कानपुर: हमेशा अपने नए-नए शोधों के लिये जाना जाने वाला आईआईटी कानपुर अब नदियों के कायाकल्प की तैयारी में है. इसके लिए आईआईटी के वरिष्ठ प्रोफेसर ने कुछ माह पहले सी गंगा संस्था के संस्थापक विनोद तारे से मुलाकात की थी. वहीं, उनके नेतृत्व में गंगा समेत 50 से अधिक उसकी सहायक नदियों को संरक्षित करने के तैयारी की थी. उन सभी नदियों पर काम शुरू हो चुका है. अब उन नदियों के साथ ही देश की 6 प्रमुख नदियों को संरक्षित करने की कवायद भी जल्द शुरू करने की बात कही है.
6 प्रमुख नदियों का हुआ चयन:आईआईटी के वरिष्ठ प्रोफेसर विनोद तारे ने बताया कि इस संबंध में सी गंगा की ओर से केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा जा चुका है. साथ ही जिन अन्य 6 प्रमुख नदियों का चयन किया गया है. उनमें महानदी, नर्मदा, गोदावरी, कावेरी, पेरियर और कृष्णा नदी शामिल है. इस पूरी कवायद में सबसे खास बात यह है कि नदियों की अविरलता और निर्मलता बरकरार रहेगी. इसके लिए देश के प्रमुख शिक्षण संस्थानों में शामिल आईआईटी, एनआईटी, आईआईएससी के विशेषज्ञ शोध में जुटेंगे. जहां प्रो. तारे के नेतृत्व में करीब 200 विशेषज्ञों की टीम तैयार है. इसके साथ ही नदियों को कैसे संरक्षित और पुर्नजीवित करना है. इसके लिए भी पूरी तैयारी कर ली गई है.
नदियों को संरक्षित करने का कामः आईआईटी के वरिष्ठ प्रोफेसर विनोद तारे ने ईटीवी से बातचीत में बताया कि देश के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा था कि देश की प्रमुुख नदियों को संरक्षित करने की दिशा में काम होना चाहिए. उसके बाद कई राज्यों ने नदियों का चयन किया और योजना बनाई. हालांकि जब सी-गंगा से सुझाव मांगा गया तो सी गंगा की ओर से प्रस्ताव तैयार कर केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय को भेज दिया गया.
गंगा को संरक्षित करने की दिशा में कार्य से मिली सराहना: प्रोफेसर विनोद तारे ने बताया कि जब देश की 5 नदियों को संरक्षित करने की योजना बनी तो सभी राज्यों के विशेषज्ञों ने सी-गंगा के कार्यों पर चर्चा की. जिसमें देखा गया कि गंगा नदी को संरक्षित करने की दिशा में अच्छा काम हुआ है. उसके बाद सभी नदियों को उनके पुराने स्वरूप में लाने के लिए सी-गंगा के पास प्रस्ताव भेजे गए. प्रो.तारे ने कहा कि आखिरी समय में महाराष्ट्र सरकार ने कृष्णा नदी को भी चयनित करने के लिए कहा. कृष्णा नदी की दो सहायक नदियां भीमा और चंद्रभागा भी मिलती हैं. जो पंढरपुर से होकर गुजरती हैं. इसमें उन नदियों को भी शामिल कर लिया गया है. अब जल्द ही देश की 6 प्रमुख नदियों के आसपास सुंदरीकरण, इनकी अविरलता और निर्मलता को बरकरार रखने के लिए काम शुरू कर दिया जाएगा.
प्रो.विनोद तारे बताया कि महानदी के लिए एनआईटी रायपुर व एनआईटी राउरकेला के विशेषज्ञ काम करेंगे. जबकि नर्मदा नदी के लिए आईआईटी इंदौर व आईआईटी गांधीनगर की टीम काम करेगी. वहीं, गोदावरी नदी के लिए नीरी नागपुर और आईआईटी हैदराबाद के विशेषज्ञ कार्य करेंगे. साथ ही कावेरी नदी के लिए आईआईएससी बेंगलुरु व एनआईटी त्रिची के विशेषज्ञ कार्य करेंगे. पेरियर नदी के लिए आईआईटी पलक्कड़ की टीमें काम करेंगी. कृष्णा नदी के लिए एनआईटी वारंगल व गोखले इंस्टीट्यूट के विशेषज्ञ काम करेंगे. इसके लिए पूरी तैयारी कर ली गई है.