ETV Bharat / bharat

Pakistan Econimic Crisis : मुझे लगता है कि पीएम मोदी पाकिस्तान की मदद करेंगे : पूर्व रॉ प्रमुख दुलत

रॉ के रिसर्च एंड एनालिसिस विंग के पूर्व प्रमुख अमरजीत सिंह दुलत का कहना है कि पीएम नरेंद्र मोदी इस वर्ष के अंत तक आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान की मदद करेंगे. दुलत ने एक इंटरव्यू में उक्त बातें कहीं. साथ ही उन्होंने ईरान-रूस और चीन के बीच गठजोड़ तैयार होने की चेतावनी दी ह

Former RAW chief Dulat
पूर्व रॉ प्रमुख दुलत
author img

By

Published : Feb 25, 2023, 5:25 PM IST

कोलकाता : भारतीय गुप्चतर एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के पूर्व प्रमुख अमरजीत सिंह दुलत ने कहा कि मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस साल के अंत में किसी समय पाकिस्तान की ओर शांति का हाथ बढ़ाएंगे और पिछले कुछ महीनों से राजनीतिक एवं आर्थिक संकट से जूझ रहे पड़ोसी देश की मदद करेंगे. दुलत ने भारत के नये सहयोगी अमेरिका के 'बहुत दूर होने, और हमारे पड़ोसियों के कहीं नजदीक होने' का जिक्र करते हुए यह भी चेतावनी दी कि ईरान-रूस-चीन का एक ताकतवर गठजोड़ तैयार हो रहा है.

रॉ के पूर्व निदेशक ने एक साक्षात्कार में कहा, 'पाकिस्तान से बातचीत करने के लिए 'हर समय' बेहतर समय है. हमें अपने पड़ोसियों से संपर्क बनाए रखने की जरूरत है.' उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि थोड़ा और सार्वजनिक संपर्क के साथ वार्ता खुली रखी जाए. ऐसा समझा जाता है कि दुलत ने रॉ प्रमुख रहने के दौरान पड़ोसी देश में कई गुप्तचर अभियान संचालित किए थे.

दुलत ने कहा, 'मुझे लगता है कि इस साल मोदी जी पाकिस्तान की मदद करेंगे. कोई अंदरूनी सूचना नहीं है, लेकिन मुझे ऐसा लगता है.' घटते विदेशी मुद्रा भंडार, राष्ट्रव्यापी बिजली कटौती, राजनीतिक अस्थिरता और डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपये के (मूल्य) गिरने ने पड़ोसी देश को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से वित्तीय राहत पैकेज मांगने के लिए मजबूर कर दिया है.

कई विश्लेषकों का मानना है कि संकट से निपटने की पाकिस्तान की पुरानी पद्धति अब काम नहीं कर रही है और इसलिए यह भारत के साथ शांति एवं व्यापार की बात करने के लिए कहीं अधिक खुला हो सकता है. हालांकि, दुलत ने कहा कि पाकिस्तान के साथ मेलजोल हमेशा ही 'घरेलू राजनीति से प्रभावित रहा है.' दोनों पड़ोसी देशों के बीच अतीत में शांति वार्ता घरेलू धारणाओं की बंधक रही है और पाकिस्तान ने भारत को सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र का दर्जा देने से इनकार किया है, जबकि वह (पाकिस्तान) विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के सभी हस्ताक्षरकर्ताओं को इसे प्रदान करने के लिए आबद्ध है.

पूर्व रॉ प्रमुख ने कहा कि चीन के लिए कूटनीतिक कोशिश को और अधिक खुली कूटनीति का रूप देने की जरूरत है...(जहां चीन को) ऐसा लगे कि भारत उसके प्रति मददगार रहने का इरादा रखता है. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच बैठकों के बावजूद अमेरिका को भी भारत प्रसन्न करता रहा है. उन्होंने कहा, 'आप रुख से पलट जाते हैं और ट्रंप का स्वागत करते हैं, जो चीनियों को पसंद नहीं आता है.'

उन्होंने कहा कि सभी पक्षों के साथ अच्छे संबंध बनाये रखना भारत की गुटनिरपेक्ष परंपरा का हिस्सा रहा है. पूर्व रॉ प्रमुख ने यह भी चेतावनी दी कि ईरान-रूस-चीन का एक ताकतवर गठजोड़ तैयार हो रहा है. पड़ोसी देशों के साथ बेहतर संबंध की जरूरत को रेखांकित करते हुए दुलत ने कहा, 'अमेरिका के साथ हमारे संबंध बेहतर हुए हैं, जो कि बहुत सकारात्मक है. लेकिन अमेरिका (भौगोलिक रूप से) बहुत दूर है, हमारे पड़ोसी कहीं नजदीक हैं.'

ये भी पढ़ें - Pakistan Not Learning Lessons From Economic Crisis : पाकिस्तान है कि सुधरता नहीं- पास में पैसे नहीं, पर 'कश्मीर-राग' से परहेज नहीं

(पीटीआई-भाषा)

कोलकाता : भारतीय गुप्चतर एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के पूर्व प्रमुख अमरजीत सिंह दुलत ने कहा कि मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस साल के अंत में किसी समय पाकिस्तान की ओर शांति का हाथ बढ़ाएंगे और पिछले कुछ महीनों से राजनीतिक एवं आर्थिक संकट से जूझ रहे पड़ोसी देश की मदद करेंगे. दुलत ने भारत के नये सहयोगी अमेरिका के 'बहुत दूर होने, और हमारे पड़ोसियों के कहीं नजदीक होने' का जिक्र करते हुए यह भी चेतावनी दी कि ईरान-रूस-चीन का एक ताकतवर गठजोड़ तैयार हो रहा है.

रॉ के पूर्व निदेशक ने एक साक्षात्कार में कहा, 'पाकिस्तान से बातचीत करने के लिए 'हर समय' बेहतर समय है. हमें अपने पड़ोसियों से संपर्क बनाए रखने की जरूरत है.' उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि थोड़ा और सार्वजनिक संपर्क के साथ वार्ता खुली रखी जाए. ऐसा समझा जाता है कि दुलत ने रॉ प्रमुख रहने के दौरान पड़ोसी देश में कई गुप्तचर अभियान संचालित किए थे.

दुलत ने कहा, 'मुझे लगता है कि इस साल मोदी जी पाकिस्तान की मदद करेंगे. कोई अंदरूनी सूचना नहीं है, लेकिन मुझे ऐसा लगता है.' घटते विदेशी मुद्रा भंडार, राष्ट्रव्यापी बिजली कटौती, राजनीतिक अस्थिरता और डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपये के (मूल्य) गिरने ने पड़ोसी देश को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से वित्तीय राहत पैकेज मांगने के लिए मजबूर कर दिया है.

कई विश्लेषकों का मानना है कि संकट से निपटने की पाकिस्तान की पुरानी पद्धति अब काम नहीं कर रही है और इसलिए यह भारत के साथ शांति एवं व्यापार की बात करने के लिए कहीं अधिक खुला हो सकता है. हालांकि, दुलत ने कहा कि पाकिस्तान के साथ मेलजोल हमेशा ही 'घरेलू राजनीति से प्रभावित रहा है.' दोनों पड़ोसी देशों के बीच अतीत में शांति वार्ता घरेलू धारणाओं की बंधक रही है और पाकिस्तान ने भारत को सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र का दर्जा देने से इनकार किया है, जबकि वह (पाकिस्तान) विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के सभी हस्ताक्षरकर्ताओं को इसे प्रदान करने के लिए आबद्ध है.

पूर्व रॉ प्रमुख ने कहा कि चीन के लिए कूटनीतिक कोशिश को और अधिक खुली कूटनीति का रूप देने की जरूरत है...(जहां चीन को) ऐसा लगे कि भारत उसके प्रति मददगार रहने का इरादा रखता है. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच बैठकों के बावजूद अमेरिका को भी भारत प्रसन्न करता रहा है. उन्होंने कहा, 'आप रुख से पलट जाते हैं और ट्रंप का स्वागत करते हैं, जो चीनियों को पसंद नहीं आता है.'

उन्होंने कहा कि सभी पक्षों के साथ अच्छे संबंध बनाये रखना भारत की गुटनिरपेक्ष परंपरा का हिस्सा रहा है. पूर्व रॉ प्रमुख ने यह भी चेतावनी दी कि ईरान-रूस-चीन का एक ताकतवर गठजोड़ तैयार हो रहा है. पड़ोसी देशों के साथ बेहतर संबंध की जरूरत को रेखांकित करते हुए दुलत ने कहा, 'अमेरिका के साथ हमारे संबंध बेहतर हुए हैं, जो कि बहुत सकारात्मक है. लेकिन अमेरिका (भौगोलिक रूप से) बहुत दूर है, हमारे पड़ोसी कहीं नजदीक हैं.'

ये भी पढ़ें - Pakistan Not Learning Lessons From Economic Crisis : पाकिस्तान है कि सुधरता नहीं- पास में पैसे नहीं, पर 'कश्मीर-राग' से परहेज नहीं

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.