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हिमाचल प्रदेश: IIT मंडी ने किया शोध, मेटामैटीरियल से बनेगी इमारत की नींव को भूकंप में होगा कम नुकसान

आईआईटी मंडी के शोध के मुताबिक इमारत की नींव बनाते वक्त मेटामैटीरियल का इस्तेमाल करने से भूकंप से होने वाला नुकसान कम किया जा सकता है. इसके पीछे आईआईटी मंडी के शोधकर्ताओं के क्या तर्क हैं आइये जानते हैं.

मेटामैटीरियल पर मंडी आईआईटी ने किया रिसर्च
मेटामैटीरियल पर मंडी आईआईटी ने किया रिसर्च
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Published : Apr 20, 2023, 2:53 PM IST

आईआईटी मंडी ने मेटामैटीरियल पर किया शोध

मंडी : दुनियाभर में भूकंप हर साल बड़ी तबाही मचाते हैं जिसमें जान और माल की काफी हानि होती है. लेकिन आईआईटी मंडी के शोधकर्ताओं की मानें तो इस नुकसान को बहुत कम किया जा सकता है अगर घर या इमारत की बुनियाद डालते वक्त एक अहम बात का ध्यान रखा जाए. हालांकि इसपर शोध अभी भी जारी है लेकिन इसके शुरुआती परिणाम बहुत ही सकारात्मक रहे हैं.

इमारत की बुनियाद मेटामैटीरियल से बनाएं- आईआईटी मंडी के शोधकर्ताओं के मुताबिक इमारतों को भूकंप के प्रभाव से बचाने के लिए मेटामैटीरियल की फाउंडेशन बनानी चाहिए. आईआईटी मंडी के स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अर्पण गुप्ता ने अपनी टीम के सदस्यों के साथ ये शोध किया है. उनकी टीम का हिस्सा रहे रिसर्चर ऋषभ शर्मा, डॉ. प्रीति गुलिया और अमन ठाकुर ने यह शोध किया है. जिसमें पाया गया कि जिन भवनों की नींव मेटामैटीरियल से बनाई गई है उनका भूकंप की तेज तरंगे भी कुछ नहीं बिगाड़ पाई हैं.

मेटामैटीरियल पर शोध करने वाली टीम
मेटामैटीरियल पर शोध करने वाली टीम

डॉ. अर्पण ने बताया कि मेटामैटीरियल भूकंप की तरंगों को कमजोर करने का काम करता है. इन तरंगों का इसपर बहुत ही कम प्रभाव होता है. जिससे भूकंप के दौरान इमारत को कम नुकसान पहुंचता है. इनकी ये रिसर्च एक इंटरनेशनल जर्नल साइंटिफिक रिपोर्ट्स में भी प्रकाशित हुई है.

IIT मंडी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अर्पण गुप्ता के मुताबिक जब भूकंप आता है तो इमारत की बुनियाद में कंपन होता है जिसके कारण बिल्डिंग में बहुत ज्यादा कंपन होता है. हमने कंप्यूटर के जरिये नए तरह के फाउंडेशन को स्टडी किया है, जिसमें पीरियोडिक रिपीटिंग स्ट्रक्चर्स होते हैं, जिसे हम मेटामैटीरियल फाउंडेशन कहते हैं. जब इस मेटामैटीरियल फाउंडेशन में भूकंप के कारण जब तरंगे आती हैं तो हमने कंप्यूटर पर स्टडी किया कि इस नए फाउंडेशन में कंपन की तीव्रता कम होती है और इमारत भी कम कंपन करती है. उनकी टीम ने एक नए तरह का मेटामैटीरियल फाउंडेशन डिजाइन किया है जिससे भूकंप के दौरान इमारतों को होने वाली क्षति को कम किया जा सकता है. डॉ. अर्पण गुप्ता ने बताया कि हमारा ये काम एक अंतरराष्ट्रीय जर्नल में भी छपा है और हमारी टीम इसे लेकर और एक्सपेरिमेंट भी कर रहे हैं.

आईआईटी मंडी
आईआईटी मंडी

क्या है मेटामैटीरियल- आईआईटी मंडी के शोधकर्ता बताते हैं कि धातु और प्लास्टिक जैसी सामग्री से बने कई तत्वों को जोड़कर एक मेटामैटीरियल तैयार किया जाता है. शोधकर्ताओं ने पाया की कंक्रीट की बनी ठोस नींव में कंपन अधिक पाई गई वहीं दूसरी ओर मेटामैटीरियल से बनी बुनियाद में बहुत कम कंपन हुआ.

ये भी पढ़ें: अब दुश्मन के रडार की नजर से बचेंगे सैन्य ठिकाने, IIT Mandi ने तैयार किया आर्टिफिशियल मटीरियल

आईआईटी मंडी ने मेटामैटीरियल पर किया शोध

मंडी : दुनियाभर में भूकंप हर साल बड़ी तबाही मचाते हैं जिसमें जान और माल की काफी हानि होती है. लेकिन आईआईटी मंडी के शोधकर्ताओं की मानें तो इस नुकसान को बहुत कम किया जा सकता है अगर घर या इमारत की बुनियाद डालते वक्त एक अहम बात का ध्यान रखा जाए. हालांकि इसपर शोध अभी भी जारी है लेकिन इसके शुरुआती परिणाम बहुत ही सकारात्मक रहे हैं.

इमारत की बुनियाद मेटामैटीरियल से बनाएं- आईआईटी मंडी के शोधकर्ताओं के मुताबिक इमारतों को भूकंप के प्रभाव से बचाने के लिए मेटामैटीरियल की फाउंडेशन बनानी चाहिए. आईआईटी मंडी के स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अर्पण गुप्ता ने अपनी टीम के सदस्यों के साथ ये शोध किया है. उनकी टीम का हिस्सा रहे रिसर्चर ऋषभ शर्मा, डॉ. प्रीति गुलिया और अमन ठाकुर ने यह शोध किया है. जिसमें पाया गया कि जिन भवनों की नींव मेटामैटीरियल से बनाई गई है उनका भूकंप की तेज तरंगे भी कुछ नहीं बिगाड़ पाई हैं.

मेटामैटीरियल पर शोध करने वाली टीम
मेटामैटीरियल पर शोध करने वाली टीम

डॉ. अर्पण ने बताया कि मेटामैटीरियल भूकंप की तरंगों को कमजोर करने का काम करता है. इन तरंगों का इसपर बहुत ही कम प्रभाव होता है. जिससे भूकंप के दौरान इमारत को कम नुकसान पहुंचता है. इनकी ये रिसर्च एक इंटरनेशनल जर्नल साइंटिफिक रिपोर्ट्स में भी प्रकाशित हुई है.

IIT मंडी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अर्पण गुप्ता के मुताबिक जब भूकंप आता है तो इमारत की बुनियाद में कंपन होता है जिसके कारण बिल्डिंग में बहुत ज्यादा कंपन होता है. हमने कंप्यूटर के जरिये नए तरह के फाउंडेशन को स्टडी किया है, जिसमें पीरियोडिक रिपीटिंग स्ट्रक्चर्स होते हैं, जिसे हम मेटामैटीरियल फाउंडेशन कहते हैं. जब इस मेटामैटीरियल फाउंडेशन में भूकंप के कारण जब तरंगे आती हैं तो हमने कंप्यूटर पर स्टडी किया कि इस नए फाउंडेशन में कंपन की तीव्रता कम होती है और इमारत भी कम कंपन करती है. उनकी टीम ने एक नए तरह का मेटामैटीरियल फाउंडेशन डिजाइन किया है जिससे भूकंप के दौरान इमारतों को होने वाली क्षति को कम किया जा सकता है. डॉ. अर्पण गुप्ता ने बताया कि हमारा ये काम एक अंतरराष्ट्रीय जर्नल में भी छपा है और हमारी टीम इसे लेकर और एक्सपेरिमेंट भी कर रहे हैं.

आईआईटी मंडी
आईआईटी मंडी

क्या है मेटामैटीरियल- आईआईटी मंडी के शोधकर्ता बताते हैं कि धातु और प्लास्टिक जैसी सामग्री से बने कई तत्वों को जोड़कर एक मेटामैटीरियल तैयार किया जाता है. शोधकर्ताओं ने पाया की कंक्रीट की बनी ठोस नींव में कंपन अधिक पाई गई वहीं दूसरी ओर मेटामैटीरियल से बनी बुनियाद में बहुत कम कंपन हुआ.

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