हैदराबाद: यहां के नामपल्ली बाजारघाट में सोमवार सुबह लगी आग में 9 लोगों की जान चली गई. आग भड़कने का मुख्य कारण बेसमेंट में कैमिकल का स्टॉक बताया गया. राज्य में ऐसी की घटनाएं सामने आईं जिसमें घटनास्थल के पास अवैध गोदाम पाया गया. इनमें ज्वलनशील पदार्थ रखे हुए थे.
नामपल्ली बाजारघाट की घटना के बाद स्थानीय लोगों का आरोप है कि उन्होंने कई बार शिकायत की है कि एक बिल्डिंग के तहखाने में अवैध रूप से केमिकल का भंडारण किया जा रहा है लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया. आमतौर पर रासायनिक गोदामों को संचालित करने के लिए स्थानीय निकायों से अनुमति की आवश्यकता होती है.
स्वीकृत क्षेत्र के अलावा कई स्थानों पर अवैध गोदामों के संचालन के मामले तभी सामने आते हैं जब दुर्घटनाएँ होती हैं. रिहायशी इलाकों में ऐसे रसायनों का भंडारण करना प्रतिबंधित है. हैदराबाद में लगभग 1,350 उद्योगों को बाहर निकालने का प्रस्ताव लंबे समय से है लेकिन इसे पूरी तरह से लागू नहीं किया जा सका है. कई लोग नियमों का उल्लंघन कर केमिकल के अलावा अन्य सामग्री का भंडारण कर आग लगने की घटनाओं को दावत देते हैं.
डेढ़ साल में 37 लोगों की मौत! बड़ी संख्या में आग उन क्षेत्रों में लगती है जहां रसायनों या अन्य सामग्रियों को अवैध रूप से संग्रहीत किया जाता है. गौरतलब है कि 2021 में 139 आग लगने की घटना हुई. इसी तरह 2022 में 236 और इस साल अगस्त तक राज्य भर में इस तरह की 132 दुर्घटनाएं हुईं. पिछले डेढ़ साल में बाजारघाट हादसे समेत अकेले राजधानी में 5 गंभीर हादसे हो चुके हैं. इनमें से 37 लोगों की जान चली गई.
पिछले साल मार्च में सिकंदराबाद के बोइगुडा में एक गोदाम में 11 बिहारी प्रवासी मजदूरों की जलकर मौत हो गई थी. पिछले साल सितंबर में सिकंदराबाद के रूबी होटल के तहखाने में आग लगने से आठ लोगों की मौत हो गई थी. 11 अन्य घायल हो गये. सेलर में इलेक्ट्रिक बाइक के शोरूम में शॉर्ट सर्किट के कारण आग लग गई.
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पिछले जनवरी में सिकंदराबाद के नल्लागुट्टा में डेक्कन निटवियर स्पोर्ट्स शॉप में आग लगने से बिहार के तीन लोगों की जान चली गई. आग पर काबू पाने के लिए दमकलकर्मियों को करीब 10 घंटे तक मशक्कत करनी पड़ी. बाद में इस अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया गया. 17 मार्च, 2017 को सिकंदराबाद के स्वप्नलोक कॉम्प्लेक्स में आग लगने की घटना में क्यूनेट के छह कर्मचारियों की मौत हो गई.