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IIT Kanpur ने बनाया एप, 90 सेकंड में करेगा मिट्टी की गुणवत्ता की जांच - मृदा स्वास्थ्य रिपोर्ट

आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) ने मिट्टी की गुणवत्ता की जांच (soil quality test) करने वाला 'भू-परीक्षक' (Bhoo Parikshak) एप ईजाद किया है. एप के माध्यम से केवल 90 सेकंड में मिट्टी की गुणवत्ता का पता लगाया जा सकता है.

IIT Kanpur (file photo)
आईआईटी कानपुर (फाइल फोटो)
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Published : Dec 13, 2021, 3:31 PM IST

कानपुर (उप्र) : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर ने स्मार्टफोन का उपयोग करके मिट्टी की गुणवत्ता का पता लगाने के लिए एक नया तरीका ईजाद किया हैं जिसमें एक मोबाइल एप के माध्यम से केवल 90 सेकंड में मिट्टी की गुणवत्ता का पता लगाया जा सकता है और इसमें नमूने के रूप में मात्र पांच ग्राम मिट्टी का उपयोग करना पड़ता है.

गूगल प्ले स्टोर पर 'भू परीक्षक' एप
आईआईटी-कानपुर ने यहां जारी एक बयान में बताया कि अपनी तरह का यह पहला आविष्कार इन्फ्रारेड स्पेक्ट्रोस्कोपी तकनीक पर आधारित है जो स्मार्टफोन पर मृदा विश्लेषण रिपोर्ट प्रदान करता है. 'भू परीक्षक' नामक यह मोबाइल एप गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है.

बयान में कहा गया है कि पोर्टेबल मृदा परीक्षण उपकरण शीर्षक वाली तकनीक 'भू परीक्षक' में नमूने के रूप में पांच ग्राम सूखी मिट्टी की आवश्यकता होती है. एक बार पांच सेंटीमीटर लंबे बेलनाकार आकार के उपकरण में मिट्टी डालने के बाद, यह ब्लूटूथ के माध्यम से खुद को मोबाइल से जोड़ता है और 90 सेकंड के लिए मिट्टी का विश्लेषण करना शुरू कर देता है. विश्लेषण के बाद परीक्षण के परिणाम एक मृदा स्वास्थ्य रिपोर्ट (soil health report) के रूप में स्क्रीन पर दिखाई देते हैं.

पढ़ें- राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानक में होगा संशोधन, आईआईटी-कानपुर तैयार करेगा रूपरेखा

आईआईटी कानपुर के निदेशक अभय करंदीकर ने कहा, 'किसान हमारी देखभाल करते हैं और उन्हें बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. ऐसी ही एक कठिनाई उनकी मिट्टी की जांच करवाना और परिणाम के लिए कई दिनों तक इंतजार करना है लेकिन उन्हें अब कोई परेशानी नहीं होगी. मुझे खुशी है हमारी एक टीम ने इस तरह के एक उपकरण को विकसित किया हैं, जो मिट्टी की गुणवत्ता का आकलन करने में किसानों की सहायता करेगी.'

(पीटीआई-भाषा)

कानपुर (उप्र) : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर ने स्मार्टफोन का उपयोग करके मिट्टी की गुणवत्ता का पता लगाने के लिए एक नया तरीका ईजाद किया हैं जिसमें एक मोबाइल एप के माध्यम से केवल 90 सेकंड में मिट्टी की गुणवत्ता का पता लगाया जा सकता है और इसमें नमूने के रूप में मात्र पांच ग्राम मिट्टी का उपयोग करना पड़ता है.

गूगल प्ले स्टोर पर 'भू परीक्षक' एप
आईआईटी-कानपुर ने यहां जारी एक बयान में बताया कि अपनी तरह का यह पहला आविष्कार इन्फ्रारेड स्पेक्ट्रोस्कोपी तकनीक पर आधारित है जो स्मार्टफोन पर मृदा विश्लेषण रिपोर्ट प्रदान करता है. 'भू परीक्षक' नामक यह मोबाइल एप गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है.

बयान में कहा गया है कि पोर्टेबल मृदा परीक्षण उपकरण शीर्षक वाली तकनीक 'भू परीक्षक' में नमूने के रूप में पांच ग्राम सूखी मिट्टी की आवश्यकता होती है. एक बार पांच सेंटीमीटर लंबे बेलनाकार आकार के उपकरण में मिट्टी डालने के बाद, यह ब्लूटूथ के माध्यम से खुद को मोबाइल से जोड़ता है और 90 सेकंड के लिए मिट्टी का विश्लेषण करना शुरू कर देता है. विश्लेषण के बाद परीक्षण के परिणाम एक मृदा स्वास्थ्य रिपोर्ट (soil health report) के रूप में स्क्रीन पर दिखाई देते हैं.

पढ़ें- राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानक में होगा संशोधन, आईआईटी-कानपुर तैयार करेगा रूपरेखा

आईआईटी कानपुर के निदेशक अभय करंदीकर ने कहा, 'किसान हमारी देखभाल करते हैं और उन्हें बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. ऐसी ही एक कठिनाई उनकी मिट्टी की जांच करवाना और परिणाम के लिए कई दिनों तक इंतजार करना है लेकिन उन्हें अब कोई परेशानी नहीं होगी. मुझे खुशी है हमारी एक टीम ने इस तरह के एक उपकरण को विकसित किया हैं, जो मिट्टी की गुणवत्ता का आकलन करने में किसानों की सहायता करेगी.'

(पीटीआई-भाषा)

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