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काबुल में दीवारों से मिटाई जा रहीं महिलाओं की छवियां - महिलाओं की छवियां

तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा पर लिया है. इस बीच सोशल मीडिया पर वहां के हालात को लेकर खबरे तेजी से फैल रही हैं. काबुल में एक दीवार पर पेंट की गई महिलाओं की तस्वीरों को पेंट से ढंकते हुए देखा गया है.

दीवारों से मिटाई जा रहीं महिलाओं की छवियां
दीवारों से मिटाई जा रहीं महिलाओं की छवियां
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Published : Aug 15, 2021, 10:00 PM IST

काबुल : ट्विटर पर पोस्ट की गईं तस्वीरों में काबुल में एक दीवार पर पेंट की गई महिलाओं की तस्वीरों को पेंट से ढंकते एक पुरुष की छवि दिखाई दे रही है. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान के काबुल की ओर बढ़ने के कारण हाल के दिनों में शहर की युवतियां मदद मांग रही हैं.

साल 2002 से पहले जब तालिबान ने अफगानिस्तान को कब्जे में लिया था, आतंकवादियों ने शरिया कानून के एक संस्करण का अभ्यास किया, जिसमें व्यभिचार करने पर पत्थर मारना, चोरी करने पर अंगों को काटना और 12 साल से अधिक उम्र की लड़कियों को स्कूल जाने से रोकना शामिल था.

तालिबान के एक अधिकारी को यह कहते हुए उद्धृत किया गया है कि इस तरह की सजा देने का निर्णय अदालतों पर निर्भर होगा. तालिबान ने हाल के दिनों में जिन क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया है, उन क्षेत्रों की रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि महिलाओं को पहले से ही बिना पुरुष साथी के अपने घरों से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है और कुछ महिला कर्मचारियों को बताया गया था कि उनकी जगह नौकरी अब पुरुष करेंगे. इन इलाकों की महिलाओं को भी बुर्का पहनने को कहा जा रहा है.

इससे पहले, एक रिपोर्ट में कहा गया था कि तालिबान के एक प्रवक्ता ने कसम खाई है कि आतंकवादी महिलाओं और प्रेस के अधिकारों का सम्मान करेंगे. तालिबान के रविवार के बयानों का उद्देश्य वैश्विक चिंता को शांत करना प्रतीत होता है.

बुर्का पहनने के लिए मजबूर किए जाने की खबरें

प्रवक्ता ने कहा कि महिलाओं को अकेले घर से बाहर निकलने की अनुमति दी जाएगी और शिक्षा व काम तक उनकी पहुंच बनी रहेगी. लेकिन यह देश के अन्य हिस्सों से आने वाली रिपोटों के विपरीत है जो तालिबान के नियंत्रण में आ गए हैं.

पढ़ें- तालिबान ने अफगानिस्तान में बनाई अंतरिम सरकार, अहमद जलाली को मिल सकती है सत्ता

कंधार में, एक बैंक में काम करने वाली महिलाओं से कहा गया कि उनकी नौकरी अब पुरुष रिश्तेदार द्वारा की जाएगी. अन्य क्षेत्रों में महिलाओं को अकेले बाहर नहीं जाने और बुर्का पहनने के लिए मजबूर किए जाने की खबरें आई हैं. प्रवक्ता ने कहा कि मीडिया को स्वतंत्र रूप से आलोचना करने की अनुमति दी जाएगी, लेकिन किसी का चरित्र हनन नहीं होना चाहिए.

पढ़ें- काबुल से 129 भारतीयों को लेकर एयर इंडिया की फ्लाइट दिल्ली पहुंची

(आईएएनएस)

काबुल : ट्विटर पर पोस्ट की गईं तस्वीरों में काबुल में एक दीवार पर पेंट की गई महिलाओं की तस्वीरों को पेंट से ढंकते एक पुरुष की छवि दिखाई दे रही है. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान के काबुल की ओर बढ़ने के कारण हाल के दिनों में शहर की युवतियां मदद मांग रही हैं.

साल 2002 से पहले जब तालिबान ने अफगानिस्तान को कब्जे में लिया था, आतंकवादियों ने शरिया कानून के एक संस्करण का अभ्यास किया, जिसमें व्यभिचार करने पर पत्थर मारना, चोरी करने पर अंगों को काटना और 12 साल से अधिक उम्र की लड़कियों को स्कूल जाने से रोकना शामिल था.

तालिबान के एक अधिकारी को यह कहते हुए उद्धृत किया गया है कि इस तरह की सजा देने का निर्णय अदालतों पर निर्भर होगा. तालिबान ने हाल के दिनों में जिन क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया है, उन क्षेत्रों की रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि महिलाओं को पहले से ही बिना पुरुष साथी के अपने घरों से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है और कुछ महिला कर्मचारियों को बताया गया था कि उनकी जगह नौकरी अब पुरुष करेंगे. इन इलाकों की महिलाओं को भी बुर्का पहनने को कहा जा रहा है.

इससे पहले, एक रिपोर्ट में कहा गया था कि तालिबान के एक प्रवक्ता ने कसम खाई है कि आतंकवादी महिलाओं और प्रेस के अधिकारों का सम्मान करेंगे. तालिबान के रविवार के बयानों का उद्देश्य वैश्विक चिंता को शांत करना प्रतीत होता है.

बुर्का पहनने के लिए मजबूर किए जाने की खबरें

प्रवक्ता ने कहा कि महिलाओं को अकेले घर से बाहर निकलने की अनुमति दी जाएगी और शिक्षा व काम तक उनकी पहुंच बनी रहेगी. लेकिन यह देश के अन्य हिस्सों से आने वाली रिपोटों के विपरीत है जो तालिबान के नियंत्रण में आ गए हैं.

पढ़ें- तालिबान ने अफगानिस्तान में बनाई अंतरिम सरकार, अहमद जलाली को मिल सकती है सत्ता

कंधार में, एक बैंक में काम करने वाली महिलाओं से कहा गया कि उनकी नौकरी अब पुरुष रिश्तेदार द्वारा की जाएगी. अन्य क्षेत्रों में महिलाओं को अकेले बाहर नहीं जाने और बुर्का पहनने के लिए मजबूर किए जाने की खबरें आई हैं. प्रवक्ता ने कहा कि मीडिया को स्वतंत्र रूप से आलोचना करने की अनुमति दी जाएगी, लेकिन किसी का चरित्र हनन नहीं होना चाहिए.

पढ़ें- काबुल से 129 भारतीयों को लेकर एयर इंडिया की फ्लाइट दिल्ली पहुंची

(आईएएनएस)

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