ETV Bharat / bharat

सरकारी गाड़ी नहीं, साइकिल से ऑफिस जाते हैं ये IAS, गफलत में पड़ जाते हैं अधिकारी - देहरादून ताजा समाचार टुडे

उत्तराखंड में सचिव स्तर के आईएएस अधिकारी इन दिनों काफी चर्चाओं में हैं. एक तरफ जहां आज अधिकांश अधिकारी अपना रूतबा जमाने के लिए लग्जरी गाड़ियों का इस्तेमाल करते हैं. वहीं उत्तराखंड के एक आईएएस अधिकारी ऐसे भी हैं, जो सरकारी कार को छोड़कर साइकिल से ऑफिस पहुंचते हैं. साइकिल पर ऑफिस आकर ये आईएएस अधिकारी फिट इंडिया और पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहे हैं.

IAS officer BVRC Purushottam
आईएएस अधिकारी बीवीआरसी पुरुषोत्तम
author img

By

Published : Aug 5, 2022, 11:25 AM IST

Updated : Aug 5, 2022, 8:17 PM IST

देहरादून: आईएएस अफसरों की शानो शौकत के तो देश में कई किस्से मिल जाएंगे, लेकिन आपको सुनने में शायद अजीब लगे कि उत्तराखंड का एक आईएएस अफसर लग्जरी गाड़ी नहीं बल्कि साइकिल से दफ्तर जाना पसंद करता है. जी हां, अपनी सरलता और ईमानदारी के लिए जाने जाने वाले 2004 बैच के आईएएस अधिकारी बीवीआरसी पुरुषोत्तम इन दिनों अपनी इसी बात के लिए सचिवालय में चर्चाओं का केंद्र बने हुए हैं. यह कहा जा सकता है कि पर्यावरण और स्वास्थ्य को लेकर विश्व साइकिलिंग दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संदेश का असल अनुसरण राज्य में बीवीआरसी पुरुषोत्तम ही कर रहे हैं. देखिये रिपोर्ट..

उत्तराखंड के आईएएस अधिकारी बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने प्रदेशवासियों को अपनी दिनचर्या के जरिए कुछ ऐसा संदेश दिया है जो न केवल पर्यावरण के लिहाज से बेहद अहम हैं बल्कि लोगों के स्वास्थ्य के लिए भी जरूरी है. जी हां, वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन से लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साइकिलिंग के जिस फायदे को बता रहे हैं. IAS अफसर बीवीआरसी पुरुषोत्तम उसे अपने जीवन मे उतार चुके हैं.
पढ़ें- कॉर्बेट अतिक्रमण केस: 3 IFS अफसरों के खिलाफ विजिलेंस जांच पूरी, FIR का इंतजार, लपेटे में आ सकते हैं हरक

यूं तो वो अपनी सरलता और ईमानदारी को लेकर सचिवालय में जाने जाते हैं लेकिन आजकल चर्चा उनके उस रूप की हो रही है जो हेलमेट के साथ साइकिल चलाते हुए दिखाई दे रहा है. हैरानी की बात यह है कि बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने केवल साइकिल में अपने निश्चित समय पर सचिवालय पहुंचते हैं बल्कि यहां से अपने बाकी विभागों के कार्यालयों में भी बैठकों के लिए निकल जाते हैं.

साइकिल से ऑफिस जाते हैं ये IAS अफसर.

कैसे जागा साइकिल प्रेम: हालांकि, बीवीआरसी पुरुषोत्तम अपनी जीवन शैली को सार्वजनिक करने से बचते रहे हैं लेकिन जब यह बात उनके स्टाफ के मार्फत सामने आई तो हर कोई उनका कायल दिखाई दिया. बीवीआरसी पुरुषोत्तम बताते हैं कि वैसे तो फिटनेस को लेकर वो पिछले कई सालों से लगातार साइकिलिंग कर रहे हैं लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पर्यावरण और फिटनेस को लेकर शुरू किए गए अभियान और दिए गये संदेश के बाद उन्होंने दफ्तर में भी साइकिल से पहुंचना शुरू किया. सबसे पहले उन्होंने भारत सरकार में काम करने के दौरान इसे प्रयोग के तौर पर किया. शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी संभालने के दौरान भी वो दिल्ली में साइकिल से ही अपने कार्यालय पहुंचते थे. फिर धीरे-धीरे ये उनके रूटीन का हिस्सा बन गया है.
पढ़ें- हल्द्वानी में कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने ली जिला योजना की बैठक, 51.51 करोड़ का बजट आवंटित

अब सुबह 4 बजे से ही वो साइकिलिंग करते दिखाई देते हैं. वो अपने घर से करीब 20 किलोमीटर तक साइकिल चलाकर अपने साथियों के साथ फिजिकल फिटनेस पर काम करते हुए दिखाई देते हैं. बीवीआरसी पुरुषोत्तम बताते हैं कि साइकिलिंग के जरिए वह अपनी फिटनेस को बनाए रखते हैं. वो कहते हैं कि जैसे-जैसे उन्होंने साइकिलिंग को अपने जीवन में उतारा वो पहले के मुकाबले काफी एक्टिव हो पाए, और मानसिक रूप से भी उन्हें फायदा हुआ. लिहाजा, इसका पूरा असर उन्हें अपने काम पर भी दिखा.

बीवीआरसी पुरुषोत्तम का कार्यकाल: साल 2008 उत्तरकाशी के जिलाधिकारी बनने के बाद वो उधमसिंह नगर के जिलाधिकारी बनाए गए. साल 2011 में शासन में अपर सचिव पद पर तैनात हुए. कांग्रेस की सरकार आने पर साल 2013 में देहरादून के जिलाधिकारी बने. इसके बाद भारत सरकार में पर्यटन राज्य मंत्री महेश शर्मा के साथ दिल्ली में काम किया.

साल 2019 में उत्तराखंड वापस आए और गढ़वाल कमिश्नर की जिम्मेदारी संभाली. इसके बाद मोदी सरकार में शिक्षा मंत्री रहे डॉ रमेश पोखरियाल निशंक के जिम्मेदारी संभालने के बाद उनके निजी सचिव के रूप में भी दिल्ली में काम किया. साल 2022 में ही दिल्ली से उनकी वापसी उत्तराखंड हुई. यहां वर्तमान में वो सहकारिता, मत्स्य डेयरी और पशुपालन जैसे विभाग के सचिव के तौर पर काम कर रहे हैं.

कई भाषाओं का है ज्ञान: आईएएस अधिकारी बीवीआरसी पुरुषोत्तम को कई भाषाओं की अच्छी जानकारी है. बीवीआरसी पुरुषोत्तम की फ्रेंच भाषा पर अच्छी पकड़ है. इसके अलावा वे हिंदी, अंग्रेजी, तमिल और गढ़वाली भी बोलते हैं. जून 2019 में गढ़वाल कमिश्नरी के 50 साल पूरे होने पर सुनैरो गढ़वाल कार्यक्रम आयोजित हुआ था. सरकार ने पौड़ी में इस उपलक्ष्य में कैबिनेट की बैठक की थी.

मंत्रियों और विधायकों ने अपने स्टेटस तो गढ़वाली में लिखे थे, लेकिन ज्यादातर लोग हिंदी में भाषण देते नजर आए. तत्कालीन गढ़वाल आयुक्त बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने अपना संबोधन गढ़वाली भाषा में दिया था. पुरुषोत्तम ने कहा था- 'इ भाषा ही छ कि दक्षिण भारत कु आदमी गढ़वाली मा अपणी बात बोलणु छ.' ये सुनकर पूरा पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा था.

देहरादून: आईएएस अफसरों की शानो शौकत के तो देश में कई किस्से मिल जाएंगे, लेकिन आपको सुनने में शायद अजीब लगे कि उत्तराखंड का एक आईएएस अफसर लग्जरी गाड़ी नहीं बल्कि साइकिल से दफ्तर जाना पसंद करता है. जी हां, अपनी सरलता और ईमानदारी के लिए जाने जाने वाले 2004 बैच के आईएएस अधिकारी बीवीआरसी पुरुषोत्तम इन दिनों अपनी इसी बात के लिए सचिवालय में चर्चाओं का केंद्र बने हुए हैं. यह कहा जा सकता है कि पर्यावरण और स्वास्थ्य को लेकर विश्व साइकिलिंग दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संदेश का असल अनुसरण राज्य में बीवीआरसी पुरुषोत्तम ही कर रहे हैं. देखिये रिपोर्ट..

उत्तराखंड के आईएएस अधिकारी बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने प्रदेशवासियों को अपनी दिनचर्या के जरिए कुछ ऐसा संदेश दिया है जो न केवल पर्यावरण के लिहाज से बेहद अहम हैं बल्कि लोगों के स्वास्थ्य के लिए भी जरूरी है. जी हां, वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन से लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साइकिलिंग के जिस फायदे को बता रहे हैं. IAS अफसर बीवीआरसी पुरुषोत्तम उसे अपने जीवन मे उतार चुके हैं.
पढ़ें- कॉर्बेट अतिक्रमण केस: 3 IFS अफसरों के खिलाफ विजिलेंस जांच पूरी, FIR का इंतजार, लपेटे में आ सकते हैं हरक

यूं तो वो अपनी सरलता और ईमानदारी को लेकर सचिवालय में जाने जाते हैं लेकिन आजकल चर्चा उनके उस रूप की हो रही है जो हेलमेट के साथ साइकिल चलाते हुए दिखाई दे रहा है. हैरानी की बात यह है कि बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने केवल साइकिल में अपने निश्चित समय पर सचिवालय पहुंचते हैं बल्कि यहां से अपने बाकी विभागों के कार्यालयों में भी बैठकों के लिए निकल जाते हैं.

साइकिल से ऑफिस जाते हैं ये IAS अफसर.

कैसे जागा साइकिल प्रेम: हालांकि, बीवीआरसी पुरुषोत्तम अपनी जीवन शैली को सार्वजनिक करने से बचते रहे हैं लेकिन जब यह बात उनके स्टाफ के मार्फत सामने आई तो हर कोई उनका कायल दिखाई दिया. बीवीआरसी पुरुषोत्तम बताते हैं कि वैसे तो फिटनेस को लेकर वो पिछले कई सालों से लगातार साइकिलिंग कर रहे हैं लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पर्यावरण और फिटनेस को लेकर शुरू किए गए अभियान और दिए गये संदेश के बाद उन्होंने दफ्तर में भी साइकिल से पहुंचना शुरू किया. सबसे पहले उन्होंने भारत सरकार में काम करने के दौरान इसे प्रयोग के तौर पर किया. शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी संभालने के दौरान भी वो दिल्ली में साइकिल से ही अपने कार्यालय पहुंचते थे. फिर धीरे-धीरे ये उनके रूटीन का हिस्सा बन गया है.
पढ़ें- हल्द्वानी में कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने ली जिला योजना की बैठक, 51.51 करोड़ का बजट आवंटित

अब सुबह 4 बजे से ही वो साइकिलिंग करते दिखाई देते हैं. वो अपने घर से करीब 20 किलोमीटर तक साइकिल चलाकर अपने साथियों के साथ फिजिकल फिटनेस पर काम करते हुए दिखाई देते हैं. बीवीआरसी पुरुषोत्तम बताते हैं कि साइकिलिंग के जरिए वह अपनी फिटनेस को बनाए रखते हैं. वो कहते हैं कि जैसे-जैसे उन्होंने साइकिलिंग को अपने जीवन में उतारा वो पहले के मुकाबले काफी एक्टिव हो पाए, और मानसिक रूप से भी उन्हें फायदा हुआ. लिहाजा, इसका पूरा असर उन्हें अपने काम पर भी दिखा.

बीवीआरसी पुरुषोत्तम का कार्यकाल: साल 2008 उत्तरकाशी के जिलाधिकारी बनने के बाद वो उधमसिंह नगर के जिलाधिकारी बनाए गए. साल 2011 में शासन में अपर सचिव पद पर तैनात हुए. कांग्रेस की सरकार आने पर साल 2013 में देहरादून के जिलाधिकारी बने. इसके बाद भारत सरकार में पर्यटन राज्य मंत्री महेश शर्मा के साथ दिल्ली में काम किया.

साल 2019 में उत्तराखंड वापस आए और गढ़वाल कमिश्नर की जिम्मेदारी संभाली. इसके बाद मोदी सरकार में शिक्षा मंत्री रहे डॉ रमेश पोखरियाल निशंक के जिम्मेदारी संभालने के बाद उनके निजी सचिव के रूप में भी दिल्ली में काम किया. साल 2022 में ही दिल्ली से उनकी वापसी उत्तराखंड हुई. यहां वर्तमान में वो सहकारिता, मत्स्य डेयरी और पशुपालन जैसे विभाग के सचिव के तौर पर काम कर रहे हैं.

कई भाषाओं का है ज्ञान: आईएएस अधिकारी बीवीआरसी पुरुषोत्तम को कई भाषाओं की अच्छी जानकारी है. बीवीआरसी पुरुषोत्तम की फ्रेंच भाषा पर अच्छी पकड़ है. इसके अलावा वे हिंदी, अंग्रेजी, तमिल और गढ़वाली भी बोलते हैं. जून 2019 में गढ़वाल कमिश्नरी के 50 साल पूरे होने पर सुनैरो गढ़वाल कार्यक्रम आयोजित हुआ था. सरकार ने पौड़ी में इस उपलक्ष्य में कैबिनेट की बैठक की थी.

मंत्रियों और विधायकों ने अपने स्टेटस तो गढ़वाली में लिखे थे, लेकिन ज्यादातर लोग हिंदी में भाषण देते नजर आए. तत्कालीन गढ़वाल आयुक्त बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने अपना संबोधन गढ़वाली भाषा में दिया था. पुरुषोत्तम ने कहा था- 'इ भाषा ही छ कि दक्षिण भारत कु आदमी गढ़वाली मा अपणी बात बोलणु छ.' ये सुनकर पूरा पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा था.

Last Updated : Aug 5, 2022, 8:17 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.