चेन्नई : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास के शोधकर्ताओं ने विद्युतीकृत वाहनों (इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड) के ब्रेकिंग पर्फोंरमेंस को बेहतर बनाने के लिए रणनीति विकसित की है.
यह शोध विद्युतीकृत वाहनों (electrified vehicles ) में एक ब्रेकिंग सिस्टम को लागू करने में मदद कर सकता है, जो ब्रेकिंग सिस्टम की अड़चनों की दूर करेगा और सवारियों को अधिक आराम मुहैया करवा सकता है.
हालांकि इस तरह के ब्रेकिंग ऑल्टरनेट को हल्के सड़क वाहनों के लिए विकसित किया गया है, लेकिन ऐसी रणनीतियों की कमी है, जिसके माध्यम से भारी वाणिज्यिक सड़क वाहनों (जैसे बसों और ट्रकों) के ब्रेकिंग प्रदर्शन को 'रिजेनेरेटिव ब्रेकिंग' के माध्यम से बेहतर किया जा सकता है.'
इस रिसर्च का नेतृत्व प्रोफेसर सीएस शंकर राम ने किया, जो आईआईटी मद्रास के इंजीनियरिंग डिजाइन विभाग में कार्यरत हैं. उनके साथ रिसर्च में उनके अंतर्गत पीएचडी कर रहे डॉ वीएस केसवन ने किया.
उन्होंने वाहन के ब्रेकिंग प्रदर्शन पर 'फ्रिक्शन ब्रेक' और 'रिजेनरेटिव ब्रेक' की विभिन्न गतिशील विशेषताओं के प्रभाव का अध्ययन किया और विभिन्न रणनीतियों की खोज की. '
उनके अध्ययन के परिणामों को प्रतिष्ठित पीयर-रिव्यू जर्नल व्हीकल सिस्टम डायनामिक्स में प्रकाशित किया गया है.
इन क्षेत्रों में शोध की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए प्रोफेसर सी शंकर राम ने कहा कि विद्युतीकृत भारी सड़क वाहनों के एडोपशन को देखते हुए, ऑन-रोड ऑपरेशन के दौरान उनकी गतिशील प्रतिक्रिया का अध्ययन करना अनिवार्य है.
ब्रेक का उपयोग वाहनों के सुरक्षित संचालन को सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है, और यह शोध विद्युतीकृत भारी सड़क वाहनों के ब्रेकिंग पर ध्यान केंद्रित करता है.
उन्होंने बताया कि दो तरह के ब्रेकिंग सिस्टम होते हैं, जिनका उपयोग विद्युतीकृत वाहनों में किया जा रहा है.
1- फ्रिक्शन- बेस्ड ब्रेकिंग सिस्टम
यह पारंपरिक फोसिल ईंधन-आधारित होता है. यह भारी सड़क वाहनों के चालक द्वारा ब्रेक पेडल पर लागू होता है. इसका उपयोग वायवीय प्रणाली (pneumatic system) को विनियमित करने के लिए किया जाता है, जो आउटपुट फोर्स का उपयोग करके वाहन को रोकने के लिए किया जाता है.
यह काईनेटिक एनर्जी को हीट एनर्जी में परिवर्तित कर देता है और इस प्रकार ईंधन जलने से प्राप्त हुई ऊर्जा का एक हिस्सा घर्षण ब्रेकिंग के दौरान बर्बाद हो जाता.
2- रिजेनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम
रिजेनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम इलेक्ट्रिक वाहनों में एक अन्य ब्रेकिंग सिस्टम का उपयोग करके बर्बाद होने वाली ऊर्जा को कम करने के लिए एक व्यवस्था की जाती है, जिसे रिजेनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम कहा जाता है.
इसमें जब चालक ब्रेक फुट पेडल को दबाता है, तो पहियों की गति के कारण काईनेटिक एनर्जी का एक हिस्सा विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित हो जाता है, जो बैटरी में संग्रहीत हो जाता है और भविष्य में ड्राइविंग में उपयोग के लिए उपलब्ध होता है.
हालांकि, रिजेनरेटिव ब्रेकिंग वाहन की सभी परिस्थितियों को रोकने के लिए अपर्याप्त है, क्योंकि रिजेनरेटिव ब्रेक लगाना आमतौर पर हाई डिस्केलेरेशन उपलब्ध नहीं करवाता.
इसके अलावा जब बैटरी पूरी तरह से चार्ज हो जाती है या जब वाहन की गति एक निश्चित स्तर से कम हो जाती है, तो रिजेनरेटिव ब्रेकिंग अनुपलब्ध हो जाती है और पहियों पर कुल ब्रेक पावक ब्रेक से ही लगाया जाता है.
इसलिए विद्युतीकृत वाहनों में फ्रेकशन और रिजेनरेटिव ब्रेकिंग दोनों को सहकारी ऊर्जा संरक्षण सुनिश्चित करने और वाहन को उचित दूरी के भीतर रोकने के लिए उपयोग किया जाना चाहिए.
विद्युतीकृत वाहन इस तरह के सहकारी ब्रेकिंग सिस्टम के उपयोग के माध्यम से दोनों सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकते हैं.हालांकि, यहां एक महत्वपूर्ण हिस्सा निर्णय भी है.
दो ब्रेकिंग सिस्टम को कैसे संचालित करना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वाहन एक उचित दूरी के भीतर बंद हो सके. इसके अलावा दो ब्रेकिंग सिस्टम के बीच बदलाव के दौरान किसी भी झटके का अनुभव नहीं होता.
इस शोध के बारे में बात करते हुए प्रोफेसर सी एस शंकर राम ने कहा कि रिजेनरेटिव ब्रेकिंगकी तीव्र प्रतिक्रिया के कारण इसका स्विच-ऑफ वाहन को धीमा और गतिशील मापदंडों में गड़बड़ी पैदा कर सकता है
इस अध्ययन में टीम ने यह समझने की कोशिश की कि जब भारी सड़क वाहनों में ये दो ब्रेकिंग सिस्टम एक साथ या क्रमिक रूप से में लगाए जाते हैं, तो ब्रेकिंग प्रदर्शन कैसे प्रभावित होता है.
उन्होंने आगे मूल्यांकन किया कि रिजेनरेटिव ब्रेक को तुरंत और धीरे-धीरे बंद करने पर ब्रेकिंग प्रदर्शन कैसे प्रभावित होता है.
उन्होंने भरे और खाली दोनों सड़क वाहनों पर इन रणनीतियों के प्रभावों का अध्ययन किया और दो प्रकार की सड़कों शुष्क और बर्फीले पर इसका प्रभाव जाना.
हार्डवेयर-इन-लूप प्रयोगात्मक सेटअप में किए गए उपयुक्त प्रयोगों के माध्यम से विभिन्न रणनीतियों का मूल्यांकन किया गया था, जो आईपीजी ट्रकमेकर से सुसज्जित है, जो व्यावसायिक रूप से उपयोग किए जाने वाले वाहन गतिशील सिमुलेशन सॉफ्टवेयर है.
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इसके अलावा अध्ययन में यह पाया गया कि जब रिजेनरेटिव ब्रेकिंग को धीरे-धीरे बंद कर दिया गया था, तो घर्षण ब्रेक और रिजेनेरेटिव ब्रेक की विभिन्न गतिशील विशेषताओं के प्रभाव से धीमी गति में क्षणिक भिन्नता का प्रतिशत 80 फीसदी तक कम हो जाता है. इसका अलावा पिच गति में 79 प्रतिशत तक, निलंबन विचलन में 87प्रतिशत और व्हील स्लिप अनुपात में तात्कालिक स्विच-ऑफ के साथ तुलना में 90फीसदी कम होता है.
ये बेहतर ड्राइवर ब्रेकिंग फील, राइड कम्फर्ट और व्हीकल स्टेबिलिटी प्रदान करते हैं. इसलिए, इस अध्ययन द्वारा विकसित की गई रणनीतियां सुनिश्चित करेंगी कि किसी को वांछित ब्रेक की मांग को पूरा करने के साथ-साथ अच्छी सवारी सुविधा मिल सकती है और इसलिए यह विद्युतीकृत वाहन बाजार द्वारा विचार के लिए महत्वपूर्ण है.