शिमला: प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में सुबह 8:15 पर अचानक हुए धमाके से पूरा आसपास का इलाका दहल गया. कुछ देर तक समझ ही नहीं आया कि आखिर हुआ क्या है. कहीं मरीज दौड़ते हुआ नजर आया तो कोई तीमारदार चिल्लाता हुआ नजर आया कि अस्पताल में आग लग गई है. देखते ही देखते आसपास का इलाका धुआं-धुआं हो गया.
गैस चूल्हा ऑन करते हो गया धमाका: आईजीएमसी प्रबंधन से मिली जानकारी के मुताबिक हादसा दो सिलेंडर के फटने से हुआ. 8:15 कैंटीन कर्मचारी ने जैसे ही गैस चूल्हा ऑन किया वैसे ही जोरदार धमाका हुआ. 8 बजकर 50 मिनट पर अग्निशमन विभाग को सूचित किया गया ,उसके बाद ही अग्निशमन विभाग मौके पर पहुंचा और आग बुझाने का काम शुरू किया.
6 कमरे जलकर हो गए राख: आईजीएमसी में हुई इस आगजनी में 6 कमरे जलकर राख हो गए. वहीं, प्रबंधन का कहना है कि 29 कमरों को आग लगने से बचा लिया गया. इस दौरान 2 सुरक्षा कर्मी के हाथ जल गए और कई को धुआं भी लगा, लेकिन सभी की हालत ठीक है.
लाखों का नुकसान: आईजीएमसी में कैंटीन में लगी आग में लाखों रुपयों का नुकसान हो गया अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि करीब 60 लाख के आसपास नुकसान हुआ है. मुख्य अग्निशमन अधिकारी महेश शर्मा ने बताया कि उन्हें 8:50 पर सूचना मिली कि आईजीएमसी में आग लगी है . उन्होने बताया कि आग 2 सिलेंडर के फटने से लगी. उन्होंने कहा कि वर्कर जैसे ही गैस ऑन किया जोरदार धमाका हो गया. ऐसा माना जा रहा है कि गैस पहले से लीक हो रही थी.इसी वजह से पूरे कमरे में गैस भर गई होगी और जल्दी से फैल गई होगी.
पुराने भवन में लगी ओपीडी: नए भवन को आगजनी के कारण बंद कर दिया गया. मरीजों को परेशानी ना हो इसके लिए पुराने भवन में पहले की तरह ओपीडी लगाई गई. आईजीएमसी सुरक्षा के सीएसओ भीम सिंह गुलेरिया ने बताया कि सुबह 8:15 पर आग लगी और जैसे ब्लास्ट की आवाज आई सभी सुरक्षा कर्मी घटना स्थल पर पहुंत गए. आग बुझाने लगे और अंदर रखा सामान बाहर निकाल दिया. इस दौरान 2 सुरक्षा कर्मी के हाथ जल गए और कई को धुआं भी लगा, लेकिन सभी की हालत ठीक है.
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