अमरावती: वाईएस जगन मोहन रेड्डी (YS Jagan Mohan Reddy) सरकार ने सोमवार को यह कहकर विवाद पैदा कर दिया कि हैदराबाद (hyderabad) 2024 तक आंध्र प्रदेश की राजधानी (capital of andhra pradesh) बनी रहेगी. इसके बाद प्रदेश में प्रमुख विपक्षी पार्टी तेलुगु देशम पार्टी ने कहा कि अगर हैदराबाद राजधानी है तो सत्तारूढ़ दल अपना कामकाम हैदराबाद से करे.
यह विवाद तीन मार्च के आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के फैसले की पृष्ठभूमि में आया है. फैसले में कहा गया है कि राज्य विधानमंडल में राजधानी को स्थानांतरित करने, विभाजित करने के लिए कोई कानून बनाने के लिए 'पात्रता का अभाव' है. नए विवाद को जन्म देते हुए नगर निकाय प्रशासन मंत्री बी सत्यनारारणय (Municipal Administration Minister B Satyanarayanay) ने कहा कि आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2014 के तहत 2024 तक हैदराबाद राज्य की राजधानी है.
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उन्होंने दावा किया कि चंद्रबाबू नायडू की पिछली सरकार अमरावती को राज्य की राजधानी के तौर पर संसद या केंद्र की मंजूरी नहीं दिला सकी. उन्होंने कहा कि राजधानी को तब मान्यता मिलगी तब राज्य के फैसले को संसद से मंजूरी मिले और यह उनके निजी विचार हैं.