंजूरी के बाद यह आगे बढ़ेगा. मोदी सरकार के सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण के नौ साल पूरे होने पर केंद्रीय मंत्री ने मीडिया से बातचीत में कहा कि नौ साल में विमानन उद्योग ने अतीत में जबरदस्त विकास और परिवर्तन देखा है. भविष्य की योजनाओं के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि अगले पांच वर्षों में भारत में 200-220 और हवाईअड्डे, हेलीपोर्ट और जल हवाई अड्डे तैयार हो जाएंगे.
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#WATCH | We must make sure that the maximum prices are within a certain limit and we have conveyed that message very clearly to the airlines. We cannot have prices that are way beyond what should rationally be done, specifically when we have certain instances take place such as… pic.twitter.com/s29WN0s2xd
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उन्होंने कहा कि 2014 तक हमारे पास 74 हवाई अड्डे थे लेकिन इस समय 148 हवाई अड्डे हैं. इसका मतलब है कि केवल 9 साल में हवाई अड्डों की संख्या दोगुनी हो गई है. उन्होंने उत्तर-पूर्वी राज्यों में विमानन परिवर्तन और बेहतर कनेक्टिविटी के बारे में कहा कि इस क्षेत्र में कुछ राज्य थे जहां कोई हवाई अड्डा नहीं था, लेकिन आज अरुणाचल प्रदेश में तीन नए हवाई अड्डे है जबकि सिक्किम में भी एक हवाई अड्डा है.
सिंधिया ने कहा कि भारत तीसरा सबसे बड़ा विमानन बाजार बन गया है और पिछले नौ साल में देश के भीरत यात्रा करने वाले अनुमानित 145 मिलियन हवाई यात्रियों के साथ घरेलू हवाई यात्रा में 130 की वृद्धि देखी गई है. इस बीच, सोमवार को नागरिक उड्डयन मंत्री ने कुछ मार्गों पर बढ़ते हवाई किराए पर चिंता व्यक्त की. उन्होंने एयरलाइन संचालकों से किराया उचित रखने का आग्रह किया. हालांकि, उन्होंने कहा कि एयरलाइंस को इस मुद्दे की स्व-निगरानी करनी होगी.
केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अधिकतम कीमतें एक निश्चित सीमा के भीतर हों और इस बारे में हमने एयरलाइनों को यह संदेश बहुत स्पष्ट रूप से दे दिया है. उन्होंने कहा, विमानन सेवाओं को मंत्रालय या डीजीसीए के कदमों के बाद प्रतिक्रियात्मक होने के विपरीत उनकी कीमतों की निगरानी के मामले में सक्रिय होना चाहिए क्योंकि यह भी उनके सामाजिक उद्देश्य का एक हिस्सा होना चाहिए. गो फर्स्ट संकट पर उन्होंने कहा कि भारत में एविएशन सेक्टर को भारत में डीरेग्युलेट किया गया है. उन्होंने कहा कि जब हम गो फर्स्ट और जेट एयरवेज की बात करते हैं, तो हमें नई एयरलाइंस की सफलता की कहानियों को नहीं भूलना चाहिए जैसे कि अकासा और छोटी क्षेत्रीय एयरलाइंस. उम्मीद है कि कई एयरलाइंस भी आगे आएंगी.
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