देहरादून: वैश्विक महामारी कोरोना के मामले कम होने के बाद इस वर्ष चारधाम यात्रा में भारी संख्या में श्रद्धालु के आने की उम्मीद से उत्तराखंड पुलिस ने भी विशेष तैयारियां की हैं. अतिथि देवो भव: के नारे को बुलंद करते हुए इस बार पुलिस न सिर्फ यात्रियों को अपनी विशेष सेवा प्रदान कर स्वागत करेगी बल्कि उनकी सुरक्षा और आवागमन से संबंधित ट्रैफिक व्यवस्थाओं को भी नया आयाम देने जा रही है. इस संबंध में डीजीपी अशोक कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश भर के पुलिस के आलाधिकारियों को महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए हैं.
DGP ने इन बिन्दुओं पर लिए अहम निर्णय: चारधाम यात्रा पर चलने वाले जिन व्यवसायिक वाहनों को परिवहन विभाग द्वारा ग्रीन कार्ड जारी किया गया है. उनके कागजातों की चेकिंग पुलिस द्वारा नहीं की जाएगी. वहीं निजी वाहनों से चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं के वाहनों के कागजात हरिद्वार व देहरादून बार्डर पर ही चेक किये जाएंगे. इसके बाद आगे उनकी बार-बार चेकिंग नहीं की जाएगी. चारधाम यात्रा सीजन के दौरान यात्रा रूट पर यातायात को सुचारू रुप से संचालित किए जाने को लेकर उत्तराखंड यातायात निदेशक DIG मुख्तार मोहसिन को नोडल अधिकारी बनाया गया है.
चारधाम यात्रा मार्गों पर परिवहन एवं लोकनिर्माण विभाग के साथ समन्वय स्थापित करते हुए अधिक से अधिक चेतावनी बोर्ड लगाए जाएंगे, ताकि दुर्घटना प्रभावित क्षेत्रों में होने वाले सड़क हादसों पर अंकुश लगाया जा सके. यात्रा सीजन के दौरान ओवर लोडिंग, ओवर स्पीडिंग, रैश ड्राइविंग और नशे की हालत में वाहन चलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. DGP के आदेश मुताबिक पर्यटन पुलिस, चारधाम यात्रा के दौरान अहम भूमिका निभायेगी, जिसमें पुलिसकर्मियों को सॉफ्ट स्किल्स और कम्यूनिकेशन स्किल्स का विशेष प्रशिक्षण कराया जाएगा. इससे पर्यटन पुलिस अतिथि देवो भवः के भाव से यात्रियों को सुरक्षा व सुविधा प्रदान करने में सक्षम हो सकेंगे.
यात्रियों की सुविधा के लिए चारों धामों के कपाट खुलने की तिथि व मार्गों की स्थिति पर जाम होने की दशा में उसकी रियलटाइम स्थिति उत्तराखंड पुलिस की वेबसाइट और सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर साझा की जाएगी, ताकि यात्रियों को परेशानी ना हों. इसके साथ होमगार्ड एवं पीआरडी के जवानों को विशेष प्रशिक्षण देकर यात्रा मार्गों पर तैनात किया जाएगा, ताकि श्रद्धालुओं को अतिरिक्त सेवा प्रदान की जा सके.
इसके साथ ही चारधाम यात्रा मार्गों पर यातायात प्रबंधन को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखा जाएगा. जनपद प्रभारी अपने जिलाधिकारी के साथ समन्वय स्थापित कर पार्किंग की क्षमता एवं नए पार्किंग स्थलों को चिन्हित करेंगे. वहीं यात्रा मार्गों पर अस्थायी अतिक्रमण को यथासंभव हटवाएं जाने के संबंध में नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित होगी.
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यात्रा रूटों पर यातायात सुचारु रूप से संचालित किये जाने को लेकर सभी जनपदों के पुलिस उपाधीक्षक (CO) यातायात को व्हाट्सएप ग्रुप बनाने के लिए निर्देशित किया गया हैं, ताकि समस्त आवश्यक जानकारी को यात्रियों को साझा की जा सके. इसके साथ आपदा प्रबंधन के लिए यात्रा मार्गों पर पूर्व से तैनात की गई है. वहीं SDRF की टीमों के अतिरिक्त तैनाती मोरी, घनसाली और गैरसैंण में की जाएगी. और तो और, SDRF टीमों अलर्ट मोड पर रखा जाएगा, ताकि आपदा ग्रस्त क्षेत्र में राहत कार्य समय से हो सके. इसके अतिरिक्त, जल पुलिस को भी अत्याधुनिक आपदा उपकरणों से लैस कर चारधाम यात्रा मार्गों के अलग-अलग स्थानों में तैनात किया जाएगा, ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति में राहत बचाव दल तत्काल रिस्पांस देकर जानमाल की रक्षा कर सकें.