प्रतापगढ़ : उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ के हथिगवां थाना क्षेत्र के नौबस्ता परसीपुर में पुलिस के हाथ बड़ी सफलता हाथ लगी है. अवैध शराब के खिलाफ चलाए गए अभियान के तहत पुलिस ने एक फार्म हाउस से 10 करोड़ की अवैध शराब बरामद की है. पुलिस ने शराब की 23 हजार बोतलों को जमीन से खोदकर बाहर निकाली. फार्म हाउस का मालिक गुड्डू सिंह मौके से भाग गया. इसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस दबिश दे रही है.
एक करोड़ रुपये की शराब बरामद
नौबस्ता परसीपुर में पुलिस की कार्रवाई शुक्रवार शाम लगभग आठ बजे शुरू हुई. पुलिस को जानकारी मिली थी कि एक फार्म हाउस अवैध रूप से तैयार शराब को परिसर के अंदर कथित रूप से बनाई गई गोशाला में भूसे के अंदर छिपाकर रखा गया है. आईजी केपी सिंह ने बताया कि इस कार्रवाई में 96 ड्रम अवैध शराब बरामद की गई. इसमें ओपी (शराब बनाने का केमिकल) भरा था. प्रत्येक ड्रम की कीमत उन्होंने 2 लाख रुपये बतायी. लगभग सभी ब्रांड के 36 बोरे ढक्कन मिले हैं. आईजी के मुताबिक 1 लाख 23 हजार शीशीयां भी फार्म हाउस के अंदर मिली हैं. इनमें बनाई गई अवैध शराब को भरकर बेचा जाता था. 27 सौ गत्ते एवं 133 पेटी बनी हुई शराब भी पुलिस ने बरामद की है. यह शराब लोकल ब्रांड की बताई गई. इन्हें माफिया जिले के साथ आसपास के कई जनपदों में सप्लाई करता था.
आरोपी की मां है निवर्तमान ग्राम प्रधान
पैकिंग की छह मशीनों को भी पुलिस ने बरामद किया है. इसी के साथ शीशियों पर लगाने के लिए करीब 15 लाख रैपर और बारकोड बरामद किए गए हैं. पुलिस ने फार्म हाउस परिसर में मिट्टी के अंदर भी केमिकल से भरे ड्रमों के छिपाए जाने की बात बतायी. उसकी बरामदगी के लिए जेसीबी मशीन बुलाई गई. आईजी ने बताया कि मिट्टी के अंदर करीब सौ ड्रम केमिकल छिपाया गया था. मिट्टी की खोदाई कर उन्हें बरामद किया गया. पुलिस ने आशंका जताई कि पुआल के नीचे भी शराब बनाने और पैकिंग की मशीन छिपाई गई है. उसे भी हटवा जांच की जाएगी. एडीजी प्रेम प्रकाश ने बताया कि अवैश शराब के कारोबारी एवं फार्म हाउस के मालिक गुड्डू सिंह की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है. आईजी ने बताया कि उसकी मां गांव की निवर्तमान प्रधान हैं. गांव में अस्थायी चौकी बना दी गई है. एडीजी ने बताया कि कार्रवाई लंबी चलेगी.
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उच्चस्तरीय जांच का निर्देश
हल्का दारोगा हंसराज दुबे और बीट सिपाही जितेंद्र चौहान को तत्काल प्रभाव ने निलंबित कर दिया गया है. एडीजी प्रेम प्रकाश ने पूर्व एसओ उदय त्रिपाठी को इस अवैध कारोबार के लिए दोषी माना है. हालांकि उन्हें पहले ही लाइन हाजिर कर दंगा नियंत्रण में भेज दिया गया था, लेकिन अब इतनी बड़ी कार्रवाई के बाद एडीजी ने बताया कि उनके खिलाफ एंटी करप्शन जांच की संस्तुति भी की गई है. साथ ही आईजी रेंज स्तर पर उच्चस्तरीय जांच के भी उन्होंने निर्देश दिए हैं.