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आईएमए ने कोरोनिल पर पतंजलि के दावे को बताया झूठा, हर्षवर्धन से मांगा स्पष्टीकरण - इंडियन मेडिकल एसोसिएशन

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने कोरोनिल टैबलेट को लेकर पतंजलि के दावे पर आश्चर्य जताया है और कोरोनिल का समर्थन करने को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन से स्पष्टीकरण मांगा है. बता दें कि पंतजलि ने दावा किया था कि कोरोनिल दवा कोविड-19 को ठीक कर सकती है और साक्ष्यों के आधार पर इसकी पुष्टि की गई है.

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन
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Published : Feb 22, 2021, 4:41 PM IST

Updated : Feb 22, 2021, 4:56 PM IST

नई दिल्ली : पतजंलि के कोरोनिल टैबलेट को विश्व स्वास्थ्य संगठन से प्रमाण पत्र मिलने की बात को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने सोमवार को सरासर झूठ करार देते हुए आश्चर्य प्रकट किया और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन से इस बाबत स्पष्टीकरण की मांग की.

बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन की उपस्थिति में कोरोनिल दवा का शुभारंभ किया गया था.

पतंजलि का दावा है कि कोरोनिल दवा कोविड-19 को ठीक कर सकती है और साक्ष्यों के आधार पर इसकी पुष्टि की गई है. हालांकि, डब्ल्यूएचओ ने स्पष्ट किया है कि उसने किसी भी पारंपरिक औषधि को कोविड-19 के उपचार के तौर पर प्रमाणित नहीं किया है.

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का पत्र
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का पत्र

योग गुरु रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद ने 19 फरवरी को दावा किया था कि डब्ल्यूएचओ की प्रमाणन योजना के तहत कोरोनिल टैबलेट को आयुष मंत्रालय की ओर से कोविड-19 के उपचार में सहायक औषधि के तौर पर प्रमाण पत्र मिला है.

आचार्य बालकृष्ण ने दी थी सफाई
हालांकि, पतंजलि के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण ने बाद में ट्वीट कर सफाई दी थी और कहा था, 'हम यह साफ कर देना चाहते हैं कि कोरोनिल के लिए हमारा डब्ल्यूएचओ जीएममी अनुपालन वाला सीओपीपी प्रमाण पत्र डीजीसीआई, भारत सरकार की ओर से जारी किया गया. यह स्पष्ट है कि डब्ल्यूएचओ किसी दवा को मंजूरी नहीं देता. डब्ल्यूएचओ विश्व में सभी के लिए बेहतर भविष्य बनाने के वास्ते काम करता है.'

सोमवार को आईएमए की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, 'देश का स्वास्थ्य मंत्री होने के नाते, पूरे देश के लोगों के लिए झूठ पर आधारित अवैज्ञानिक उत्पाद को जारी करना कितना न्यायसंगत है. क्या आप इस कोरोना रोधी उत्पाद के तथाकथित क्लिनिकल ट्रायल की समयसीमा बता सकते हैं?'

आईएमए ने कहा, 'देश मंत्री से स्पष्टीकरण चाहता है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग को स्वत: संज्ञान लेने के लिए भी पत्र लिखेगा. यह भारतीय चिकित्सा परिषद के नियमों का उल्लंघन है.'

यह भी पढ़ें- कोरोनिल है कोरोना की सफल दवा, वैक्सीनेशन भी जरूरी : आचार्य बालकृष्ण

आईएमए ने कहा, 'डब्ल्यूएचओ से प्रमाणन की सरासर झूठी बात पर गौर करके इंडियन मेडिकल एसोसिशन स्तब्ध है.'

गौरतलब है कि हरिद्वार स्थित पतंजलि आयुर्वेद ने कोविड-19 के उपचार के लिए कोरोनिल के प्रभावकारी होने के संबंध में शोध पत्र जारी करने का दावा भी किया था.

नई दिल्ली : पतजंलि के कोरोनिल टैबलेट को विश्व स्वास्थ्य संगठन से प्रमाण पत्र मिलने की बात को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने सोमवार को सरासर झूठ करार देते हुए आश्चर्य प्रकट किया और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन से इस बाबत स्पष्टीकरण की मांग की.

बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन की उपस्थिति में कोरोनिल दवा का शुभारंभ किया गया था.

पतंजलि का दावा है कि कोरोनिल दवा कोविड-19 को ठीक कर सकती है और साक्ष्यों के आधार पर इसकी पुष्टि की गई है. हालांकि, डब्ल्यूएचओ ने स्पष्ट किया है कि उसने किसी भी पारंपरिक औषधि को कोविड-19 के उपचार के तौर पर प्रमाणित नहीं किया है.

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का पत्र
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का पत्र

योग गुरु रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद ने 19 फरवरी को दावा किया था कि डब्ल्यूएचओ की प्रमाणन योजना के तहत कोरोनिल टैबलेट को आयुष मंत्रालय की ओर से कोविड-19 के उपचार में सहायक औषधि के तौर पर प्रमाण पत्र मिला है.

आचार्य बालकृष्ण ने दी थी सफाई
हालांकि, पतंजलि के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण ने बाद में ट्वीट कर सफाई दी थी और कहा था, 'हम यह साफ कर देना चाहते हैं कि कोरोनिल के लिए हमारा डब्ल्यूएचओ जीएममी अनुपालन वाला सीओपीपी प्रमाण पत्र डीजीसीआई, भारत सरकार की ओर से जारी किया गया. यह स्पष्ट है कि डब्ल्यूएचओ किसी दवा को मंजूरी नहीं देता. डब्ल्यूएचओ विश्व में सभी के लिए बेहतर भविष्य बनाने के वास्ते काम करता है.'

सोमवार को आईएमए की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, 'देश का स्वास्थ्य मंत्री होने के नाते, पूरे देश के लोगों के लिए झूठ पर आधारित अवैज्ञानिक उत्पाद को जारी करना कितना न्यायसंगत है. क्या आप इस कोरोना रोधी उत्पाद के तथाकथित क्लिनिकल ट्रायल की समयसीमा बता सकते हैं?'

आईएमए ने कहा, 'देश मंत्री से स्पष्टीकरण चाहता है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग को स्वत: संज्ञान लेने के लिए भी पत्र लिखेगा. यह भारतीय चिकित्सा परिषद के नियमों का उल्लंघन है.'

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आईएमए ने कहा, 'डब्ल्यूएचओ से प्रमाणन की सरासर झूठी बात पर गौर करके इंडियन मेडिकल एसोसिशन स्तब्ध है.'

गौरतलब है कि हरिद्वार स्थित पतंजलि आयुर्वेद ने कोविड-19 के उपचार के लिए कोरोनिल के प्रभावकारी होने के संबंध में शोध पत्र जारी करने का दावा भी किया था.

Last Updated : Feb 22, 2021, 4:56 PM IST
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