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IIT Indore: Phd छात्रों ने स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर से बनाया ऑटोमैटिक ड्रोन

आईआईटी इंदौर (Indian Institute of Technology Indore) से पीएचडी कर रहे छात्रों के एक ग्रुप ने (Self Reliant India) योजना के तहत उच्च गुणवत्ता वाला ड्रोन (Country Made High Quality Drone) तैयार किया है, जिसमें लगे सभी उपकरण स्वदेशी हैं.

ऑटोमैटिक ड्रोन
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Published : Sep 3, 2021, 2:59 PM IST

इंदौर : स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर के उपयोग से उपकरण तैयार करने के प्रयास में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (Indian Institute of Technology Indore-IIT) को काफी हद तक सफलता मिली है. IIT मद्रास (Indian Institute of Technology Madras) द्वारा तैयार शक्ति प्रोसेसर और सीडैक द्वारा तैयार वेगा प्रोसेसर से ड्रोन तैयार किया जा रहा है, यह ड्रोन स्वदेशी उपकरणों (Country Made High Quality Drone) के माध्यम से तैयार किए जा रहे हैं. भारत सरकार द्वारा आयोजित आत्मनिर्भर भारत (Self Reliant India) के तहत यह प्रयोग किया जा रहा है.

स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर से बनाया जा रहा ड्रोन

स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर चैलेंज (Indigenous Microprocessor Challenge) में 6169 टीमों ने भाग लिया था, इन टीमों ने स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर की मदद से उपकरण तैयार करने के लिए आवेदन किया था, इन टीमों में करीब 10 हजार के लगभग सदस्य शामिल थे, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान आईआईटी द्वारा भी स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर के माध्यम से उपकरण तैयार करने के लिए आवेदन किया था, जिसमें स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर का उपयोग कर ऑटोमैटिक ड्रोन तैयार करने का काम शुरू किया गया था, जिसमें आईटी इंदौर प्रथम 30 में जगह बनाने में सफल रहा है.

ऑटोमैटिक ड्रोन
ऑटोमैटिक ड्रोन

पढ़ें : इंदौर के नाम हुआ एक और रिकॉर्ड, 56 दुकान और सराफा चौपाटी को मिला सबसे क्लीन स्ट्रीट फूड हब का दर्जा

ड्रोन तकनीक पर एक साल से चल रहा काम

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान इंदौर (IIT Indore) के अधिकारियों के अनुसार ड्रोन तैयार करने वाली टीम में पीएचडी रिसर्चर गोपाल राउत, सौरभ कारकुन, शावेज मलिक, जोगेश कुमार और सुधीर रेड्डी शामिल हैं. ये सभी छात्र पिछले एक साल से ड्रोन तकनीक पर काम कर रहे हैं, यह ड्रोन ऑटोमैटिक तकनीक के आधार पर तैयार किया जा रहा है, जिसके माध्यम से जंगलों में होने वाली गतिविधियों पर भी नजर रखी जा सकेगी, साथ ही इसकी क्षमता करीब 10 किलोमीटर की होगी, इस ड्रोन को तैयार करने में सभी उपकरण स्वदेशी ही लगाए गए हैं, यानि इस ड्रोन में लगे सभी उपकरण भारत में ही तैयार किए गए हैं.

2500000 मिलेगा प्रथम पुरस्कार

भारत सरकार द्वारा आयोजित प्रतियोगिता के तहत तैयार किए जा रहे उपकरणों में भारत में तैयार उपकरणों का ही उपयोग किया जा रहा है, वहीं भारत के वेगा प्रोसेसर और शक्ति प्रोसेसर के माध्यम से इन उपकरणों को तैयार किया जा रहा है, वर्तमान में 30 टीमों का चयन किया गया है, जिसमें से अंतिम 10 टीमों का चयन किया जाएगा, जिसमें सफलता पाने वाली टीम को ₹2500000 बतौर पुरस्कार दिया जाएगा. आईआईटी द्वारा तैयार किए गए ड्रोन (Country Made High Quality Drone) का चयन किया जाता है तो यह देश का पहला स्वदेशी ड्रोन होगा, जिसमें भारत में बनाए गए उपकरणों का ही उपयोग किया गया होगा.

इंदौर : स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर के उपयोग से उपकरण तैयार करने के प्रयास में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (Indian Institute of Technology Indore-IIT) को काफी हद तक सफलता मिली है. IIT मद्रास (Indian Institute of Technology Madras) द्वारा तैयार शक्ति प्रोसेसर और सीडैक द्वारा तैयार वेगा प्रोसेसर से ड्रोन तैयार किया जा रहा है, यह ड्रोन स्वदेशी उपकरणों (Country Made High Quality Drone) के माध्यम से तैयार किए जा रहे हैं. भारत सरकार द्वारा आयोजित आत्मनिर्भर भारत (Self Reliant India) के तहत यह प्रयोग किया जा रहा है.

स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर से बनाया जा रहा ड्रोन

स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर चैलेंज (Indigenous Microprocessor Challenge) में 6169 टीमों ने भाग लिया था, इन टीमों ने स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर की मदद से उपकरण तैयार करने के लिए आवेदन किया था, इन टीमों में करीब 10 हजार के लगभग सदस्य शामिल थे, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान आईआईटी द्वारा भी स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर के माध्यम से उपकरण तैयार करने के लिए आवेदन किया था, जिसमें स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर का उपयोग कर ऑटोमैटिक ड्रोन तैयार करने का काम शुरू किया गया था, जिसमें आईटी इंदौर प्रथम 30 में जगह बनाने में सफल रहा है.

ऑटोमैटिक ड्रोन
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पढ़ें : इंदौर के नाम हुआ एक और रिकॉर्ड, 56 दुकान और सराफा चौपाटी को मिला सबसे क्लीन स्ट्रीट फूड हब का दर्जा

ड्रोन तकनीक पर एक साल से चल रहा काम

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान इंदौर (IIT Indore) के अधिकारियों के अनुसार ड्रोन तैयार करने वाली टीम में पीएचडी रिसर्चर गोपाल राउत, सौरभ कारकुन, शावेज मलिक, जोगेश कुमार और सुधीर रेड्डी शामिल हैं. ये सभी छात्र पिछले एक साल से ड्रोन तकनीक पर काम कर रहे हैं, यह ड्रोन ऑटोमैटिक तकनीक के आधार पर तैयार किया जा रहा है, जिसके माध्यम से जंगलों में होने वाली गतिविधियों पर भी नजर रखी जा सकेगी, साथ ही इसकी क्षमता करीब 10 किलोमीटर की होगी, इस ड्रोन को तैयार करने में सभी उपकरण स्वदेशी ही लगाए गए हैं, यानि इस ड्रोन में लगे सभी उपकरण भारत में ही तैयार किए गए हैं.

2500000 मिलेगा प्रथम पुरस्कार

भारत सरकार द्वारा आयोजित प्रतियोगिता के तहत तैयार किए जा रहे उपकरणों में भारत में तैयार उपकरणों का ही उपयोग किया जा रहा है, वहीं भारत के वेगा प्रोसेसर और शक्ति प्रोसेसर के माध्यम से इन उपकरणों को तैयार किया जा रहा है, वर्तमान में 30 टीमों का चयन किया गया है, जिसमें से अंतिम 10 टीमों का चयन किया जाएगा, जिसमें सफलता पाने वाली टीम को ₹2500000 बतौर पुरस्कार दिया जाएगा. आईआईटी द्वारा तैयार किए गए ड्रोन (Country Made High Quality Drone) का चयन किया जाता है तो यह देश का पहला स्वदेशी ड्रोन होगा, जिसमें भारत में बनाए गए उपकरणों का ही उपयोग किया गया होगा.

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